Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2021 · 1 min read

होता लज्जा का रहा

कुंडलिया छंद…

होता लज्जा का रहा, सदियों से सम्मान।
आभूषण नारी बता, करते जन गुणगान।।
करते जन गुणगान, मानते इसको गौरव।
महके सारा विश्व, सुवासित पावन सौरव।।
संस्कृति का विध्वंस, देखकर मन है रोता।
‘राही’ हर बाजार, नहीं सच अच्छा होता।।383

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)

1 Like · 171 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम एक निर्मल,
प्रेम एक निर्मल,
हिमांशु Kulshrestha
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
gurudeenverma198
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
ललकार भारद्वाज
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Sûrëkhâ
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
Dr fauzia Naseem shad
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
भोर होने से पहले .....
भोर होने से पहले .....
sushil sarna
पिता की आंखें
पिता की आंखें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
17== 🌸धोखा 🌸
17== 🌸धोखा 🌸
Mahima shukla
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
*नकली दाँतों से खाते हैं, साठ साल के बाद (हिंदी गजल/गीतिका)*
*नकली दाँतों से खाते हैं, साठ साल के बाद (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
ख्वाइश है …पार्ट -१
ख्वाइश है …पार्ट -१
Vivek Mishra
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
जाते हो.....❤️
जाते हो.....❤️
Srishty Bansal
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
पूर्वार्थ
3268.*पूर्णिका*
3268.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...