संजीव शुक्ल 'सचिन' Language: Hindi 827 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 May 2023 · 1 min read भाव उपजे हैं मन में नवल, गीत लिखने दे। भाव उपजे हैं मन में नवल, गीत लिखने दे। सुन री मैयत बैठ जा द्वारे। क्यों आई तू साँझ- सकारे। खटखटाना नहीं साँकल, गीत लिखने दे। भाव उपजे हैं मन... Poetry Writing Challenge · गीत 2 2 189 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 May 2023 · 1 min read प्रेम पिपासा मेरे मन में मची हलचल, मेरा मन पागल। तुझे ढूँढे नयन हर पल, मेरा मन पागल। हिरणी सी चलती बलखाती। जैसे निर्मल प्रीति की पाती। किसी शायर की लगती ग़ज़ल,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 89 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 May 2023 · 1 min read #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक। मान - प्रतिष्ठा ज्ञान सभी वह बातें कर- कर। जिससे हो गुणगान तुम्हारा समय- समय पर। मोह- पाश, भ्रमजाल अश्रुदायक... Hindi · गीत 1 295 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 May 2023 · 1 min read #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक। मान - प्रतिष्ठा ज्ञान सभी वह बातें कर- कर। जिससे हो गुणगान तुम्हारा समय- समय पर। मोह- पाश, भ्रमजाल अश्रुदायक... Hindi 283 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2023 · 1 min read #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! ____________________________________ लोभ के वश प्रेम के पथ, खुद गई खाई! हाय! क्या करे माई? खण्ड आँगन का हुआ यह, देख ममता रो रही। शोक में डूबी हुई है,... Hindi · गीत 1 293 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Apr 2023 · 1 min read मैं ही केवल और न कोई......!! #मैं_ही_केवल_और_न_कोई..!! __________________________________________ मैं भी से मैं ही तक जाना, विध्वंसक संत्रास रहा यह। मैं, मैं का कब दास हो गया, मुझे नहीं आभास रहा यह।। अपने थे सब सङ्गी साथी,... Hindi · गीत 1 217 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Apr 2023 · 1 min read #देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!! #देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!! _____________________________________ दो पक्ष कर रहे हैं, बिन बात की लड़ाई। देकर दगा सभी को, नित खा रहे मलाई।। सेवक बता सभी से, ओ शीश का झुकना। मतलब निकालने को,... Hindi · गीत 1 557 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Apr 2023 · 1 min read #चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।। #चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।। _______________________________________________ चाह वैभव लिए नित्य चलता रहा, रोष बढ़ता गया और मैं ना रहा।। याम हो या निशा एक सम मान कर, ऐषणा ने जगाया जगे ही रहे। मान... Hindi · गीत 1 157 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Mar 2023 · 1 min read सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! #सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! _______________________________________________ रीति की अर्थी सजाकर, सभ्यता से हो विलग हम, सद्य कर अभिदान पावक में जलाने जा रहे हैं।। पूर्वजों से आज तक भी जो मिली थीं थातियाँ वो,... Hindi · गीत 1 168 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2023 · 2 min read बाबुल (भाग-२) गतांक से आगे #बाबुल ( कहानी - भाग -२) मार्गदर्शन अपेक्षित अविनाश को उदास देख सुभाष को समझते देर न लगी कि आज फिर बेटी से फोन पर बिटिया से... Hindi · कहानी · धारावाहिक कहानी 1 263 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Mar 2023 · 3 min read जोगीरा आप सभी को वसंतोत्सव पर्व होली की अनंत शुभकामनाएंँ होली के रंग अपनों के सङ्ग...... बुरा न मानो होली है _______________🙏🙏🙏🙏🙏___________________ (०१) प्रिय अनुज Prabuddh Kashyap Bodh जी मग में... Hindi · जोगीरा 1 368 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Feb 2023 · 2 min read बाबुल भाग - १ का लिंक बाबुल - Read on Sahityapedia The perfect app for writers. https://sahityapedia.com/?p=189607 #बाबुल (कहानी ) #मार्गदर्शन_अपेक्षित ______________________________________________ अविनाश को आज फिर से बिटिया का फोन आया,... Hindi · कहानी · धारावाहिक कहानी 1 183 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2023 · 1 min read नारी_व्यथा #नारी_व्यथा _______________________________________________ वर्तिका बन जली दीप माध्यम बना, किन्तु गुणगान जग में उसी का हुआ। प्रेम पर्याय है त्याग का बोलकर, नित्य सम्मान जग में उसी का हुआ। हर व्यथा... Hindi · गीत 3 4 231 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Dec 2022 · 1 min read हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। _____________________________________ ढोंग को यूँ ढंग में कर सम्मिलित चलते रहोगे। हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। मंदिरों में... Hindi · गीत 1 164 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Dec 2022 · 2 min read #है_तिरोहित_भोर_आखिर_और_कितनी_दूर_जाना?? #है_तिरोहित_भोर_आखिर_और_कितनी_दूर_जाना?? ___________________________________________ सम्पदा की चाह उर में सभ्यता से हो विलग हम, चल पड़े किस ओर आखिर और कितनी दूर जाना। नयन मूंँदे चल रहे बस सुधि नहीं संतान की... Hindi · गीत 5 2 348 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Nov 2022 · 1 min read मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। ____________________________________________ जब हार से उबरकर, संघर्ष तुम करोगे। मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। मन पीर पाल चलना, तौहीन जिन्दगी... Hindi · गीत · मृदुगति छंद ( मांत्रिक ) 1 107 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2022 · 1 min read प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| __________________________________________ देख दूजा गात कामुक, मन अगन जब जग रहा है| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों... Hindi · गीत 3 2 203 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Nov 2022 · 1 min read #चुनाव_संहिता #चुनाव_संहिता __________________________________________ छद्म के ताबूत में तुम, कील ठोको प्यार से अब, मिल गया मौका सुनहरा, फिर नहीं बकलोल बनना।। पाँव में जिनके अभीतक, लोटते तुम फिर रहे थे, हाथ... Hindi · गीत 2 1 119 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Nov 2022 · 1 min read #अतिथि_कब_जाओगे?? #अतिथि_कब_जाओगे?? ___________________???____________________ आगत बस दो-चार दिनों का, निपट रहे तड़पाओगे। बस इतना वर दो मुख खोलो, बोलो कब तुम जाओगे।। सदियों से आतिथ्य निभाने, की अपनी परिपाटी है। मान अनन्तर... Hindi · गीत · हास्य रस 1 181 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Oct 2022 · 2 min read तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! _________________________________________ तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना, उत्सवों के दौर जीवन से कभी फिर कम न होंगे।। द्वेष... Hindi · गीत 2 307 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2022 · 1 min read सत्य सनातन पंथ चलें सब, आशाओं के दीप जलें। सत्य सनातन पंथ चलें सब, आशाओं के दीप जलें। धर्म युक्त व्यवहार सभी का, सत्य जनित हर पुण्य फले।। करो कृपा हे! रघुकुल राघव, हर मन से तम दूर रहे।... Hindi · गीत 1 191 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Oct 2022 · 1 min read पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। _________________________________________ धनाधिप यक्ष नरवाहन, निधीश्वर विश्रवा नंदन। पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। बदी शुभ कार्तिक का यह, सदा शुभ पर्व धनतेरस।... Hindi · गीत · विधाता छंद 1 470 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Oct 2022 · 2 min read जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। ______________________________________ दृग में बसे रघुनाथ पावन धाम हैं हर याम की। जयकार हो जयकार हो, सुखधामा राघव राम की।। हनुमान हैं जिनको... Hindi · गीत · भजन माला 1 240 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Sep 2022 · 1 min read सरस्वती आरती #सरस्वती_आरती ——————----——–///--------------------------------- मन से मिटे कुविचार माँ शुभ कर्म का उपहार दे | है आरती स्वीकार कर वरदान दे माँ शारदे || हिय से लगा कर वत्स की दुविधा सदा... Hindi · गीत 2 256 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2022 · 1 min read क्षोभ आज सनातन क्षोभ लिए उर सोच रहा प्रभु आन पधारो। ले अवतार कृपालु दयानिधि वक्ष अधिष्ठित रावण मारो। शूर्पणखा सम भाव भरे मन से जन को प्रभु आप उबारो। पुण्य... Hindi · मत्तगयंद सवैया 1 194 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2022 · 1 min read पितृपक्ष_विशेष नमन पूजनीय पितृ हमारा आपका हम सभी का सर्वथा कल्याण करें। #पितृपक्ष_विशेष ____________________________________________ दे गये हमको धरा पर जन्म जीवन मान प्यारे। व्यक्त कर निष्ठा तू अपनी दे उन्हें सम्मान... Hindi · गीत 1 191 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Sep 2022 · 1 min read उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। क्या घटित क्या घटने वाला, मैं करूं कैसे समीक्षा। मौत के सु-आगमन तक,... Hindi · गीत 1 150 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Sep 2022 · 1 min read तुझको देखा तो मन बावला हो गया। तुझको देखा तो मन बावला हो गया। था जो गोरा बदन सांवला हो गया। भूख मिट सी गयी प्यास बढ़ने लगी~ आशिकी सर चढ़ी मनचला हो गया। हम मिले थे... Hindi · मुक्तक 1 140 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Sep 2022 · 1 min read छंद:-अनंगशेखर(वर्णिक) क्षुधा हमें दिखा रही लचारगी व खिन्नता, परन्तु आज देश में यही दशा गरीब की। समग्र शूल वक्ष में व चक्षु भाव शुन्य से, निरीह रंक वेष में यही दशा... Hindi · अनंगशेखर(वर्णिक) 1 174 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Sep 2022 · 1 min read मत्तगयंद सवैया छंद बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला। मौज करे निज धर्म सु-संग कुमार्ग तजें पल खास न भूला। काल परिस्थिति होत विरूद्ध सुपंथ चला मन आस... Hindi · मत्तगयंद सवैया 2 2 288 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Sep 2022 · 1 min read #मरी_शिष्टता_बिन_बीमारी !! #मरी_शिष्टता_बिन_बीमारी !! _________________________________________ पनघट की प्रेमिल खुशबू को, निगल गई बेशर्मी भारी। खुली सड़क पर चुम्मा -चाटी, मरी शिष्टता बिन बीमारी। लाज! शर्म से पानी -पानी, देख रही युग की... Hindi · गीत 1 229 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Aug 2022 · 1 min read हरतालिका तीज हरतालिका तीज प्रण साध सखी उपवास रहे, अहिवात अखण्ड सु-संग न छूटे। कट जाय अमंगल प्राण बचे पति संग जुड़ा यह डोर न टूटे। व्रत नीर बिना यह तीज करें... Hindi · सुन्दरी सवैया 3 206 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Aug 2022 · 1 min read हास्य - व्यंग्य बेलन से भयभीत करो वनिता वनिता प्रभु जाप सदा ही। जाप करे उर क्षोभ घटे तन का मिटता सब ताप सदा ही। भोग - विलास से दूर रहें मन से... Hindi · मत्तगयंद सवैया 5 298 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Aug 2022 · 1 min read #मैं_पथिक_हूँ_गीत_का_अरु, #गीत_ही_अंतिम_सहारा।। #मैं_पथिक_हूँ_गीत_का_अरु, #गीत_ही_अंतिम_सहारा।। ________________________________________ भाव की बहती धराएँ, दे रहीं हमको किनारा मैं पथिक हूँ गीत का अरु, गीत ही अंतिम सहारा।। सुरसरि में शब्दों की मैं, नित्य ही गोते लगाऊँ।... Hindi · गीत 3 1 483 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Jul 2022 · 2 min read रविवार का दिन, आज फैक्टरी में अवकाश होने के कारण दिल से एक आवाज आई चलो कही भ्रमण रविवार का दिन, आज फैक्टरी में अवकाश होने के कारण दिल से एक आवाज आई चलो कही भ्रमण को चलें। दिल के हाथो मजबूर मै निकल पड़ा , कीन्तु जाना... Hindi · लेख 1 283 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2022 · 1 min read तुम निष्ठुर भूल गये हम को, अब कौन विधा यह घात सहें।। नमन माँ शारदे #विधा:- दुर्मिल सवैया छंद आधारित गीत विधान:- सगण आठ आवृत्ति ________________________________________________ पदचाप सुने बहु वर्ष गए, निज नैनन से जलधार बहे। तुम निष्ठुर भूल गये हम को,... Hindi · गीत 5 3 698 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 May 2022 · 1 min read द्वेष_लोलुपता_त्याग_हृदय_में, #दीप_जलाओ_मेरे_साथी|| विधा- गीत _______________________________________________ #द्वेष_लोलुपता_त्याग_हृदय_में, #दीप_जलाओ_मेरे_साथी|| ________________________________________________ मन भीतर जो तम फैला है, उसे मिटाओ मेरे साथी| द्वेष लोलुपता त्याग हृदय में, दीप जलाओ मेरे साथी|| माया है ठगनी ठगती है,... Hindi · गीत 3 1 525 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2022 · 1 min read दोहें चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार। वर्णित है जिसमें सभी, निर्मल उर उदगार।। अम्बर, अंबु भूतल मे, सदा आपका वास। उर में मेरे आ बसों, मैं चरणों का दास।।... Hindi · कोटेशन 1 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 May 2022 · 1 min read दोहा अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात। मिथ्या से जो दूर हो, वहीं सदय जज्बात।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Hindi · कोटेशन 1 158 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 May 2022 · 1 min read माँ मातृ दिवस की आप सभी को अनंतानंत हार्दिक शुभकामनाएँ। " सादर चरणस्पर्श माँ " 【 #माँँ 】 गीतिका छंद 2122 2122 2122 212 या ला ल लाला / ला ल... Hindi · गीत · माता पिता 5 5 499 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 May 2022 · 1 min read रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।। रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।। ____________ल_____________________________ दम्भ से मुख तक भरा , घट फोड़कर जाना पडे़गा। रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना... Hindi · गीत 7 7 609 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 May 2022 · 1 min read स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से।। #विश्व_श्रमिक_दिवस_विशेष ~~~~~~~~~~~~||||||~~~~~~~~~~~~~ खेत भी, खलिहान तुम से, और सब, व्यवहार तुम से। स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से। तोड़ कर, पाषाण को तुम, राह निर्मित कर... Hindi · गीत 6 2 848 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 May 2022 · 1 min read मजदूर_दिवस_पर_विशेष #मजदूर_दिवस_पर_विशेष मजदूर 🌾🌾🌾 शिव शंकर के जैसे हर दिन विष का पान ही करता है, परिस्थिति हो चाहे जैसी हर विपदा से लड़ता है। कड़ी धूप में धू - धू... Hindi · कविता 4 3 524 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Apr 2022 · 1 min read अब सुप्त पड़ी मन की मुरली, यह जीवन मध्य फँसा मझधार।। 🙏 जय माँ वागीश्वरी 🙏 #विधा:- अरविंद सवैया आधारित गीत विधान:- 8 सगण + 1 लघु 112 112 112 112, 112 112 112 112 1 ~~~~~~~~~~~~~~||||||||||~~~~~~~~~~~~~~ सजना सपना गहना सपना,... Hindi · गीत 1 666 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Apr 2022 · 1 min read पितृ वंदना पितृ वंदना देव का, ही रूप शास्वत, आप ही, हैं स्वर हमारे। प्रेम का, पर्याय जग में, आप ही, ईश्वर हमारे। आप से, ही भान हमको, क्या गलत, क्या कुछ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत · माता पिता 55 94 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Apr 2022 · 1 min read हैं पिता, जिनकी धरा पर, पुत्र वह, धनवान जग में।। विधा-आदित्य छन्द आधारित गीत विधान-मापनीयुक्त मात्रिक छन्द, क्रमागत दो चरण समतुकांत होना अनिवार्य, 5,14,19 वीं मात्रा पर यति एवं 28 वीं पर विराम। _________________________________ स्वर्ग या, जन्नत सभी कुछ, मान... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 27 34 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Apr 2022 · 1 min read अरविंद सवैया छन्द। - अरविंद सवैया छन्द। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ धन-धान मिला बहु मान मिला, पर छूट गया हमसे शिव धाम। जब जीवन युद्ध बना तब तो, बस नित्य किये हम काम हि काम। हम... Hindi · कोटेशन 2 806 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Apr 2022 · 1 min read अरविंद सवैया आयोजन विषय - अरविंद सवैया छन्द। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ परदेश बसे सुधि लेत नहीं, मन विह्वल है झरता दृग नीर। बिलमाय लयी सखि सौतनिया, उसमें दिखती उनको अब हीर। वह दूर गये... Hindi · कोटेशन 3 361 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Apr 2022 · 1 min read प्रीति की, संभावना में, जल रही, वह आग हूँ मैं|| #विधा-आदित्य छन्द आधारित गीत #विधान-मापनीयुक्त मात्रिक छन्द, क्रमागत दो चरण समतुकांत होना अनिवार्य, 5,14,19 वीं मात्रा पर यति एवं 28 वीं पर विराम ___________________________________________ वेदना, की हर व्यथा में, व्यक्त... Hindi · गीत 3 2 792 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Apr 2022 · 1 min read शब्द बिन, नि:शब्द होते,दिख रहे, संबंध जग में। #पुनः_एक_गीत, #सादर_समीक्षार्थ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ स्वार्थ की, बुनियाद पर, सब हो रहे, अनुबंध जग में| शब्द बिन, नि:शब्द होते, दिख रहे, संबंध जग में|| स्वांग ही, आधार बनकर, प्रीति को, छलने लगा... Hindi · गीत 5 4 556 Share Previous Page 2 Next