सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Language: Bhojpuri 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read लोग आपन त सभे कहाते नू बा लोग सगरो पुरनका ओराते नू बा | रीति रिवाज सगरो भुलाते नू बा | चांद पर लोग दुनिया बसावे चलल, खत्म धरती हो जाई सुनाते नू बा | गाँव जबसे... Bhojpuri 302 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read मतलब के साथी गैर के बा के आपन कहाई | केहू हमरो के देइत बताई | बाप, भाई, मेहरि, महतारी- सब मतलब के साथी ए भाई | सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य' Bhojpuri 139 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read के देई दवाई हो सुनाईं पीर हम केकरा से, के देई दवाई हो| मुहब्बत के सितम लागऽता, ले के जान जाई हो| खता हमरो बता के जा, अगर जाए के बा तहके- वजह बा... Bhojpuri 152 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jun 2022 · 1 min read बदरा कोहनाइल हवे बदरा कोहनाइल हवे, कवन बुझाई प्यास | समझे ना निर्मोहिया, धरती हई उदास || ऐ मेघा समझल करऽ, बहुत भइल अब देर | पछुआइल हऽ रोपनी, खेती भइलि अनेर|| Bhojpuri 1 345 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 May 2022 · 1 min read आदमी आजकल आदमी ना रहल गजल आदमी आजकल आदमी ना रहल। बैर टकराव में कुछ कमी ना रहल। छोडि दिहलू तू जहिया से दिल तोड़ि के, जिंदगी में कहीं रोशनी ना रहल। आज फैशन सजी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 164 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read फागुन के महीना बा फागुन के महीना बा, मन मोर भइल हमरो। निर्मोही भइल साजन, दिल तोड़ गइल हमरो। सब ओर बा हरियाली, गदराय गइल सरसों। परदेस गइल बालम, अब बीत गइल बरसों। मधुमास... Bhojpuri · कविता 477 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read भइया सच्चाई हऽ सबके भभाले जनता डेराइलि हऽ, बोले ना चाले। मुसवा के रोजो बिलरिया चबाले। हँसे ले देखऽ बिलरिया ठठा के। सभे सपाइल हऽ बियली में जा के। बढल अमिरन गरिबन के खाई। रोटी... Bhojpuri · कविता 1 390 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read यार के नाम दिन-रात गावल करीं तहरा से हँसि हँसि बतियावल छोड़ब ना। जिनगी भर हम साथ निभावल छोड़ब ना। शर्त इहे बा तहरा से यदि मानऽ तू, एक बार बस कहि दऽ की मुँह मोड़ब... Bhojpuri · मुक्तक 363 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read तहके दिल में बसावल खता हो गइल तहके दिल में बसावल खता हो गइल। लोग हमरा से आपन खफा हो गइल। कइसे नैना मिलल बात आगे बढ़ल, हाय अचके में जाने इ का हो गइल। भाजपा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 436 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सेल चुनावी हऽ सब चोर हवें साथे, बस मेल चुनावी हऽ। नेता जी गइल बारन, ऊ जेल चुनावी हऽ। अब काम सभे पाई, मिट जाई गरीबी हो, सब मुफ्त मिले लागल, ई सेल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सूर्य का गंगा नहाए के सांस बा तऽ मुसकुराएके। मौत से काहें डेराएके। जिंदगी में लाख उलझन बा, का भइल तऽ हार जाएके। सत्य अंतिम मौत ही होला, बात ई काहें भुलाएके। गम भला नीयर... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read गंगा रोज नहाई लोग साँच कहब बाउर बन जाइब, झूठ कहीं पतियाई लोग। जियते केहू हाल न पूछी, मरते अश्क बहाई लोग। एके लेखा हाल बा सबकर, द्वेष जलन ईर्ष्या भरपूर, मन में खइचा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Jan 2022 · 1 min read शहरिया निगल जाई देहात के गिरावे ल आंसू बिना बात के // निकालऽ समइया मुलाकात के // समस्या हवे तऽ समाधान बा, करऽ सब्र निकले द बस रात के // बदल जाला मौसम छने छन... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jan 2022 · 1 min read दल-बदलू नेता बिनु पेंदी के लोटा नियन, एने ओने ढिमिलाला। जहँवे माल मलाई पावे, नाक डूबा के खाला। पाँच साल पर पाला बदले, भइल स्वार्थ में आन्हर। पाटी-पाटी कुदत बाटे, जइसे कूदे... Bhojpuri · कविता 406 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jan 2022 · 1 min read ना ना अइसन ना होई बिना वजह तहके भुलवा दीं, ना ना अइसन ना होई। जियते धड़कन सांस भुला दीं, ना ना अइसन ना होई। प्यार मुहब्बत से भी आगे, दुनिया में कुछ अउरो बा,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read पतझड़ के मौसम भा गइल बहर-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आ रदीफ-गइल हाय! फिर मौसम चुनावी आ गइल। गाँव के माहौल सब गरमा गइल।१ चाय पर चर्चा चले दिन-रात अब, दिन पियकड़न के लवटि के आ गइल।२... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा अब बचल बा भलाई कहाँ मरदवा। केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा। तीर हमरी करेजा में लागल हवे, दर्द तहरा बुझाई कहाँ मरदवा। जख्म आपन देखावल खता हो गइल, लोग देला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Dec 2021 · 1 min read एक दिन छोड़ी के खतोना चलि जइबू चिरई एक दिन छोड़ी के खतोना चलि जइबू चिरई। एहि माया के नगरिया फेरु ना अइबू चिरई। महल अटारी कुछऊ साथ नाहिं जाई। रह जाई इहवें माल दउलत कमाई। देखिहऽ अंत... Bhojpuri · गीत 1 327 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Dec 2021 · 1 min read आदमी लाचार बा २१२१ २१२२ २१२ आदमी देखीं बड़ी लाचार बा। हौसला राखल इहाँ दरकार बा। बा खजाना माल दौलत झूठ सब, प्रेम ही तऽ जिंदगी के सार बा। देह बा माटी क... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read देख लीं लोभ में आन्हर भइल बाटे जमाना देख लीं। लोग चाहत बा दहेजे में खजाना देख लीं। ऑकसीजन के बिना तड़पत मरल हऽ लोग सब, मौत भी खोजत हवे नीमन बहाना... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read के बतावऽ खास बा गजल मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ के इहाँ आपन पराया के बतावऽ खास बा। मतलबी दुनिया हवे जी ना केहू से आस बा। जे रहेला दूर उनसे प्यार भी गहिरा रहे,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 362 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read दहेज भगावलि जाति हऽ बेटी। मुआवलि जाति हऽ बेटी। दहेजे की चिता पर अब- जरावलि जाति हऽ बेटी। कहीं आज बेटी जरावलि गइलि। कहीं दे के माहुर मुवावलि गइलि। दहेजे क... Bhojpuri · मुक्तक 224 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Nov 2021 · 1 min read दीया में के तेल झुराइल कइसन हाय दिवाली आइल। दीया में के तेल झुराइल। अच्छा दिन आवे आला बा, तहरा कुछऊ बात बुझाइल। शतक मारि के मोछि अँइठलस, सबजी, तेल, दाल गरमाइल। कवना फेरा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 290 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Oct 2021 · 1 min read चान निहारे चान माथे पर बा बिंदी टीका, ओठे पर मुस्कान। अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान। साजन सम्मुख रहें हमेशा, बनल रहो ई प्यार। दुख-सुख अश्क खुशी नारी के, साजन... Bhojpuri · गीत 1 410 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Oct 2021 · 1 min read दर्शन दऽ महतारी #विधा_पद (हे थावे वाली) दर्शन दऽ महतारी। भक्त द्वार पर, आइल तहरी, बा बहुती दुखियारी।। हाथ गदा त्रिशूल बा तहरी, सिंह हवे असवारी। लाल चुनरिया चमचम चमके, अद्भुत रूप तिहारी।।... Bhojpuri · कविता 254 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Sep 2021 · 1 min read याद के मोती झरल हम का करीं #ग़ज़ल लोर अँखियन में भरल हम का करीं। याद के मोती झरल हम का करीं। लोग सब आपन बनल दुश्मन इहाँ, प्यार से हमरी जरल हम का करीं। हऽ प्रथा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Sep 2021 · 1 min read हम पागल प्रेमी हईं, लोग कहे नादान दुश्मन के भी दोस्त हऽ, भारत देश महान। आँख टरेरल बंद कर, ऐ मूरख नादान।। झूठे ललकारत हवे, दिखलावत बा शान। कई बार हारल हवे, चीन पाक नादान।। लालच में... Bhojpuri · दोहा 388 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Sep 2021 · 1 min read गुनाह प्यार मुहब्बत हो गइल, भइया आज गुनाह। आशिक की मुँह से सदा, निकलत देखीं आह।। दिल तहरा से जोड़ि के, बड़का भइल गुनाह। हमके हमरी हाल पर, छोड़ि बदल लऽ... Bhojpuri · दोहा 1 1 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read मुंँहवे झुराइल बा घनाक्षरी रहिया में जगे- जगे, पेवना सटात बाटे, भाई हो लागत बाटे, वोट नियराइल बा। दुख बाँटे वाला हाथऽ, छोडते हवे न साथऽ, नेता सब गोड़वे में, देखीं लेपटाइल बा।... Bhojpuri · घनाक्षरी 210 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read जय बाबा विश्वकर्मा घनाक्षरी सृजन बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब,... Bhojpuri · घनाक्षरी 365 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाबा विश्वकर्मा बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब, चमकत गाड़ी... Bhojpuri · घनाक्षरी 355 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के ई प्रगति सब झूठ बाटे बस दिखावे के। अब कहाँ बा साँस की रिश्ता निभावे के। जब मुबाइल ना रहल सबकी लगे देखीं, बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहा नमन भोजपुरी दोहालय मंच मिलल न कुछऊ सेतिहा, मान, शान, सम्मान। त्याग दिहल अभिमान जे, पावल साँचा ज्ञान।। मुफ्त मिलल बा लूटिहन, झोला भरि के यार। दाम तनिक लागत हवे,... Bhojpuri · दोहा 1 299 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read देशभक्ति गीत देशभक्ति गीत लावणी छंद पर आधारित मातृभूमि पर न्योछावर अब, हमरो सुबहो-शाम रही। जबतक सागर रही हिमालय, हिन्द देश के नाम रही। वीरभूमि भारत के जननी, वीर पूत जनमावे ली।... Bhojpuri · गीत 2 1 540 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read राम जी के नाम लीं भोजपुरी गजल बा समय बाउर अगर तऽ, धैर्य से अब काम लीं। कर्म निज कइले करीं, अरु राम जी के नाम लीं। आदमी यदि लड़खड़ाते, मिल गइल हऽ राह में,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 531 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मेहरि के गोड़धरिया करऽ सुबह शाम दुपहरिया करऽ। मेहरि के गोड़धरिया करऽ। हेलो डियर डार्लिंग बोलऽ। जब-जब आपन मुँहवा खोलऽ। दांँत चियारऽ गले लगावऽ। अंगुरी झोंता में अझुरावऽ। घर, आँगन, दुअरिया करऽ। मेहरि के... Bhojpuri · कविता 2 2 370 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ भोजपुरी दोहे पर्दा में शोभत हई, घर के बुढ़िया सास। मेक्सी में घूमत रहें, बहुवर से का आस।। चिलमन से झाँकत हई, गोरी जवनी ओर। रजनी में दिनकर खिलल, भक से भइल... Bhojpuri · दोहा 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read तीन भोजपुरी मुक्तक जुदाई वाला याद कइसे बतावऽ न आई कबो। देखिहऽ एक दिन ई रुलाई कबो। हमके पत्थर कहऽ शौक से यार तूं, याद पत्थर न दिल से भुलाई कबो। याद पत्थर ई दिल... Bhojpuri · मुक्तक 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read पाँच गो दोहा धन दउलत मिथ्या हवे, जनवे हवे जहान। बड़हन सम्पति स्वास्थ्य बा, राखऽ एकर ध्यान।। करिहऽ जनि कबहूँ सखे, दउलत पर अभिमान। रंक रहल राजा भइल, चहलन जब भगवान।। सम्पति से... Bhojpuri · दोहा 362 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read जाति मजहब जिंदगी में भाव मत दीं जाति, मजहब जिंदगी में, भाव मत दीं। बाति जब नफरत क होखे, चाव मत दीं। तीर शब्दन के बहुत ही, दर्द देला- शब्द के मरहम लगाईं, घाव मत दीं। भजि... Bhojpuri · मुक्तक 251 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read यार कइले हऽ बेवफाई हो भोजपुरी गजल हाल केकरा के हम बताईं हो। यार कइले हऽ बेवफाई हो। लोग मुठ्ठी में नून लिहले बा, घाव केकरा के अब देखाईं हो। प्यार हर हर्फऽ में समाइल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read गीतिका चउथा पन आइल हवे, झुलल देह के चाम। बुढ़वा बुढ़िया सूखि के, भइलन पाकल आम। साथे केहू ना हवे, हीत मीत भा पूत, हाय अकेले कटि रहल, जिनगी शेष तमाम।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 220 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read सांस लीहल हो गइल मुश्किल बड़ी हम का करीं गजल लोभ में आन्हर भइल, हर आदमी हम का करीं। ना दिखाई दे रहल, आपन कमी हम का करीं। नासमझ के भीड़ भारी, सत्य से सब दूर बा, जाति मजहब... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read गजल गजल मापनी- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ मचि रहल बा दिल, जिगर में, खलबली हम का करीं। साथ तहरी जुड़ गइल बा , जिंदगी हम का करीं। याद ना कुछऊ रहेला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 376 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read दोहा दिनांक-२९/०८/२०२१ ईश्वर, अल्ला एक बा, राम, कृष्ण सब एक। असमंजस में जनि पड़ी, कर्म करीं बस नेक।। कइसन ई संकोच बा, काहें आवत लाज। राम नाम सुमिरन कइल, सुरू करीं... Bhojpuri · दोहा 196 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Aug 2021 · 1 min read घनाक्षरी माई पुचुकारऽ तारी, माइये दुलारऽ तारी, हँसी-हँसी कहें बेटा, आ हमरी ओरिया। बेटवा के दुखवा ना, माई के सहाला कबो, माइयो के भरि जाला, अँखिया के कोरिया। माई वाला ममता... Bhojpuri · घनाक्षरी 279 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Aug 2021 · 1 min read ओल के चोखा भइया हो हम गइल रहनी, पहिले पहिल ससुरारी में। दही, पनीर सह मुर्गा, अण्डा, घीउ पड़ल तरकारी में। नाश्ता आइल नाश्ता ऊपर, चाय क ऊपर चाय चले। सासु,सार,सरहज,साली सब, हाल... Bhojpuri · कविता 4 2 733 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read प्यार कालू त हमसे निभा जा सनम मुक्तक मापनी- २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार कइलू त हमसे निभा जा सनम। छोडि दऽ साथ हमरो भुला जा सनम। ख्वाब में नाहि आइब इ वादा रहल- मौत के नींद... Bhojpuri · मुक्तक 450 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया राखी गीत आइल राखी के पावन तिहुआर भइया। राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया। जेठ, अषाढ़ बितल आ गइल सावन। सावन के पूर्णिमा हऽ शुभऽ दिन पावन। भूलि जइहऽ ना हमरो... Bhojpuri · गीत 296 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति मुक्तक मुक्तक आधार छंद- सार खून गरम हऽ हिंदुस्तानी, समझ न लीहऽ पानी। यारन खातिर यार, शत्रु ला, दुश्मन बड़का मानी। पाक चीन से पूछ सकेनी, घाव दिहल हमनी के- रण... Bhojpuri · मुक्तक 1 393 Share Page 1 Next