Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2018 · 1 min read

बेबस गरीब

बेबस गरीब
गरीब आदमी तो बेबस है
बस नारा खायेगा।
जो गरीबों का कर्णधार,
वो चारा खायेगा।
खेल,रेल,कोयला अभिशापम
कहीं टॉपर तो कहीं व्यापम।
मंदिर,मस्जिद और देवालय।
खानेवाले खा गए शौचालय।
हुआ है बंटाधार, आधार,
अब क्या वो बेचारा खायेगा?
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
1 Like · 569 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सच तो रोशनी का आना हैं
सच तो रोशनी का आना हैं
Neeraj Agarwal
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सुबह की किरणें "
Yogendra Chaturwedi
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
Praveen Bhardwaj
सावन म वैशाख समा गे
सावन म वैशाख समा गे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सेवा
सेवा
ओंकार मिश्र
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
ruby kumari
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
48...Ramal musamman saalim ::
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
बीड़ी की बास
बीड़ी की बास
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सियासत
सियासत "झूठ" की
*प्रणय प्रभात*
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
Madhuyanka Raj
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
Loading...