Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

एक शख्स

#दिनांक:-5/5/2024
#शीर्षक:-एक शख्स।

उम्र नाउम्मीद सी बढ़ती जा रही
वक्त लम्हा-लम्हा गुजरता जा रहा,
सोचती हूँ जब मोहब्बत के बारे में,
सारा जहां इश्क में डूबता जा रहा ।
बेखबर बेचैन सी बेचैनियां हैं ना जाने क्यूँ?
मोड़ तो बहुत हैं पर, एक ही राह राही चला जा रहा ।
रातें बेतरतीब-सी, तो शाम अस्त-व्यस्त ,
प्रेमिल गमों मे दिवालिया,
पर प्रेम है कि अपने में मस्त हुआ जा रहा।
जिन्दादिल पर जिन्दादिली खतम पड़ी सी,
फिर भी जिन्दगी जीवन जिये जा रहा।

एक शख्स,
बस एक शक्स मेरा ना हुआ,
वैसे तो सारी दुनिया मेरा दिवाना हुआ जा रहा।
किसी को पता नहीं हाल क्या है दूसरे का,
पर हर दिल, दर्द में भी बेहाल-सा हँसा जा रहा ।
बेकाबू जज्बात, बेकार बना दिये हालात,
हमेशा रास्ता मधुशाला का दिखाता जा रहा।
इश्क नशा सा चस्का लगता सभी को,
नशा भी, मदहोश नशा खुद होता जा रहा।
हम भी प्यार से बगावत करने चले थे कभी,
खाक कर सारा घमंड प्यार हँसता रहा।
सुकुन की तो बात ही निराली ,
जब जी चाहे आता-जाता रहा।
इस कदर तोड़ कर ख्याब किसी का,
कभी भी आकर हर किसी को सताता रहा।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"आपदा"
Dr. Kishan tandon kranti
सपनों में खो जाते अक्सर
सपनों में खो जाते अक्सर
Dr Archana Gupta
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
Ravi Prakash
" मुरादें पूरी "
DrLakshman Jha Parimal
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
"चाहत " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हाथों में गुलाब🌹🌹
हाथों में गुलाब🌹🌹
Chunnu Lal Gupta
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
#आज_ऐतिहासिक_दिन
#आज_ऐतिहासिक_दिन
*Author प्रणय प्रभात*
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
चलो हम सब मतदान करें
चलो हम सब मतदान करें
Sonam Puneet Dubey
आत्मा की शांति
आत्मा की शांति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Satish Srijan
खूबसूरत है....
खूबसूरत है....
The_dk_poetry
इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष
Dheerja Sharma
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
Loading...