Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
192 posts
Page 2
चमत्कार होते न अचानक
चमत्कार होते न अचानक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
संशय ऐसा रक्तबीज है
संशय ऐसा रक्तबीज है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
भक्त जन कभी अपना जीवन
भक्त जन कभी अपना जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
काम वात कफ लोभ...
काम वात कफ लोभ...
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आने वाला आएगा ही
आने वाला आएगा ही
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बच्चा बच्चा बने सपूत
बच्चा बच्चा बने सपूत
महेश चन्द्र त्रिपाठी
फिर कोई मिलने आया है
फिर कोई मिलने आया है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!
महेश चन्द्र त्रिपाठी
करते हैं जब यत्न
करते हैं जब यत्न
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चिन्तन के पार चला
चिन्तन के पार चला
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बासठ वर्ष जी चुका
बासठ वर्ष जी चुका
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कविता कविता दिखती है
कविता कविता दिखती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पूज्य पिता की पुण्यतिथि
पूज्य पिता की पुण्यतिथि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़लती करना प्रकृति हमारी
ग़लती करना प्रकृति हमारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
करना कर्म न त्यागें
करना कर्म न त्यागें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ फिर से नेता सुभाष
आओ फिर से नेता सुभाष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
है कर्तव्य हमारा
है कर्तव्य हमारा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नित्य ईश की सत्ता है
नित्य ईश की सत्ता है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीना होता आज
जीना होता आज
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मैं राग भरा मधु का बादल
मैं राग भरा मधु का बादल
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चलो गीत गाएं
चलो गीत गाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मार न सकता कोई
मार न सकता कोई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन है परिवर्तनशील
जीवन है परिवर्तनशील
महेश चन्द्र त्रिपाठी
क्रोधी सदा भूत में जीता
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जग के जीवनदाता के प्रति
जग के जीवनदाता के प्रति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
एक रूप हैं दो
एक रूप हैं दो
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन पावन प्रेम नदी है
जीवन पावन प्रेम नदी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरा हृदय खुली पुस्तक है
मेरा हृदय खुली पुस्तक है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तभी भला है भाई
तभी भला है भाई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कर्मफल
कर्मफल
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरे हाथों में प्याला है
मेरे हाथों में प्याला है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आदमीयत चाहिए
आदमीयत चाहिए
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मायावी संसार
मायावी संसार
महेश चन्द्र त्रिपाठी
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हम सम्मान करें गुरुओं का
हम सम्मान करें गुरुओं का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ हम सपने देखें
आओ हम सपने देखें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
होगी विजय हमारी
होगी विजय हमारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पता नहीं कब लौटे कोई,
पता नहीं कब लौटे कोई,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान।
पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Page 2
Loading...