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1 Feb 2024 · 1 min read

नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)

नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
________________________
1)
नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया
हुईं राममय गालियॉं-सड़कें, त्रेता के अनुसार कर लिया
2)
जन्मभूमि में बना हुआ है, मंदिर प्रभु पावन रामलला
धन्य हुआ जीवन जिसने भी, दर्शन हेतु विचार कर लिया
3)
रामकथा तो सदा-सदा से, सबको ही तरती आई है
जिसने भी जब मन से गाई, तो अपना उद्धार कर लिया
4)
राम-सिया का प्रेम अनूठा, गाती है रामकथा सुंदर
रहे महल में या वन में यह, प्रीतिपूर्ण व्यवहार कर लिया
5)
रामराज्य यों रचा राम ने, अद्भुत यह एक व्यवस्था थी
अच्छे शासन का मतलब ही, चित्र रामदरबार कर लिया
———————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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