Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

“आपदा”

“आपदा”
खतरनाक लुटेरों की तरह
बेधड़क प्रवेश होता है,
जो देखते ही देखते क्षेत्र में
तबाही मचा देता है।

1 Like · 1 Comment · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
पिता की आंखें
पिता की आंखें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
Er. Sanjay Shrivastava
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
रात तन्हा सी
रात तन्हा सी
Dr fauzia Naseem shad
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
Anil Mishra Prahari
🌹लाफ्टर थेरेपी!हे हे हे हे यू लाफ्टर थेरेपी🌹
🌹लाफ्टर थेरेपी!हे हे हे हे यू लाफ्टर थेरेपी🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
Dr MusafiR BaithA
विडम्बना की बात है कि
विडम्बना की बात है कि
*Author प्रणय प्रभात*
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्यों न्यौतें दुख असीम
क्यों न्यौतें दुख असीम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्वजातीय विवाह पर बंधाई
स्वजातीय विवाह पर बंधाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
रंग अनेक है पर गुलाबी रंग मुझे बहुत भाता
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...