Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2023 · 1 min read

#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।

#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक।

मान – प्रतिष्ठा ज्ञान सभी वह बातें कर- कर।
जिससे हो गुणगान तुम्हारा समय- समय पर।
मोह- पाश, भ्रमजाल अश्रुदायक दुखदायक।

यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक।।

नित्य प्रलोभन देकर; हठकर तुझे मनाना।
यथा पिपासु तात सदा धूसर को बनाना।
इन से रहना दूर गोत्र इनका खलनायक।

यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक।।

धूर्त, लोमड़ी, श्वान अगर, गुणगान करेंगे।
स्वप्न दिखा सुखसार, यहीं नुकसान करेंगे।
छद्मवेश निज ह्रास, नहीं विश्वास के लायक।

यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक।।

सिद्ध सभी व्यवहार, प्रलोभन देंगें कसमें।
अन्तर रखना मित्र! न आना इनके वश में।
दुर्जन अधम असन्त से रक्षक बस गणनायक।

यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’ (नादान)
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
आशा
आशा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हृद्-कामना....
हृद्-कामना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
_देशभक्ति का पैमाना_
_देशभक्ति का पैमाना_
Dr MusafiR BaithA
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
पापा आपकी बहुत याद आती है !
पापा आपकी बहुत याद आती है !
Kuldeep mishra (KD)
सात जन्मों तक
सात जन्मों तक
Dr. Kishan tandon kranti
खुद से ही बातें कर लेता हूं , तुम्हारी
खुद से ही बातें कर लेता हूं , तुम्हारी
श्याम सिंह बिष्ट
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
धर्म अर्थ कम मोक्ष
धर्म अर्थ कम मोक्ष
Dr.Pratibha Prakash
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
Amit Pandey
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
आता है उनको मजा क्या
आता है उनको मजा क्या
gurudeenverma198
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
VINOD CHAUHAN
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
कोरोना :शून्य की ध्वनि
कोरोना :शून्य की ध्वनि
Mahendra singh kiroula
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
जनक छन्द के भेद
जनक छन्द के भेद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
शेखर सिंह
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चुनिंदा अशआर
चुनिंदा अशआर
Dr fauzia Naseem shad
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...