Comments (4)
9 Jan 2021 09:56 AM
बहुत आकर्षक रचना है राजेंद्रजी।
मेरी कविता ईश्वर भी पढ़ें और अच्छी लगे तो वोट करें ?
8 Jan 2021 08:28 PM
वाह वाह! बहुत सुन्दर ग़ज़ल डॉ राजेन्द्र सिंह जी.शुभकामनाएँ ?? मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
8 Jan 2021 08:07 PM
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण, सृजन, राही जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
राजनैतिक सत्ता के चरित्र पर किए गए कटाक्षपूर्ण व्यंग के माध्यम से आइना दिखाया गया है, सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति है।