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11 Jan 2022 · 1 min read

कौन जानता..

मुक्तक (सरसी छंद)…

कौन जानता कब क्या होगा, सब इससे अनजान।
मद मत्सर में उलझे हम सब, भूल गये पहचान।।
कहने को तो करते रहते, सबके सुख की बात।
लेकिन अवसर लोभ लुभावन, कर जाते हैं घात।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’

Language: Hindi
1 Like · 398 Views
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