Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2024 · 1 min read

*सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )*

सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )
______________________
सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम
प्राण-प्रतिष्ठित हैं जहॉं, दशरथनंदन राम
दशरथनंदन राम, जन्म-भू देखें प्यारी
त्रेता-सी तस्वीर, अयोध्या जग से न्यारी
कहते रवि कविराय, नयन प्यासे हैं कब के
देखें प्रभु छवि श्याम, हृदय में है यह सब के
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
श्रद्धा के सुमन ले के आया तेरे चरणों में
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
अरशद रसूल बदायूंनी
Love whole heartedly
Love whole heartedly
Dhriti Mishra
जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप
जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप
Vishnu Prasad 'panchotiya'
3177.*पूर्णिका*
3177.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कवि दीपक बवेजा
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जनता हर पल बेचैन
जनता हर पल बेचैन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सप्तपदी
सप्तपदी
Arti Bhadauria
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
Rj Anand Prajapati
भागअ मत, दुनिया बदलअ
भागअ मत, दुनिया बदलअ
Shekhar Chandra Mitra
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
पूर्वार्थ
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
दोहे... चापलूस
दोहे... चापलूस
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
आप कोई नेता नहीं नहीं कोई अभिनेता हैं ! मनमोहक अभिनेत्री तो
आप कोई नेता नहीं नहीं कोई अभिनेता हैं ! मनमोहक अभिनेत्री तो
DrLakshman Jha Parimal
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
दर्द की मानसिकता
दर्द की मानसिकता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
बेटी एक स्वर्ग परी सी
बेटी एक स्वर्ग परी सी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...