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22 Jan 2024 · 1 min read

*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*

जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)
________________________
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है
1)
रामलला का शुभागमन यह, सब को हर्षाएगा
जीवन सब का सद्भावों से, प्रतिदिन महकाएगा
इनका पोषित रामराज्य ही, भारत का आधार है
2)
प्रभु का धाम अयोध्या तीनों, लोकों से न्यारा है
दशरथ के ऑंगन में प्रभु का, दर्शन अति प्यारा है
त्रेता में प्रभु रामचंद्र ने, लिया यहीं अवतार है
3)
भारत की पहचान राम हैं, देश रामधुन गाता
रामचरितमानस तुलसी का, राष्ट्र-ग्रंथ कहलाता
भारत की आजादी दिखती, हृदयों में साकार है
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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