Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2024 · 1 min read

*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*

धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)
_________________________
1)
धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान
श्याम वर्ण भाता रहे, मनमोहक मुस्कान
2)
नेत्रों में तुम बस गए, रामलला अभिराम
अंतर्मन से देखता, सुंदर मूरत श्याम
3)
धाम अयोध्या में बसे, बाल-रूप भगवान
दशरथ नंदन की सदा, देखूॅं मधु मुस्कान
4)
रामलला मन में रहे, सदा आपका चित्र
देह अयोध्या धाम हो, गतिमय श्वास पवित्र
5)
मंद-मंद मुस्कान है, जिनके नेत्र विशाल
रामलला रखिए सदा, सकल विश्व का ख्याल
6)
पूर्ण ब्रह्म अवतार हे, दशरथनंदन राम
कृपा दास पर कीजिए, करिए मन निष्काम
7)
हृदय सदा गाता रहे, राम राम जय राम
करता है शुचि-भावना, प्रभो तुम्हारा नाम
8)
बाल-रूप में राम-प्रभु, मन में रहिए आप
कट जाऍंगे इस तरह, जन्म-जन्म के ताप
9)
वर बस इतना दीजिए, रामलला अभिराम
कभी न बिछड़े आपसे, तीर्थ अयोध्या धाम
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
गज़ल
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
कठपुतली की क्या औकात
कठपुतली की क्या औकात
Satish Srijan
मैं हूं न ....@
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
'मौन अभिव्यक्ति'
'मौन अभिव्यक्ति'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* दिल का खाली  गराज है *
* दिल का खाली गराज है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
नेताम आर सी
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
2696.*पूर्णिका*
2696.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
प्रेमदास वसु सुरेखा
*जय माँ झंडेया वाली*
*जय माँ झंडेया वाली*
Poonam Matia
बेटी और प्रकृति
बेटी और प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चूड़ी पायल बिंदिया काजल गजरा सब रहने दो
चूड़ी पायल बिंदिया काजल गजरा सब रहने दो
Vishal babu (vishu)
वो राह देखती होगी
वो राह देखती होगी
Kavita Chouhan
बदल जाओ या बदलना सीखो
बदल जाओ या बदलना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
Sanjay ' शून्य'
तमाशबीन जवानी
तमाशबीन जवानी
Shekhar Chandra Mitra
बेवजह कदमों को चलाए है।
बेवजह कदमों को चलाए है।
Taj Mohammad
■ शुभ रंगोत्सव...
■ शुभ रंगोत्सव...
*Author प्रणय प्रभात*
नींद आए तो सोना नहीं है
नींद आए तो सोना नहीं है
कवि दीपक बवेजा
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...