Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*

करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
खाओ कम हल्का रखो ,अपना थोड़ा पेट
वरना यम आ जाएगा , कर लेगा आखेट
कर लेगा आखेट , नहीं रखना बीमारी
सुबह जपो हरि-नाम ,रात को हो आभारी
कहते रवि कविराय ,परिश्रम करते जाओ
करो योग-व्यायाम ,दाल-रोटी नित खाओ
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
*देश भक्ति देश प्रेम*
*देश भक्ति देश प्रेम*
Harminder Kaur
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
Dr. Man Mohan Krishna
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
पूर्वार्थ
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
" क़ैद में ज़िन्दगी "
Chunnu Lal Gupta
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
प्रणय निवेदन
प्रणय निवेदन
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
gurudeenverma198
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
Surinder blackpen
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
दो शब्द
दो शब्द
Dr fauzia Naseem shad
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
Shashi kala vyas
"जीवन का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
Dr. Narendra Valmiki
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
*मृत्यु-चिंतन(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
नशा
नशा
Mamta Rani
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mayank Kumar
कठिनाई  को पार करते,
कठिनाई को पार करते,
manisha
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Harish Chandra Pande
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...