Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*

सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)
________________________
सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी
1)
उगता सूरज सदा ट्रेन या, बस में जाते देखा
आपमधाप हड़बड़ी मानो, अपनी जीवन-रेखा
दो पैसे तो मिले हमें पर, हमने खाई मात थी
2)
छोटे-छोटे सुख प्रतिदिन के, रहे निरंतर खोते
दिखते फ्लैटों में तो हॅंसते, भीतर से पर रोते
दो एसी के लिए भटकना, रोजाना की बात थी
3)
सौ सालों तक यों तो हमने, सॉंसें अपनी ढोईं
एक दिवस भी नहीं चैन से, ऑंखें निशि-भर सोईं
मुर्दा एक मशीन-सरीखी, अपनी बस औकात थी
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
Ranjeet kumar patre
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सपन सुनहरे आँज कर, दे नयनों को चैन ।
सपन सुनहरे आँज कर, दे नयनों को चैन ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
हुनर का मोल
हुनर का मोल
Dr. Kishan tandon kranti
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
प्रेमदास वसु सुरेखा
शायरी
शायरी
goutam shaw
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
Omprakash Sharma
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Sakshi Tripathi
सर्दी
सर्दी
Dhriti Mishra
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कि दे दो हमें मोदी जी
कि दे दो हमें मोदी जी
Jatashankar Prajapati
शून्य ही सत्य
शून्य ही सत्य
Kanchan verma
आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी
आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
अपने होने की
अपने होने की
Dr fauzia Naseem shad
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Manisha Manjari
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
गीत
गीत
Mahendra Narayan
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
*दादा जी डगमग चलते हैं (बाल कविता)*
*दादा जी डगमग चलते हैं (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हमारी तुम्हारी मुलाकात
हमारी तुम्हारी मुलाकात
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ दो सवाल...
■ दो सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
Loading...