Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2018 · 1 min read

दैत्य

बलात्कार पर केंद्रित एक कविता
दैत्य
दृग दैत्य
कलुष कृत्य
वासना वीभत्स
दुष्ट दुश्शासन
विकृत मनसा
लम्पट लालसा
भूखे भेड़िये
राह में बहेलिये
भीत बेटियाँ
खतरे की घंटियाँ
हरपल भाँपती
मन ही मन कांपती
बचती बचाती
दामन को छुपाती
खंडित मान
मन लहूलुहान
रूह की बोटियाँ
सियासत की रोटियाँ
जलती मोमबत्तियाँ
अनगिन आपत्तियाँ
फिर एक यक्ष-प्रश्न
कहाँ है कृष्ण?
द्रौपदी की लाज?
सोचें आज समाज।
संकल्प एक उठाओ।
इस दैत्य को जलाओ।

-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
2 Likes · 753 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
*भले कितनी हो लंबी रात,दिन फिर भी निकलता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
सावन भादों
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समय और मौसम सदा ही बदलते रहते हैं।इसलिए स्वयं को भी बदलने की
समय और मौसम सदा ही बदलते रहते हैं।इसलिए स्वयं को भी बदलने की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2299.पूर्णिका
2299.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी जब जब हमें
जिंदगी जब जब हमें
ruby kumari
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
#अग्रिम_शुभकामनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
Manoj Mahato
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
लोकतंत्र
लोकतंत्र
Sandeep Pande
Happy Father Day, Miss you Papa
Happy Father Day, Miss you Papa
संजय कुमार संजू
रूप का उसके कोई न सानी, प्यारा-सा अलवेला चाँद।
रूप का उसके कोई न सानी, प्यारा-सा अलवेला चाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज के युग में कल की बात
आज के युग में कल की बात
Rituraj shivem verma
मुझे फर्क पड़ता है।
मुझे फर्क पड़ता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
झोली फैलाए शामों सहर
झोली फैलाए शामों सहर
नूरफातिमा खातून नूरी
बोझ
बोझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा गीत रहा है
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा गीत रहा है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
"बेहतर"
Dr. Kishan tandon kranti
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अभिनय से लूटी वाहवाही
अभिनय से लूटी वाहवाही
Nasib Sabharwal
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Rajni kapoor
Loading...