Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2021 · 1 min read

मुझे याद तुम्हारी आती है….

बदली जब नभ में छाती है
धरा झूम- झूम इठलाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

इक बूँद बरस जब स्वाति की
चातक की प्यास बुझाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

चंद्र-ज्योत्स्ना आ चकोर को
ओढ़नी जब धवल उढ़ाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

मधुर स्पर्श पा रवि-करों का
कमलिनी खिल जब जाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
💐Prodigy Love-42💐
💐Prodigy Love-42💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
2593.पूर्णिका
2593.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
विजय कुमार अग्रवाल
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
दादाजी (कुंडलिया)
दादाजी (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
Ram Krishan Rastogi
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
Anil Mishra Prahari
जय संविधान...✊🇮🇳
जय संविधान...✊🇮🇳
Srishty Bansal
समझौता
समझौता
Dr.Priya Soni Khare
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
Shweta Soni
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
Shashi kala vyas
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
अजनबी जैसा हमसे
अजनबी जैसा हमसे
Dr fauzia Naseem shad
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"इबारत"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
जिंदगी में पराया कोई नहीं होता,
नेताम आर सी
मन की किताब
मन की किताब
Neeraj Agarwal
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
Loading...