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नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)
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सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)
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चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
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*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
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*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
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*सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )*
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*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
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*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
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*देव पधारो हृदय कमल में, भीतर तुमको पाऊॅं (भक्ति-गीत)*
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*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
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*रामपुर में विवाह के अवसर पर सेहरा गीतों की परंपरा*
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*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
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*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
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रोहित एवं सौम्या के विवाह पर सेहरा (विवाह गीत)
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*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*
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*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
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*अभिनंदन उनका करें, जो हैं पलटूमार (हास्य कुंडलिया)*
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*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
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*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
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*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*
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*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
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*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
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*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
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*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
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*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
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*गणतंत्र (कुंडलिया)*
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*अनार*
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*राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)*
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*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
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*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
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*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
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*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
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*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
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*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
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*रामलला त्रेता में जन्में, पूर्ण ब्रह्म अवतार हैं (हिंदी गजल
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*रामपुर रियासत के अंतिम राज-ज्योतिषी एवं मुख्य पुरोहित पंडित
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*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*
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*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*
Ravi Prakash
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
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*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
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*आए सदियों बाद हैं, रामलला निज धाम (कुंडलिया)*
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*मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं (मुक्तक)*
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*शादी के खर्चे बढ़े, महॅंगा होटल भोज(कुंडलिया)*
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*दशरथ के ऑंगन में देखो, नाम गूॅंजता राम है (गीत)*
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*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
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*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*राममय हुई रामपुर रजा लाइब्रेरी*
Ravi Prakash