Priya Maithil Tag: कविता 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priya Maithil 15 Nov 2024 · 1 min read दिवाली है दियो की रात और मैं आग सी जलती रहूं रुई ज्यों तिल में , दुखों के तेल में गलती रहूं क्या निशा है की जड़े हैं सब किवाड़ों पर... Hindi · कविता 1 20 Share Priya Maithil 11 May 2024 · 1 min read ग्यारह मई मेरा जन्म दुनिया की अति साधारण घटना। नही हुई कोई आकाशवाणी मेरे होने पर नही बरसे पुष्प नही हर्षे देव किसी क्रांति की आशा प्रत्याशा ईश्वर को मुझसे रही नही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 2 78 Share Priya Maithil 5 May 2024 · 1 min read नीचे की दुनिया ऊपर से नीचे आते हुए भूल जाती है कविता चाहे जितनी ऊंचाई से शुरू हो नीचे आकर ही उतर पाएगी हृदय में, बचा सकेगी अर्थ अपने होने का ऊपर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 2 74 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read मैं क्या हूं तिमिर कण हूं या बसंती भोर हूं.. हूं समय , या समय का छोर हूं.. प्रार्थना हूं या प्रलय घनघोर हूं.. हूं अनिश्चित या तुम्हारी और हूं .. कोई अगोचर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 80 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या …? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में हो जाता है अकसर आंखो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 74 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read तुम जाते हो.. देखो,यह अवनि की छाती आज धड़कती कम सी है। देखो, यह रूई की बाती आज तड़कती कम सी है। देखो,यह अंशुमाली में आज नही है तीखा ताप। देखो, चंदा की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 66 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read रास्ते का फूल न बन पाई तो.. रास्ते का फूल ना बन पाई तो .. रास्ते का खार बन कर क्या करूं.. जो ह्वदय का हार ना बन पाई तो.. फिर ह्वदय का भार बन कर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 106 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read लाज़िम है लाज़िम है ये भी की लब चल रहे हो बरबस पर बात कही भी न पहुंच पाती हो.. कान सुन नही रहे हो, पर अभिनय करता चौखटा हो.. पटा हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 69 Share Priya Maithil 29 Apr 2024 · 1 min read पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ा की कहानियां कही जाती हैं जिनके मुख से , परे होते हैं उसके दुख से.. भूख की पीड़ा ,भूख की नहीं, जीवन की है.. इसे... Hindi · कविता 2 154 Share Priya Maithil 14 Apr 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या ...? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में हो जाता है अकसर आंखो... Hindi · कविता 6 5 141 Share Priya Maithil 13 Apr 2024 · 2 min read तुम्हारी याद..! जब तुम्हारी याद आती है मैं ढूंढती हूं तुम्हारा कोई निशान जो तुम्हारी मौजूदगी का अहसास कराए और महसूस करती हूं तुम्हारा होना यूं तो याद आना तुम्हारा, रोजगार है... Hindi · कविता 4 148 Share Priya Maithil 5 Mar 2024 · 1 min read करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... प्रेम-प्रणय के सब आमंत्रण झूठे हैं.. मन जुड़ते हैं , अपने निजी प्रयोजन से.. त्याग- समर्पण के चलचित्रण झूठे हैं... . Hindi · कविता 1 124 Share Priya Maithil 1 Mar 2024 · 1 min read मैंने कभी न मानी हार (1) *लाखो बार बुझा है दीपक* *लाखो बार मिटा है तेल* *लाखो बार कश्तियां डूबी* *लाखों बार हुई है देर* *पर सिंधु से आंख लड़ाकर* *करी हमेशा नैया पार* *मैने कभी... Hindi · कविता 3 131 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब रसा को मूक कर दे ..आत्मघाती कोई कहानी.. जब नयन में नीर ,,बनके तीर से गड़ने लगे, हो व्यथित जब कह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 87 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. उर शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 138 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read घने तिमिर में डूबी थी जब.. घने तिमिर में डूबी थी जब.. किसने दीपक दिखलाया.. बैठी थी जब हो बेबस .. तब कहो कौन आगे आया.. अब जब राहों में खुद तारे .. तुम राह दिखाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 86 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... इक नन्ही सी चिड़िया जहां ढूंढती है.. घटाओ के झोंको की भूखी थी वो.. अब पिंजरों में बाकी हवा ढूंढ़ती है... हर ज़र्रे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 94 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जीवन की राहें पथरीली.. जीवन की राहें पथरीली.. हर पल इक नया झमेला है! तू इकलौता बर्बाद नहीं.. यहां हर एक शख्स अकेला है! ये चंद मिनट की मायूसी.. पर सबक बड़ा अलबेला है!... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 102 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... हां ख़ामोश तो हूं लेकिन......... दिल में राज छिपाकर नहीं जीती मुस्कुराती हूं सबके सामने बेझिझक क्यूंकि में अपनी हंसी दबाकर नहीं जीती जो ना कह सके अपना मुझे............ उसको... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 153 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read पग - पग पर बिखरा लावा है पग - पग पर बिखरा लावा है यह जग बस एक छलावा है... जो बैठे है बन अति उदार वह उनका महज दिखावा है. प्रेम - प्रेम कह इठलाते जो,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 143 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दीप जलाया है अंतस का, दीप जलाया है अंतस का, रक्त सलिल को तेल बनाकर, टूटा है तारा मेरा भी, अंबर से वसुधा पर आकर। छिटकाये पलछिन जीवन के नीर बहाकर ,सुध बिसराकर पल-पल के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 80 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जिस ओर उठी अंगुली जगकी जिस ओर उठी अंगुली जगकी उस ओर मुड़ी गति भी पग की जग के आंचल से बंधा हुआ, खिंचता आया तो क्या आया। जो टूट पड़े दुख आंगन में जो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 76 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read दुर्बल तुम केवल मन से हो दुर्बल तुम केवल मन से हो _____ दुख का अपने कर के विलाप, मत हालातों को गाली दो। अपने आहत रीते मन को, मत व्यर्थ दिलासा खाली दो। है घड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 154 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं... कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं... आगे तूफां के पर्वत नहीं ढहा करते है...! सपनों का कुनबा जमा है जबसे आंखो में, कोरो से मेरी आंसू नहीं बहा करते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 75 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है रोज़ लाशे बिछ रहीं है ,मौज में शमशान है शर्मसा खुद हो रहीं हैं सब दिशाएं लाज से बेयकीनी की बयारें, बेअदब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 56 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते... लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते... सब कुछ लुटा देते हैं दिल में शय नहीं पाते... "मुखौटो" से रखते मोह, सच्ची आत्मा से बैर... झूठी धुनों पर झूमते कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 62 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मैं कविता नहीं लिखती मैं कविता नहीं लिखती ये तो कुछ और है गहरे दरिया का छोर है अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए चीखती खामोशियों का शोर है मैं कविता नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 62 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read खुद से है दूरी मीलो की... खुद से है दूरी मीलो की... पर पास सभी के जाते है... अपनी नज़रों में गिरे पड़े... सबकी नज़रों में छाते हैं... कभी झांक के खुद में देखे.. क्या हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 58 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जिस अंधकार से विचलित तुम जिस अंधकार से विचलित तुम उस अंधकार से आगे हूं... जो मोहित कर बांधे मन को उस हर बहार से आगे हूं... जो विषय तुम्हारी चर्चा के मै उनसे आगे... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता 1 102 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read उन्मादी चंचल मन मेरे... उन्मादी चंचल मन मेरे... अपनी ही पीड़ा पर गाते, नयन तुम्हारे क्यों भर आते. अंधियारे उपहार मिले हैं, मुझको कुछ शापों के चलते.. सूने सब त्यौहार मिले हैं, मेरे ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 140 Share Priya Maithil 22 Jan 2024 · 1 min read घर नही है गांव में धूप में जले पांव मांगते हैं छांव जाना चाहते हैं गांव पर दर नही है गांव में जमी नहीं है गांव में कमी नहीं है कोई भी बस घर नही... Hindi · कविता 2 178 Share Priya Maithil 10 May 2022 · 1 min read मेरी आंखों का तारा नाजों से पाला था जिसको.. छूने भी नहीं दिया गम को.. हर खुशी लुटाई थी जिस पर. जीवन का एक- एक पल चुनकर.. अब वो मेरा ही राजकुंवर… दिन मुझे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 1 298 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read दुर्बल तुम केवल मन से हो.. दुर्बल तुम केवल मन से हो _____________________ दुख का अपने कर के विलाप, मत हालातों को गाली दो। अपने आहत रीते मन को, मत व्यर्थ दिलासा खाली दो। है घड़ी... Hindi · कविता 4 6 378 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read जिस ओर उठी अंगुली जगकी.. जिस ओर उठी अंगुली जगकी उस ओर मुड़ी गति भी पग की जग के आंचल से बंधा हुआ, खिंचता आया तो क्या आया। जो टूट पड़े दुख आंगन में जो... Hindi · कविता 1 3 449 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read विश्वाश की अंधी दौड़. विश्वास की अंधी दौड़ दौड़ता है आदमी जोड़ता है कुछ सपने,कुछ उम्मीदें उसके अपनों से मरोड़ता है तकलीफ की आंधी को मन ही मन टूटने पर भरम, कोसता है मसोसता... Hindi · कविता 1 274 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read मै देख रही हूं.. मै देख रही हूं, कुछ नामों को अपने अंत: स्थल से मिटते हुए.. ये नाम यहां मैंने कभी नहीं लिखे थे, किसने लिखे.. कैसे लिखे.. नहीं खबर, किन्तु मिटाना इन्हे... Hindi · कविता 2 2 285 Share Priya Maithil 14 Sep 2019 · 1 min read हिन्दी सूर्य हमारा है अलंकार और रस से सज्जित, प्यारी भाषा हिंदी है। भाव अनेक समाहित जिसमें, विस्मयकारी हिंदी है। संस्कृत से उत्पन्न हुई है, कालजयी एक तारा है। वैदिक युग से बहती आये,... Hindi · कविता 6 1 442 Share Priya Maithil 18 Aug 2019 · 1 min read कविता झूठ नहीं होती तुम जो लिखती हो वह झूठ है वृक्ष - सा दिखता महज एक ठूंठ है, किन्तु झूठ लिखा नहीं जा सकता,_" कहा मैने!" सागर गागर में समा सकता है! गूंगा... Hindi · कविता 2 2 550 Share Priya Maithil 18 Jun 2019 · 1 min read मेरी आंखो का तारा नाजों से पाला था जिसको.. छूने भी नहीं दिया गम को.. हर खुशी लुटाई थी जिस पर. जीवन का एक एक पल चुनकर.. अब वो मेरा ही राजकुंवर... दिन मुझे... Hindi · कविता 2 2 279 Share Priya Maithil 21 May 2019 · 1 min read करना है जो वो कर ही चले... करना है जो वो कर ही चलें, बातों से मन बहलाये क्यों... छोटी - छोटी भूले भूलें, इनको बेकार बढ़ाएं क्यों... कुछ घर मिट्टी ही रहने दें, हर घर को... Hindi · कविता 2 4 558 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read चुनना केवल तुमको है "चुनना केवल तुमको है"" है टूट रहे नित- नियम अनेकों, उनका तुम यलगार करो.. क्षण- क्षण को बटोरो जीवन में, या खुल कर तुम बर्बाद करो.. यह तिक्त- मधुर गाथा... Hindi · कविता 2 2 517 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read सच्चा प्यार किसी को कैद कर लेना मोहब्बत की सलाखों में उसे ये ताड़ना देना, कि तुम हो मेरी चाहो में परखना उसकी हर एक बात में गुम हो कहीं ,तुम हो... Hindi · कविता 5 1 310 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read निर्णय कुछ शाखॆ टूट जाएगी मुरझा जाएंगी कुछ कलियां पत्तों का रंग बदल जाएगा मन भी शायद विद्रोह को मचल जाएगा सब कुछ निर्भर करता है "निर्णय"पर!! किसी की उलझी लटे... Hindi · कविता 2 2 467 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read मैं कविता नहीं लिखती मैं कविता नहीं लिखती ये तो कुछ और है गहरे दरिया का छोर है अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए चीखती खामोशियों का शोर है मैं कविता नहीं... Hindi · कविता 2 2 241 Share Priya Maithil 19 Dec 2018 · 1 min read मेरा क्या मुझमें बतलाना? जो दिया तुम्हीं से था पाया.. कब खुदको ऊंचा दिखलाया.. कब तोड़ के डोरी "मर्यादा" मन मेरा खुद पे भरमाया... मैंने तो इन अवसादों से.. सीखा है गम में मुस्काना...... Hindi · कविता 1 533 Share Priya Maithil 18 Dec 2018 · 1 min read रे फिर बापू मर जाते हैं!! स्वारथ की पोथी को पढ़कर, लोलुपता नभ पर चढ़कर , अपनी -अपनी ढोली ढपकर, प्रेम दया सब कुछ तजकर, जब हम निज मुख देख दरप में, तनिक नहीं सकुचाते है!... Hindi · कविता 1 1 398 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 2 min read किसान उड़ाते है मखौल बुजदिली का मेरी... ये जो तमाशबीन बने बैठे है सियासत में तेरी.. कायर तो नहीं हूं...पर मजबूरियों से थक चुका हूं... अपनी टूटी उम्मीदें इन बाजारों में... Hindi · कविता 4 5 481 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 1 min read जटिलता हृदय बड़ा उद्विग्न है.. सना हुआ है विघ्न में.. बड़ी विकट पड़ी घड़ी.. हूं तक रही खडी खड़ी.. है आज मौन खुद "धरा".. है किस जगह मेरी #धरा ये किस... Hindi · कविता 3 2 410 Share Priya Maithil 7 Oct 2018 · 1 min read आरक्षण बहुत हो चुका हो हल्ला अब तो मन की गांठें खोलो.. सब में ही गुण है प्रतिभा है.. इन्हें आरक्षण से मत तौलो इन भारत बन्द के खटको से.. हो... Hindi · कविता 3 655 Share Priya Maithil 21 Sep 2018 · 1 min read क्यों राह कोई आसान चुनूं मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. और शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Hindi · कविता 3 267 Share Page 1 Next