surenderpal vaidya Tag: गीतिका 209 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next surenderpal vaidya 13 Jun 2024 · 1 min read खिला है गीतिका ~~~ प्यार को आधार सच्चा जब मिला है। हर्ष से मुखड़ा कमल बनकर खिला है। घर पिया के जा रही नव यौवना। पूर्ण होता चाहतों का सिलसिला है। जिस... Hindi · गीतिका · सार्द्ध मनोरम छंद 1 70 Share surenderpal vaidya 13 Jun 2024 · 1 min read दिखा दो गीतिका ~~~ अभी तुम जरा पास आ कर दिखा दो। बहुत दूरियां हैं मिटा कर दिखा दो। कभी ना कभी तो सफलता मिलेगी। सभी दांव अब आज़मा कर दिखा दो।... Hindi · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 1 112 Share surenderpal vaidya 10 Jun 2024 · 1 min read घर आंगन गीतिका ~~~ बरसे प्रिय है ऋतु सावन। महके सबके घर आंगन। बरसे जल शीतल शीतल। लगती सब को मनभावन। मन खोकर है अति व्याकुल। जब सुन्दर भीग रहा तन। बढ़ती... Hindi · गीतिका · शील वर्णिक छंद 2 1 104 Share surenderpal vaidya 8 Jun 2024 · 1 min read सुहाता बहुत गीतिका ~~~ बहाना नहीं जो बनाता बहुत। सभी को हमेशा सुहाता बहुत। कभी मुश्किलों का कठिन दौर हो। सदा स्नेह से पेश आता बहुत। भरोसा सभी का मिला है उसे।... Hindi · गीतिका · वाचिक भुजंगी 1 63 Share surenderpal vaidya 6 Jun 2024 · 1 min read कभी कभी गीतिका ~~~ कभी कभी जीवन में अक्सर, धोखा हो जाता है। अहं भाव की निद्रा में जब, मानव भरमाता है। रात दिन जल नदी में बहता, अविरल हर मौसम में।... Hindi · गीतिका · छंद सार · छल फरेब · धोखा 2 82 Share surenderpal vaidya 6 Jun 2024 · 1 min read शीश झुकाएं गीतिका ~~~ अविरल संघर्षों का फल है, हुई विजय अभिराम। नैसर्गिकता प्राप्त कर सका, भव्य अयोध्याधाम। बाधाओं में रुके नहीं जन, सहे अनेकों कष्ट। अंत समय तक संकल्पों की, ध्वजा... Hindi · गीतिका · प्रभु श्रीराम · सरसी छंद 1 92 Share surenderpal vaidya 4 Jun 2024 · 1 min read आगे निकल जाना गीतिका ~~ ज़माने से कहीं आगे निकल जाना। कभी मत हाथ मलना और पछताना। किया करते बहुत बातें बिना मतलब। कभी इनके न भूले से निकट आना। चढ़ा सूरज सभी... Hindi · गीतिका · सिंधु छंद 1 1 71 Share surenderpal vaidya 3 Jun 2024 · 1 min read बाजार गीतिका ~~~ खूब फैले जा रहे हैं हर जगह बाजार। व्यक्ति होता जा रहा है बेवजह लाचार। हर जगह धन चाहिए तो बन सके कुछ बात। पा सकेगा किस तरह... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 139 Share surenderpal vaidya 28 May 2024 · 1 min read पंचवक्त्र महादेव गीतिका ~~ पंचवक्त्र महादेव प्रभु का, नित्य करें हम ध्यान। सारे जग की रक्षा करते, कर लेते विषपान। सफल नहीं हो पाया दशानन, अटल रहा कैलाश। नहीं हिला था लेश... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 3 120 Share surenderpal vaidya 27 May 2024 · 1 min read कार्य महान गीतिका ~~ करें सब सोच समझ मतदान। इसे भी समझें कार्य महान। रखें मत कोई मन में खोट। देश का करना है उत्थान। सभी जन अपना है परिवार। पूर्ण हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · श्रृंगार छंद 1 83 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read बदलियां गीतिका ~~ सावनी ऋतु की बदलियां खूब छाती रातदिन। और कुदरत तृप्त होकर मुस्कुराती रातदिन। चांदनी है रात आकर्षण लिए सबके लिए। स्नेह की स्मृतियां हृदय में झिलमिलाती रातदिन। जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · गीतिका छन्द 1 1 109 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूप यौवन गीतिका ~~ रूप यौवन चार दिन का मत करो अभिमान। व्यर्थ ही करना नहीं हम को स्वयं गुणगान। फूल खिलता खूबसूरत खूब महके छोर। और करते हैं सभी सौंदर्य का... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 2 87 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूठ मत जाना गीतिका ~~ रूठ मत जाना बहुत है आपसे जब प्यार। स्नेह का अनुबंध हमको पूर्ण है स्वीकार। हर तरफ जब खूबसूरत खिल रहे हैं फूल। खूब महकी जा रही हैं... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 1 88 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read हमारा मन गीतिका ~~ लगेगा किस तरह तुम बिन हमारा मन, नहीं कर पाएगा जग से किनारा मन। बताओ क्यों सहेगा जुल्म दुनिया के, कहीं तो पा सकेगा अब सहारा मन। खिजा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सिंधु छंद 1 106 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read आगे हमेशा बढ़ें हम गीतिका ~~ यहाँ बेवजह क्यों किसी से डरें हम। बिना खौफ आगे हमेशा बढ़ें हम। खिले फूल महके सुहानी फिजा है, चलो जिन्दगी से मुहब्बत करें हम। सुहानी डगर है... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 3 80 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read सूरज को गीतिका ~~ सूरज को बाहों में भरने की चाहत। उन्मुक्त हृदय से नभ में उड़ने की चाहत। वक्त बहुत से पनप रही मेरे मन में, बादल को मुट्ठी में करने... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 83 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read कदम जब बढ़ रहे गीतिका ~~ जरा सा मुस्कुरा भी दो बहुत अब हो चुका रोना। कदम जब बढ़ रहे आगे निराशा को नहीं ढोना। निशा जब बीत जायेगी उगेगा सूर्य प्राची में। सभी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 1 95 Share surenderpal vaidya 21 May 2024 · 1 min read नाटक नौटंकी गीतिका ~~ नाटक नौटंकी करते हैं, धन दौलत की चाह बहुत। औरों को बस स्वप्न दिखाते, है अपनी परवाह बहुत। राजनीति के आदर्शों की, नित्य गिरा देते गरिमा। कार्य अनैतिक... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 92 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read दिखाने लगे गीतिका ~~ स्वप्न नेता नये अब दिखाने लगे। आज फिर वोटरों को लुभाने लगे। जेल में बंद थे लूट आरोप में। स्वच्छ खुद को बहुत अब बताने लगे। कह रहे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 93 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read अफसाना किसी का गीतिका ~~ हो गया है अब यहां पर कौन दीवाना किसी का खूब सबको भा रहा है आज अफसाना किसी का भावनाओं में न बहना व्यर्थ अब देखो यहां पर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · माधव मालती छंद 96 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read होना नहीं अधीर गीतिका ~~ धन दौलत का अभिमान लिए, होना नहीं अधीर है जिसका हृदय जितना बड़ा, उतना वही अमीर बहुत प्रयास किए लेकिन जब, मिले नहीं परिणाम नया अभी कुछ कर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 2 90 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read बताती जा रही आंखें गीतिका ~~ कहो गंभीरता से अब नहीं पड़ना ठिठोली में। बताती जा रही आंखें सभी बातें अबोली में। समय मुश्किल कभी जब सामने आता हमारे है। रखो आंखे खुली पड़ना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 62 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read सत्य की जय गीतिका ~~ पूर्ण विश्व ने देखा, शांत किया विस्मय। संघर्षों का फल है, हुई सत्य की जय। राम लला का सुंदर, रूप प्रतिष्ठित है। बना भव्य नैसर्गिक, मन्दिर आभामय। मर्यादा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सुखदा छंद 1 84 Share surenderpal vaidya 10 May 2024 · 1 min read मौसम गीतिका ~~ शुरू कर दिये मौसम ने भी, तेवर खूब दिखाने अब ग्रीष्म ऋतु सब शीतल जल के, देखो हुए दिवाने अब कल तक जो बातें करते थे, साथ दो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 89 Share surenderpal vaidya 8 May 2024 · 1 min read जरूरी बहुत गीतिका ~~ जरूरी बहुत तिश्नगी को बुझाना। इसी हेतु है व्यस्त सारा जमाना। मुहब्बत इसी को कहा है सभी ने। सभी चाहते लुत्फ इसका उठाना। मिलन की उठी प्यास तीखी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · प्यास · भुजंग प्रयात छंद 2 101 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read * जिन्दगी में * ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी में दर्द पीड़ा कष्ट सब सहते रहो। साथ हो संवेदनाएं बिन रुके बढ़ते रहो। लोग हैं अपने पराए हर तरह के जब यहां। बात मन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 1 1 93 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read भोर समय में आज सभी को भोर समय में, हमें जगाना है। सभी के मन में न उठने का, एक बहाना है। फूल खिले हैं देख लीजिए, कलियां मुस्काई। साथ सभी को आगे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भोर · विष्णुपद छंद 3 102 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read जल बचाकर जल बचाकर स्वर्ग जीवन को बनाओ। जागरुक बन व्यर्थ मत इसको बहाओ। बोतलों में आज क्यों यह बिक रहा है। पाप है यह शीघ्र इससे मुक्ति पाओ। जल प्रदूषित हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · जल दिवस · सार्द्धमनोरम 2 2 97 Share surenderpal vaidya 1 May 2024 · 1 min read * बचाना चाहिए * ** गीतिका ** ~~ क्यों न दिल को कसमसाना चाहिए। बालपन को भी बचाना चाहिए। बोझ है भारी बहुत जब शीश पर। क्यों भला फिर मुस्कुराना चाहिए। आंख के आंसू... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · आनंद वर्धक छंद · गीतिका 2 104 Share surenderpal vaidya 25 Apr 2024 · 1 min read * संवेदनाएं * ** गीतिका ** ~~ हर समय जीवित रहें संवेदनाएं। स्नेह की शुभ भावना मन में जगाएं। भूख से कोई तड़पता न रहे अब। पास हो कुछ बांट कर सबको खिलाएं।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · संवेदनाएं · सार्द्धमनोरम छंद 3 85 Share surenderpal vaidya 23 Apr 2024 · 1 min read * सामने बात आकर * ** गीतिका ** ~~ करो तुम कभी सामने बात आकर। रखो अब नहीं कुछ कहीं भी छुपाकर। न अच्छे लगे आज ये फासले जब। शपथ लो रखेंगे सभी को हटाकर।... Hindi · गीतिका · भुजंगप्रयात छंद 1 1 70 Share surenderpal vaidya 22 Apr 2024 · 1 min read * चाह भीगने की * ** गीतिका ** ~~ हैं मेघ खूब छाए, चारों तरफ गगन में। है चाह भीगने की, बस खूब आज मन में। बहती हुई हवाएं, लगती बहुत सुहानी। अनुभूतियां सुकोमल, होती... Hindi · गीतिका · दिग्पाल मृदुगति छंद 1 1 77 Share surenderpal vaidya 21 Apr 2024 · 1 min read * जब लक्ष्य पर * ** गीतिका ** ~~ जब लक्ष्य पर हमारी, रहती सदा नजर है। संशय नहीं जरा भी, कैसी कठिन डगर है। जो कह दिया करेंगे, हम पूर्ण हर शपथ को। अब... Hindi · गीतिका · दिग्पाल मृदुगति छंद 1 1 103 Share surenderpal vaidya 21 Apr 2024 · 1 min read * पावन धरा * ** गीतिका ** ~~ नमन पावन धरा को नित्य बारंबार करता हूं। इसी हित मैं हृदय से व्यक्त निज आभार करता हूं। यहां जन्मे यहां पर सांस लेकर जिन्दगी पाई।... Hindi · गीतिका · पावन धरा · विधाता छंद 1 1 92 Share surenderpal vaidya 18 Apr 2024 · 1 min read * याद है * ** गीतिका ** ~~ याद है अब हमें बात प्रिय आपकी। खूबसूरत मुलाकात प्रिय आपकी। अब भुलाए नहीं भूल पाती कभी। साथ में चान्दनी रात प्रिय आपकी। प्यार के गीत... Hindi · गीतिका · याद · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 102 Share surenderpal vaidya 15 Apr 2024 · 1 min read * ज्योति जगानी है * ** गीतिका ** ~~ सबके मन में भक्ति भाव की, ज्योति जगानी है। और निराशा भरी तमस की, धूल हटानी है। नवरात्रि पर्व की शुभ वेला, मां का ध्यान धरें।... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · विष्णुपद छंद 1 1 108 Share surenderpal vaidya 10 Apr 2024 · 1 min read * शक्ति स्वरूपा * ** गीतिका ** ~~ शक्ति स्वरूपा हर बाला है, दुर्गा की अवतार। कर में लिए त्रिशूल सामने, देवी ज्यों साकार। सघन केश हैं शीश सुसज्जित, नेत्र तीसरा भाल। कानों में... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · सरसी छंद 1 1 114 Share surenderpal vaidya 10 Apr 2024 · 1 min read * शक्ति आराधना * ** गीतिका ** ~~ आ गया नवरात्रि का अवसर सुपावन। है सभी का भक्ति श्रद्धा से भरा मन। शक्ति की आराधना का है समय यह। हम करें दुर्गा शिवा का... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · सार्द्धमनोरम छंद 1 1 93 Share surenderpal vaidya 7 Apr 2024 · 1 min read * मन कही * ** गीतिका ** ~~ छूट गई हैं जो भी बातें, कर लें आज। और सुरों में ले आएं अब, मन के साज। ऊंचें स्वर में जब हम करते, कभी न... Hindi · गीतिका · निश्चल छंद 2 1 155 Share surenderpal vaidya 6 Apr 2024 · 1 min read * थके पथिक को * ** गीतिका ** ~~ थके पथिक को जब थोड़ा सा, मिल जाए विश्राम। आगे बढ़ जाएगा फिर से, लेकर प्रभु का नाम। सभी दिशाओं में अविरल ये, रहते नित गतिमान।... Hindi · गीतिका · पथिक · सरसी छंद 2 102 Share surenderpal vaidya 3 Apr 2024 · 1 min read * लोकतंत्र महान है * ** गीतिका ** ~~ मन लिए आशा भरे अभियान करना चाहिए। और मिलकर लक्ष्य का संधान करना चाहिए। लोकतंत्र महान है मजबूत होता जा रहा। वोट के अधिकार का सम्मान... Hindi · गीतिका · गीतिका छंद · लोकतंत्र 1 1 96 Share surenderpal vaidya 2 Apr 2024 · 1 min read * साथ जब बढ़ना हमें है * ** गीतिका ** ~~ साथ जब बढ़ना हमें है, छोड़ दें अलगाव। और सब सहते रहे मिल, मन बदन पर घाव। शूल पांवों में चुभा है, राह पर वीरान। मिल... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 1 1 85 Share surenderpal vaidya 2 Apr 2024 · 1 min read * भावना में * ** गीतिका ** ~~ भावना में जो सदा रमते रहे। सत्य से ही दूर वो रहते रहे। झूठ आकर्षक बहुत लगता कभी। आवरण मन पर सघन पड़ते रहे। सत्य में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · आनन्दवर्धक छंद · गीतिका · सत्य 2 119 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * प्रीति का भाव * ** गीतिका ** ~~ ध्यान से शब्द हर एक बोलो। प्रीति का भाव रस खूब घोलो। आंख नम हैं सभी कुछ बताती। मत छुपाओ सभी राज खोलो। है थका सा... Hindi · गीतिका · छंद बाला 2 101 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * सत्य पथ पर * ** गीतिका ** ~~ बेकरारी में नहीं अब हाथ मलना चाहिए। जब जमाने में सभी को साथ चलना चाहिए। सत्य पथ पर कष्ट होंगे सब करेंगे हम सहन। अब स्वयं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 4 1 116 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2024 · 1 min read * नाम रुकने का नहीं * ** गीतिका ** ~~ ज्ञान की शुभ रौशनी की ओर बढ़ना है हमें अब। है तमस अज्ञान का हर वक्त हरना है हमें अब। नाम रुकने का नहीं लेना कभी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · माधव मालती छंद 3 113 Share surenderpal vaidya 24 Mar 2024 · 1 min read * फागुन की मस्ती * ** गीतिका ** ~~ सभी दिशाओं में रंगों को, बिखरा जाती होली। फागुन की मस्ती को लेकर, जब भी आती होली। खूब बहाते हैं रंगों को, घोल घोल पानी में।... Hindi · गीतिका · छंद सार · फागुन · होली 1 1 93 Share surenderpal vaidya 23 Mar 2024 · 1 min read * काव्य रचना * ** गीतिका ** विश्व कविता दिवस (२१मार्च) की हार्दिक शुभकामनाएं! ~~ काव्य रचना स्नेह की सरिता बहाती जा रही है। एक दूजे को सहजता से मिलाती जा रही है। शब्द... गीतिका · विश्व कविता दिवस · सार्द्धमनोरम छंद 1 1 126 Share surenderpal vaidya 22 Mar 2024 · 1 min read * मायने हैं * ** गीतिका ** ~~ आपसी मतभेद सारे पाटने हैं। तब कठिन होते समझने मायने हैं। सत्य क्या है और क्या मिथ्या यहां पर। जो हमें सब दिख रहा है सामने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · सार्द्धमनोरम 3 1 105 Share surenderpal vaidya 22 Mar 2024 · 1 min read * खूब खिलती है * ** गीतिका ** ~~ कली जब स्नेह की सुंदर हृदय में खूब खिलती है। समझ लो आ गया फागुन नयन से नींद उड़ती है। सभी खाली यहां आते व खाली... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 112 Share Previous Page 2 Next