डॉ.सीमा अग्रवाल Tag: कविता 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ.... देख तुम्हें जीतीं थीं अँखियाँ, रोएँ अब दिन-रैन। खटते-खटते बीती उमरिया, मिला न मन को चैन। जब से तुमसे लगन लगी थी। प्यास हृदय में जगन लगी थी। फेर लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read रास्ता तुमने दिखाया... जब थका तन हारता मन, हौसला तब-तब बढ़ाया। लक्ष्य पर नित बढ़ रही मैं, रास्ता तुमने दिखाया। बेबसी के उस प्रहर में, ढा रहा था जग कहर जब। सुर सधी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां... सहमी सी है आज कलम, शब्द उदास हैं खोए-खोए ! जग में कितनी पीड़ाएँ हैं, आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की, व्यथा समझ न पाता है।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 40 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Sep 2023 · 1 min read प्रिय भतीजी के लिए... प्रिय भतीजी के लिए... उस वृंत की कोंपल तू नन्ही, जिस पर मैं भी कभी खिली। है मेरा ही प्रतिरूप तू लाडो, सूरत तेरी-मेरी कितनी मिली। रोप दी गई मैं... Hindi · कविता 3 126 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Sep 2023 · 1 min read जी करता है... जी करता है, जी भर रो लूँ। अश्कों से गम, अपना धो लूँ। आज मैं तन्हा खाली-खाली। कैसे रात कटे ये काली ! शायद मन कुछ राहत पाए, बिखरे मन... Hindi · कविता 2 217 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Sep 2023 · 2 min read आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार... आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार... आज जो इस हाल पर हम रो रहे हैं। बीज घातक भी हमीं तो बो रहे हैं। कर रहे हैं रात दिन... Hindi · कविता 1 211 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2023 · 1 min read मन मेरे तू सावन सा बन.... मन मेरे तू सावन-सा बन ! मृदुल-मधुर भावों से अपने, कर दे जग को पावन-पावन। मन मेरे तू सावन-सा बन ! मिट जाए चाहे तेरी हस्ती। हरी-भरी हो जग की... Hindi · कविता 2 344 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत दुनिया की... इस दुनिया की ये फितरत है। अपना कहती फिर छलती है। बाहर- बाहर मीठी बातें, पर भीतर चालें चलती है। किए बड़े थे उसने वादे। मगर नहीं थे नेक इरादे।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 2 192 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 May 2023 · 1 min read जिनकी खातिर ठगा और को, जिनकी खातिर ठगा और को, जीवन अपना दुश्वार किया। पूछो उनसे अंत सफर में, दो डग भी साथ चलेंगे क्या ? जिनकी खातिर सब सुख भूले, काँटों की सेज चुनी... Hindi · Quote Writer · कविता 1 263 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 May 2023 · 1 min read ओ चाँद गगन के.... ओ चाँद गगन के ...... -------------------------- अपने फलक पर नाज तुझे तो, मैं भी खुश हूँ अपनी जमीं पर। मेरी भी बहुत यहाँ कीमत है, बिदका न मुँह यूँ मेरी... Hindi · कविता 1 2 143 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 May 2023 · 1 min read आज इस सूने हृदय में.... आज इस सूने हृदय में, याद बस तेरी मचलती। सोच हावी हो रिदय पर, भाव हर कोमल कुचलती। तुम हमारे कुछ नहीं, पर याद आते हो सतत क्यों ? सुन... Hindi · कविता 2 227 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 27 Mar 2023 · 1 min read विश्व रंगमंच दिवस पर.... वृहद् रंगमंच ये दुनिया सारी.... विरंचि-विरचित प्रपंच यह भारी। रंगमंच-सी भासित दुनिया सारी। जीव जहाँ अभिनय करता है, नित नूतन अति विस्मय कारी। नयनाभिराम निसर्ग-दृश्य-दर्शन। सृष्टि अनूठी अद्भुत बिंबांकन। नर्तन... Hindi · कविता 3 2 162 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Dec 2022 · 1 min read सुशासन दिवस ( अटल बिहारी वाजपेयी जयंती ) एक नाम राजनीति में चमका ऐसे जैसे ध्रुवतारा। विरोधी पक्ष ने भी सहज भाव से जिसे स्वीकारा। देशद्रोहियों के प्रति सदा ही विरोध जताया तीखा। राजनीति के दलदल में खिला... Hindi · कविता 2 88 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Oct 2022 · 1 min read आज शरद की पूरनमासी... लो फिर आई शरद की पूरनमासी ! रात कोजागरी पूर्ण कलेवर चाँद विगसा निरभ्र गगन में धारे सोलह कलाएँ देखो तो कैसा दिप रहा कलाधर ! निहारते छटा सितारे टकटकी... Hindi · कविता 3 185 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Oct 2022 · 1 min read ऐसे नहीं मरेगा रावण... ऐसे नहीं मरेगा रावण.... पुतले जितने फूँकोगे उतना अट्टहास करेगा रावण ऐसे नहीं मरेगा रावण जितने शीश हरोगे उसके उतने रूप धरेगा रावण ऐसे नहीं मरेगा रावण जिस रावण को... Hindi · कविता 3 143 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2022 · 1 min read अपनी जमीं पर... अपनी जमीं पर - - - - - आसमां-सा ऊपर उठकर, झिलमिल सपनों में खो जाऊँ ! अपनों की ही आर्त्त पुकार, एक बधिर वत् सुन न पाऊँ ! सागर... Hindi · कविता 2 110 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Sep 2021 · 2 min read भ्रातृ चालीसा ... भ्रातृ-चालीसा -- भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान। भाई में बसती सदा, हम बहनों की जान।। रिश्ता भाई-बहन का, सबसे पावन जान। इसके जैसा जगत में, मिले नहीं... Hindi · कविता 3 6 656 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Sep 2021 · 1 min read सावन बीता, आस न बीती... सावन बीता, आस न बीती। ढुलक पलक से, बदली रीती। हद से प्यारा, मीत हमारा। बातें उसकी, थीं मनचीती। बैठी उन्मना, भोली जोगन। फटे बसन ले, कथरी सीती। प्रेम -... Hindi · कविता 3 327 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Sep 2021 · 1 min read कौन बचेगा इस धरती पर..... (विश्व प्रकृति दिवस, 03 अक्टूबर) कुछ ख्वाब नयन में हैं बाकी, क्या यहीं धरे रह जाएंगे ? उनको पूरा करने फिर हम, क्या लौट धरा पर आएंगे ? बचा रहेगा भू पर जीवन, या सब... Hindi · कविता 5 4 859 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 Aug 2021 · 2 min read वे दिन भी क्या सुंदर दिन थे..... वे दिन भी क्या सुंदर दिन थे... बाँहों में जब चाँद की हम, चाँदनी ओढ़कर सोते थे ! पंख पसारे कल्पनाओं के, स्वप्न लोक में विचरा करते। दूर से ही... Hindi · कविता 4 2 541 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read अभी दूर बहुत जाना है... यूँ हार के मन क्यों बैठे राही अभी दूर बहुत जाना है ! पथ में आए इन रोड़ों से तुम्हें तनिक न घबराना है ! क्यों मन इतना विचलित होता... Hindi · कविता 5 6 408 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read दुख में ही सुख तलाश ले.... दुख में ही सुख तलाश ले यूँ मन तू अपना तराश ले शोले जो दहकते हैं भीतर समझ तू उन्हें पलाश ले ! अज्ञान- तमस हरती चल जग को जीवन... Hindi · कविता 4 4 426 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Aug 2021 · 1 min read जीवन का आधार लेखनी... जीवन का आधार लेखनी। अपना तो संसार लेखनी दे भावों को रूप-आकार, कर दे मन साकार लेखनी। विभा से जगमग शब्दों की, हर ले हर अंधकार लेखनी। फँसे जो जग... Hindi · कविता 3 674 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Aug 2021 · 1 min read आशाः एक चिराग.... आशा : एक चिराग हर बार बना महल सपनों का, ढह गया। खण्डहर में पर, एक चिराग जलता रह गया। आया झंझावात जमकर वज्रपात हुआ कोमल, नाजुक जज्बातों पर विकट... Hindi · कविता 2 435 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Aug 2021 · 1 min read कितना प्यारा रूप लुभावन.... कितना प्यारा रूप लुभावन चंद्रवलय- सा मुख मनभावन ! स्मित-चाँदनी फैली लबों पर शुभ्र,धवल क्या इससे पावन ! नयन - चकोर लगे दर तेरे बिछी चाँदनी मन के आँगन !... Hindi · कविता 3 360 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Aug 2021 · 1 min read साथ समय के चलना सीखो... साथ समय के चलना सीखो। नहीं किसी को छलना सीखो। भोर तुम्हारे द्वार खड़ी है, नवसृजन की ये घड़ी है। अनथक तुम बस चलते जाना, परीक्षा आगे बहुत कड़ी है।... Hindi · कविता 3 2 965 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jul 2021 · 1 min read हर लो हरिहर हर गम मेरा.... हर लो हरि-हर, हर गम मेरा ! लगा लिया है मैंने प्रभुवर, तुम्हारे चरन-कमलों में डेरा ! हर लो हरि-हर, हर गम मेरा ! इस जगती में जब सब सोते,... Hindi · कविता 2 282 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 27 Jul 2021 · 1 min read मुझे याद तुम्हारी आती है.... बदली जब नभ में छाती है धरा झूम- झूम इठलाती है मुझे याद तुम्हारी आती है इक बूँद बरस जब स्वाति की चातक की प्यास बुझाती है मुझे याद तुम्हारी... Hindi · कविता 4 4 381 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Jul 2021 · 1 min read मैंने तुमको याद किया.... कितनी रातें नींद उड़ाकर मैंने तुमको याद किया स्मृतियों की बस्ती बसाकर मैंने दिल आबाद किया तसव्वुर में छवि आँक तुम्हारी सोई तुमको अंक लगाकर मन से मन के तार... Hindi · कविता 4 2 258 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Jul 2021 · 1 min read फिर वैसा मधुमास न आया... फिर वैसा मधुमास न आया..... कितने बसंत आए जीवन में मगर वैसा उल्लास न आया साथ तुम्हारे जैसा जिया था फिर वैसा मधुमास न आया आज पुरानी अलमारी से निकला... Hindi · कविता 3 316 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Jul 2021 · 1 min read किन्नर व्यथा..... जिस जननी ने जाया हमको, किया उसने ही हमें पराया। जिस पिता का खून रगों में, उसे भी हम पर तरस न आया। अन्याय समाज और अपनों का, जन्म लेते... Hindi · कविता 6 8 628 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jul 2021 · 1 min read बीजः एक असीम संभावना.... बीजः एक असीम संभावना---- उठ सके अध्यात्म के शिखर तक छुपी हैं ऐसी अनंत संभावनाएँ मनुज में। होती हैं जैसे हर बीज में वृक्ष बनने की। जरुरत है बस सम्यक्... Hindi · कविता 4 570 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 Jul 2021 · 1 min read वरदा, सुखदा.... वरदा सुखदा गुणों की खान मातु शारदे करो कल्यान सुखदायिनी माँ वरदायिनी दे दो अपनी दया का दान भक्त वत्सला वत्स वत्सला अग-जग में गूँजे यशगान वरदहस्त रख दो सिर... Hindi · कविता 2 403 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2021 · 1 min read 'गर आ जाते फिर एक बार.... 'गर आ जाते फिर एक बार ... सूनी रातें, बहकी बातें नैनों से झरती बरसातें शांत हो एक कोने में रहतीं जग के मन में चलती घातें जीत बन जाती... Hindi · कविता 3 4 355 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2021 · 1 min read ऐसे नहीं मरेगा रावण.... ऐसे नहीं मरेगा रावण.... पुतले जितने फूँकोगे उतना अट्टहास करेगा रावण। ऐसे नहीं मरेगा रावण। जितने शीश हरोगे उसके उतने रूप धरेगा रावण। ऐसे नहीं मरेगा रावण। जिस रावण को... Hindi · कविता 2 6 456 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read एक सहेली दूर कहीं.... एक सहेली दूर कहीं... एक सहेली दूर कहीं बैठी अकेली रो रही बहते अश्कों के धारों से मुँह वह अपना धो रही उसका साथी कोई नहीं जाने वह कबसे सोई... Hindi · कविता 3 1 334 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 2 min read पल रहा था नयनों के भीतर.... पल रहा था नयनों के भीतर सपना एक मधुर सलोना था...... कब तक जीता रहता यूँ ही, हासिल न कुछ भी होना था। एक न एक दिन तो आखिर, उसे... Hindi · कविता 4 2 537 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read सहमी सी है आज कलम.... सहमी सी है आज कलम शब्द उदास हैं खोए-खोए अथाह गमों का सागर है आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की पीड़ा समझ न पाता है शब्द... Hindi · कविता 2 424 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2021 · 1 min read चाँदनी ओढ़ मगन सोई चकोर... चाँदनी ओढ़ मगन सोई चकोर भाता न था उसे जग का शोर चाँद से नाता जुड़ा था शाश्वत थामी थी मन से नेह की डोर बदरा ये गरजते कहाँ से... Hindi · कविता 1 220 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jul 2021 · 1 min read पवन ! कहो प्रिय से संदेश... पवन, कहो प्रिय से संदेश.... पवन, कहो प्रिय से संदेश, आयी दिवाली अपने देश, कितनी अवधि और है शेष, कब आयेंगे तज परदेश, माने निठुर न मेरी बात, देना वीर... Hindi · कविता 2 2 226 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Jul 2021 · 1 min read आवारा लड़के सा चाँद... आवारा लड़के-सा चाँद... रूप का उसके कोई न सानी, प्यारा-सा अलवेला चाँद। निहारे धरा को टुकुर-टुकुर, गोल मटोल मटके-सा चाँद। चुपके-चुपके साँझ ढले वह, नित मेरी गली में आता। नजरें... Hindi · कविता 2 4 238 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read विरहा की तन्हा ये लम्बी रातें..... यूँ ही 'शुभम्' कह देने भर से, शुभ हो जाते जो दिन या रातें। साँझ- सकारे बिन मौसम ही, यूँ घिर-घिर न बरसतीं बरसातें। किस बात का अहम करें हम... Hindi · कविता 3 2 194 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Jul 2021 · 1 min read की जब मैंने दुख से प्रीत... की जब मैंने दुख से प्रीत... कल क्या होगा - इस चिंता में, रात गई आँखों में बीत ! ओठों पर आने से पहले, सुख का प्याला गया रीत !... Hindi · कविता 2 1 331 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Jul 2021 · 1 min read कहमुकरी कहमुकरी- अंतरंग गपशप दो सखियों की - आगे- पीछे मेरे डोले कान में कोई मंतर बोले समझ न आए एक भी अच्छर का सखि साजन ! ना सखि मच्छर -... Hindi · कविता 2 220 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Jul 2021 · 1 min read मैं एक क्षणिक झोंका हवा का... मैं एक क्षणिक झोंका हवा का .... रोकोगे जो तुम प्यार से, कुछ पल को ठहर जाऊँगी, वरना आम मुसाफिर की तरह,मैं भी गुजर जाऊँगी। मैं एक क्षणिक झोंका हवा... Hindi · कविता 2 4 367 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Jul 2021 · 1 min read काँ से काँ तक.... वक्त ले आया काँ से काँ तक डराती है अब अपनी छाँ तक कैसे यकीं आए नातों पर, बदल गए सब सर से पाँ तक घुमाऊँ नजर जो याँ से... Hindi · कविता 3 184 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jul 2021 · 1 min read बीत चले अब दिन वे सुहाने..... बीत चले अब दिन वे सुहाने रही कहाँ वह बसंत बहार ! सुख के सारे स्रोत सूख गए सह ले मन पतझर की मार ! कोयल कूका करती कभी थी... Hindi · कविता 1 467 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jul 2021 · 1 min read क्यों न खिलखिलाएँ आप.... क्यों न खिलखिलाएँ आप, आपकी किस्मत बुलंद है । अपने यहाँ तो आजकल, खुशियों का आना बंद है । आपके हर भाव से, टपकता है रस श्रंगार का । अपने... Hindi · कविता 3 2 329 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jun 2021 · 1 min read निर्मम !क्यूँ ऐसे ठुकराया... निर्मम ! क्यूँ ऐसे ठुकराया... निर्मम ! क्यूँ ऐसे ठुकराया जरा भी मुझपे तरस न आया खड़ी रही मैं द्वार तुम्हारे निर्मल स्नेह- डोर सहारे थक गयी आस, दरस न... Hindi · कविता 2 301 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jun 2021 · 1 min read खींच मत अपनी ओर..... खींच मत अपनी ओर अतीत। साथ हमारा गया अब बीत। माना तू सुहाना बहुत है। पर अब मुझसे दूर बहुत है। आकर्षण में बँध मैं आती, दिखता तुझमें नूर बहुत... Hindi · कविता 4 2 512 Share Page 1 Next