Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 10 Jul 2022 · 1 min read हाथ में खंजर लिए गीत.... हाथ में खंजर लिए हाथ में खंजर लिए हिंसा कराना चाहते। कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते। स्वर्ग-सी धरती हमारी राग रंगत से भरी। और रहती है... Hindi · गीत 3 2 258 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 3 Jul 2022 · 1 min read पैसा बोलता है... दोहा .... बोल रहा पैसा यहाँ, घर-घर में आवाज। चाह रहे पाना सभी, इस पैसे का ताज।। 1 जान रहे सब खूब हैं, इस पैसे का राज। जाता है इससे... Hindi · दोहा 2 540 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 22 Jun 2022 · 1 min read समय.. समय... समय! तू (सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान ) है तेरी सत्ता का वर्चस्व, छाया हुआ है; जग के प्रत्येक कण पर तेरी शक्ति के समक्ष, हर कोई जैसे बौना है| देव ,मानव... Hindi · कविता 2 379 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Jun 2022 · 1 min read गीत... कौन है जो गीत.... हाथ में खंजर लिए हिंसा कराना चाहते। कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते। स्वर्ग-सी धरती हमारी राग रंगत से भरी। और रहती है सुवासित हर्ष पुष्पों से... Hindi · गीत 2 1 525 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 14 Jun 2022 · 1 min read गीत - मुरझाने से क्यों घबराना गीत.... मुरझाने से क्यों घबराना, जब बागों में फिर है आना। रूप मिले चाहे जो भी पर, गीत हमें यह फिर है गाना।। यह परिवर्तन ही है शाश्वत, कौन अछूता... Hindi 1 709 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Jun 2022 · 1 min read गीत... हो रहे हैं लोग गीत... हो रहे हैं लोग अपने, आप पर ही मुग्ध जब। गीत कोई यूँ किसी का, क्यों सुनेगा बैठ अब।। बज रही इन तालियाँ में, लोग खोते जा रहे। लग... Hindi 4 1 257 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 12 Jan 2022 · 1 min read विचार हाइकु... सत्यता सिद्ध विवेकानन्द विश्व हुए प्रसिद्ध। विवेकानन्द शिकागो में बोलती सबकी बंद। हिन्दू संस्कृति विश्व में अद्वितीय छांटो विकृति। युवा दिवस उत्साह एवं स्फूर्ति बनो सरस। अनुकरण सत्य का... Hindi · हाइकु 1 242 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Jan 2022 · 1 min read अर्जी दर हनुमान जी कुंडलिया छंद... अर्जी दर हनुमान जी, ऐसा बने सुयोग। बढ़े नहीं अब देश में, कोरोना का रोग।। कोरोना का रोग, नाथ तुम पालनकर्ता। है जग में विख्यात, सभी संकट के... Hindi · कुण्डलिया 1 238 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Jan 2022 · 1 min read छीन रहा है गीत.. (छीन रहा है...) छीन रहा है स्वयं आदमी, अपने बागों की खुशहाली। काट रहा वह होकर निर्भय, हाथों से बैठा जिस डाली।। रिस्तो को बाजार बनाकर, लोग आज व्यापार... Hindi · गीत 1 282 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Jan 2022 · 1 min read माता ने... माता के श्री चरणों में समर्पित... (कुंडलिया छंद) माता ने सबको दिया, अपना नेह दुलार। आँखों में बसता रहा, उनके नित परिवार।। उनके नित परिवार, बनाया जो फुलवारी। खिले हुए... Hindi · कुण्डलिया 1 189 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Jan 2022 · 1 min read कौन जानता.. मुक्तक (सरसी छंद)... कौन जानता कब क्या होगा, सब इससे अनजान। मद मत्सर में उलझे हम सब, भूल गये पहचान।। कहने को तो करते रहते, सबके सुख की बात। लेकिन... Hindi · मुक्तक 1 403 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Jan 2022 · 1 min read बढ़ी कपकपी कुंडलिया छंद... बढ़ी कपकपी शीत ऋतु, रक्षक बने अलाव। जीव-जन्तु सबके लिए, मुश्किल ठंड बचाव।। मुश्किल ठंड बचाव, हवा चलती है सर-सर। दुबक गये हैं लोग, रजाई कंबल में घर।।... Hindi · कुण्डलिया 1 196 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 4 Jan 2022 · 1 min read अर्जन सुन्दर सीख का कुंडलिया छंद... अर्जन सुन्दर सीख का, निर्मित सुचि व्यक्तित्व। सद्गुण से मानव सुखी, जीवित युग अस्तित्व।। जीवित युग अस्तित्व, क्षीण दुर्गुण से काया। करती अपनी ओर, जीव आकर्षित माया।। होता... Hindi · कुण्डलिया 1 361 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 2 Jan 2022 · 1 min read पारा जाता शीश का कुंडलिया छंद... पारा जाता शीश का, जब है चढ़ इंसान। करने लगते आचरण, बहुत लोग शैतान।। बहुत लोग शैतान, आँख हो जाती खूनी। बुद्धि विवेक विनष्ट, क्रूरता बढ़ती दूनी।। होता... Hindi · कुण्डलिया 1 219 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 2 Jan 2022 · 1 min read नहीं दे सके साथ.. नहीं दे सके साथ... (शक्ति छंद) नहीं दे सके साथ मेरा पिया। इसी से जला ना सकी मैं दिया।। रही हूँ तरसती लिए आस मन। सजाते रहे स्वप्न बस तुम... Hindi · कविता 172 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 30 Dec 2021 · 1 min read हे! नाथ हे! नाथ.... हे! नाथ कृपा करना सब पर, हो मति सबकी पावन निर्मल। सब करें तरक्की नित नूतन, ना दिखे कहीं कटुता वा छल।। सद्गुण हो सबके अन्तर्मन, सब करें... Hindi · कविता 447 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 29 Dec 2021 · 1 min read ऐसा क्यों कहने लगे कुंडलिया छंद... ऐसा क्यों कहने लगे, साहब हमसे भूल। झोंक रहे फिर से पता, हो आँखों में धूल।। हो आँखों में धूल, व्यर्थ विश्वास जगाना। क्या संभव है पुनः, गले... Hindi · कुण्डलिया 1 182 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 25 Dec 2021 · 1 min read खाली बैठे फेंटते... कुंडलिया छंद... खाली बैठे फेंटते, जो हैं पत्ते ताश। पहुँचेंगे कैसे कहो, उनके पग आकाश।। उनके पग आकाश, स्वप्न आँखों से रूठे। मात- पिता विश्वास, रहे कर यूँ ही झूठे।।... Hindi · कुण्डलिया 1 1 207 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 21 Dec 2021 · 1 min read गड़बड़ करने लग गये कुंडलिया छंद... (हास्य व्यंग्य) गड़बड़ करने लग गये, लोटन कुर्सी बैठ। अन्दर- बाहर है बनी, उनकी गहरी पैठ।। उनकी गहरी पैठ, दाम निर्भय हो लेते। कहते सबसे साफ, इसे ऊपर... Hindi · कुण्डलिया 185 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 21 Dec 2021 · 1 min read सुचिता का संदेश हो कुंडलिया छंद... सुचिता का संदेश हो, उन्मुख जीवन कर्म। मानव- मानव में रहे, जीवित मानव धर्म।। जीवित मानव धर्म, द्वेष मद का निष्कासन। निंदित दुष्ट विकार, करे ना हम पर... Hindi · कुण्डलिया 222 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 20 Dec 2021 · 1 min read मेरे नयना बरस रहे हैं गीत.. (मेरे नयना...) मेरे नयना बरस रहे हैं, रिमझिम-रिमझिम जैसे सावन । प्रिय तुम बिन लगता है मुझको, सूना- सूना सा घर आँगन ।। घोल रहा मधु बाग पपीहा, कोयल... Hindi · गीत 272 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Dec 2021 · 1 min read दूध पिलाना साँप को कुंडलिया छंद.. दूध पिलाना साँप को, होती घातक नीति। दुर्जन करता है नहीं, कभी सुजन से प्रीति।। कभी सुजन से प्रीति, हाथ लगते डस लेता। लाख करो उपकार, जहर केवल... Hindi · कुण्डलिया 1 237 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Dec 2021 · 1 min read होता लज्जा का रहा कुंडलिया छंद... होता लज्जा का रहा, सदियों से सम्मान। आभूषण नारी बता, करते जन गुणगान।। करते जन गुणगान, मानते इसको गौरव। महके सारा विश्व, सुवासित पावन सौरव।। संस्कृति का विध्वंस,... Hindi · कुण्डलिया 1 171 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Dec 2021 · 1 min read कौन यहाँ पर.. गीत.. ( कौन यहाँ पर ..) कौन यहाँ पर किसे सुनाएं हो उत्सुक जीवन की बातें। कटने को दिन कट है जाता पर मुश्किल से कटती रातें।। अक्सर यादें आ... Hindi · गीत 1 1 368 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Dec 2021 · 1 min read चलना सीखा कुंडलिया छंद... चलना सीखा है नहीं, जिसने नंगे पाँव। मुश्किल होगा भीड़ में, मिलना कोई ठाँव।। मिलना कोई ठाँव, होड़ अतिशय है जारी। बैठे जो निश्चिंत, गई उनकी मति मारी।।... Hindi · कुण्डलिया 371 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 4 Jul 2021 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद... पावन हो गर भावना, दिखे सभी सुचि रूप । यद्यपि मिलते हैं बहुत, होते हीन कुरूप ।। होते हीन कुरूप, हमेशा मिलता ताना । इनका भाग्य खराब, खोजते... Hindi · कुण्डलिया 1 286 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 14 Mar 2021 · 2 min read दोहा दोहा.... महक रहे हैं देखिए, उपवन के वे फूल। मान रहे थे तुम जिसे, कांटे जैसा शूल।। 1 जेब खोल हक मांगना, साहब का अंदाज़। बोल रहा निर्बल खड़ा, हमको... Hindi · कविता 1 3 612 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 23 Feb 2021 · 1 min read हो जाओ तैयार साथियों पडोसी दुश्मन से युद्ध के समय हमारे देश के एक जवान का अपने साथियों से कथन... हो जाओ तैयार साथियों... हो जाओ तैयार साथियों, समय आ गया अर्पण का। देख... Hindi · कविता 2 427 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 22 Feb 2021 · 1 min read दोहा दोहा... गिरा जा रहा आदमी, कटुता, हिंसा गर्त। ऊपर चढ़ती जा रही, मद, मत्सर की पर्त।। 1 विस्मृत होता जा रहा, जब जीवन का सार। व्यक्त भला कैसे करे, कर्ता... Hindi · दोहा 2 1 515 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Feb 2021 · 1 min read प्रेम गीत...(प्रेम) देखकर मुझको थोड़ा सा जो मुस्कराने लगे धीरे- धीरे वो मेरे दिल में उतर आने लगे ... जाने कैसा असर था मुझपे उन निगाहों का देखने लग भी गया... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 39 392 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Feb 2021 · 1 min read अंधविश्वास दोहा युग वैज्ञानिक है भले, हुआ न जड़ता नाश। बना हुआ है आज भी, वही अंधविश्वास।। 1 पढ़े-लिखे भी जा रहे, ढोंगी के दरबार। चढ़ा रहे आशीष पर, दारू मुर्गा... Hindi · दोहा 1 399 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 31 Jan 2021 · 1 min read दोहा माँ/बेटी माँ होती है जगत में, ममता महिमा खान। आओ मिलकर हम करें, माता का गुणगान।। 1 माँ बनती है बेटियाँ, करती जग विस्तार। ढ़ोती हैं परिवार का, तन्मय होकर... Hindi · दोहा 2 1 454 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 27 Jan 2021 · 1 min read मैं दिल्ली हूँ दिल्ली न मुझको जलाओ गीत (मैं दिल्ली हूँ दिल्ली ).... बहुत हो चुका अपना दिल तो मिलाओ मैं दिल्ली हूँ दिल्ली, न मुझको जलाओ.. वो काफ़िर लुटेरा, वो गद्दार अपने लिया छीन जिसने निगाहों... Hindi · गीत 2 358 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 23 Jan 2021 · 1 min read दोहा दोहा.... विनती प्रभु रघुनाथ यह, करती धरा पुकार। बढ़ता हर-दिन जा रहा, दुर्जन अत्याचार।। 1 रहते हो तत्पर सदा, करते जन उद्धार। भक्तों के कल्याण में, मंगलमय अवतार।। 2 आओ... Hindi · कविता 1 2 244 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 8 Jan 2021 · 1 min read जो अपने है उनको पराया ना कर ग़ज़ल... जो अपने है उनको पराया ना कर, तू रिस्तो को हरदम हराया ना कर। अगर चाहता है रहें सब महकते, तो गुलशन की खुशबू चुराया ना कर। नहीं जिनकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 270 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 31 Dec 2020 · 1 min read नया वर्ष नया वर्ष.... नया वर्ष हो सुखद कामना करें आज सारे जन मिलकर कर्म करें इस तरह सतत हम महके पुष्प चतुर्दिक खिलकर.. दूर कलुषता भाव हृदय से निर्मल हो मन... Hindi · कविता 2 3 212 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 28 Dec 2020 · 1 min read राह में कुछ लोग अब भी मुस्कराते चल रहे ग़ज़ल... राह में कुछ लोग अब भी मुस्कराते चल रहे, लग रहा है इस तरह वह कुछ छुपाते चल रहे। देखकर हैरान उनकी हरकतों से हूँ मगर, जानता हूँ आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 212 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 22 Dec 2020 · 1 min read मेरे सवाल पास में उनके पड़े हुए ग़ज़ल... मेरे सवाल पास में उनके पड़े हुए देते नहीं जवाब है साहब अड़े हुए... मशगूल इतने हो गये कि देखते नहीं तकलीफ से बेज़ार हुए जो खड़े हुए... माँ-बाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 216 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 20 Dec 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना से अगर है लड़ना तो पालन करना ही होगा बनी योजना जो हितकारी जिससे यह न फैले जन में जिससे पीड़ा न हो मन में यद्यपि सच सरकार हमारी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 26 313 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 20 Dec 2020 · 1 min read मतलबी इंसान से तू प्यार मत कर ग़ज़ल.... मतलबी इंसान से तू प्यार मत कर इस तरह घर में सरे दीवार मत कर.... हो नहीं सकता हितैषी वो यकीनन आ गया सच सामने इनकार मत कर... बो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 397 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 18 Dec 2020 · 1 min read उनसे हमारी ये जो मुलाकात हो गई ग़ज़ल... उनसे हमारी ये जो मुलाकात हो गई, सबसे हसीन अपनी तो ये रात हो गई। देखा तो लगा जैसे कहीं ख्वाब तो नहीं, अच्छा ये हुआ दिल से सही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 189 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 17 Dec 2020 · 1 min read फिर से आँखें हुई सजल शायद ग़ज़ल... फिर से आँखें हुई सजल शायद बन रही है कोई ग़ज़ल शायद.... देखकर भी नहीं देखा मुझको ऐसा लगता गए बदल शायद... ढूँढते फिर रहे वो महफिल में खूबसूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 209 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 15 Dec 2020 · 1 min read मैं किसान हूँ मैं किसान हूँ, वही अभागा... मैं किसान हूँ, वही अभागा जो ठोकर खा-खा ना जागा... रहा अभावों में बस जीता घावों को छिप-छिपकर सीता... किया रात-दिन भू की पूजा खाकर... Hindi · कविता 460 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 13 Dec 2020 · 1 min read प्रभु मन में उम्मीद जगा दो प्रभु मन में उम्मीद जगा दो... प्रभु मन में उम्मीद जगा दो नयनों में सुचि स्वप्न सजा दो... भटक न जाऊँ मैं दुनियां में मुझको उत्तम राह दिखा दो... कांप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 241 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 3 Dec 2020 · 1 min read मुझे उनके आने का पैगाम देना मुझे उनके आने का पैगाम देना... मुझे उनके आने का पैगाम देना यही इक मुहब्बत का इनाम देना.. भरोसा वफा का बहुत यार पर है नहीं बेवफा का उसे नाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 2 Dec 2020 · 1 min read ज़िन्दगी सबकी बदलती जा रही है ज़िन्दगी सबकी बदलती जा रही है... ज़िन्दगी सबकी बदलती जा रही है यह इसी से ही उलझती जा रही है... कर रहा है आदमी खुद ही शिकायत आदमी की प्रीति... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 1 Dec 2020 · 1 min read हमको फ़र्ज निभाना होगा हमको फ़र्ज निभाना होगा.... हमको फ़र्ज निभाना होगा अपना कर्ज़ चुकाना होगा... जिस माटी ने दिया सहारा उनको हृदय लगाना होगा... अंधियारा से जूझ रहा घर दीपक वहाँ जलाना होगा...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 29 Nov 2020 · 1 min read इक उजाले का नयन में आस होना चाहिए ग़ज़ल.... इक उजाले का नयन में आस होना चाहिए ज़िन्दगी जीने के लिए खास होना चाहिए... है सही किस्मत सभी की एक सी होती नहीं शीर्ष पाने का मगर उल्लास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 28 Nov 2020 · 1 min read बदला-बदला शहर हो गया ग़ज़ल.... बदला-बदला शहर हो गया... बदला-बदला शहर हो गया पानी उसका जहर हो गया... इंसानों की बात नहीं यह.. शैतानों का बसर हो गया हुए अपरिचित हम अपनों से अनजानों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 219 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 27 Nov 2020 · 1 min read बहरी क्यों सरकार आज है बहरी क्यों सरकार आज है... बहरी क्यों सरकार आज है इतनी क्यों टकरार आज है... कहाँ गया धरती का सेवक दिखता बस दरबार आज है.... किया बग़ावत हक के ख़ातिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 394 Share Previous Page 2 Next