Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

मैं कविता नहीं लिखती

मैं कविता नहीं लिखती
ये तो कुछ और है
गहरे दरिया का छोर है
अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए
चीखती खामोशियों का शोर है
मैं कविता नहीं लिखती,
ये तो कुछ और है
ये शब्द जो इतरा रहे है पन्नों पर
ये शब्द भी मेरे नहीं हैं
जाने किस- किस की भावनाओ के भार है
जो मैंने उधार लिए है
ओर यहां उतार दिए है
मैं कविता नहीं लिखती
ये तो बस एक सुगबुगाहट है
किसी की छटपटाती ख्वाहिशों की
जो एक फांस सी गड़ी पड़ी थी
कल मेरे सिरहाने रात खड़ी थी
बस उसी की भोर हैं
मैं कविता नहीं लिखती
ये तो कुछ ओर है
ना डूब पाओगे तुम इसमें
ना ही रस ले पाओगे
ये नीरस है
क्यूंकि इसमें तुम ना मिलोगे
बस मैं ही मैं हूं
ओर मैं कविता नहीं लिखती!!
©
प्रिया मैथिल

Language: Hindi
1 Like · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Priya Maithil
View all
You may also like:
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
Trying to look good.....
Trying to look good.....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
हिसाब
हिसाब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
रोहित एवं सौम्या के विवाह पर सेहरा (विवाह गीत)
रोहित एवं सौम्या के विवाह पर सेहरा (विवाह गीत)
Ravi Prakash
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
शिक्षित बनो शिक्षा से
शिक्षित बनो शिक्षा से
gurudeenverma198
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
जीवन उद्देश्य
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर  मौन  प्रभात ।
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर मौन प्रभात ।
sushil sarna
इंसानियत का कत्ल
इंसानियत का कत्ल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
बे खुदी में सवाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
SHAMA PARVEEN
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3343.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
विषय -परिवार
विषय -परिवार
Nanki Patre
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...