Dr.Pratibha Prakash 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr.Pratibha Prakash 22 Mar 2024 · 3 min read सत्य आराधना तुम विलय, तुम प्रलय, काल तुम महाकाल हो आदि तुम अनादि तुम, अनंत और अकाल हो शांति तुम क्षमा, क्षुधा, अखण्ड, विखंड, शंखनाद नाद अनहद परिधि क्षितिज, शून्य तुम विशाल... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 171 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Mar 2024 · 1 min read सत्य कौन है वो रचा सृष्टि को जिसने, अनवरत नियमों में बांधा किसने कौन है वो क्या उसकी सच्चाई ,क्या कभी किसी को समझ है आई मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है प्राणी, भाषा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 58 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 127 Share Dr.Pratibha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read शाश्वत सत्य अटल अडिग अविचल निश्चय सत्य सनातन शाश्वत परिचय अनादि अनन्त अगम अगोचर,शान्त सहज भय से भयंकर बांधे सकल काल अणु रज रज, भू अम्बर प्रकृति हर अक्षर शत सूर्य कोटि... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 2 66 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस भारत माता कह बुलाते अपने राष्ट्र का परिचय देते दुर्भाग्य मगर भटकी पीड़ी का महिला दिवस मानाने पड़ते नारी शक्ति द्योतक है मानी पवित्र गूंजती वेदों की वाणी कैसे भूल... Hindi · कविता 4 56 Share Dr.Pratibha Prakash 3 Feb 2024 · 1 min read एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया एक साधक की साधना ने, आज यहाँ एक मार्ग बनाया|| यही प्रार्थना उस परम सत्ता से, अपने हर उत्कर्ष... Quote Writer 7 3 115 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा दृश्य बाल कृष्ण अपने सखाओं के संग और राधिका मार्ग में गोपियों के संग छम-छम, छम-छम बाजे पायल,राधा के संग आये श्यामल पीछे सारे गोपी गण हैं , बने प्रतीक्षित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नाटक · बाल कविता 10 4 343 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय के आंगन में मेरे हृदय के इस आँगन में, रहता था बस सूनापन देकर अपनी मीठी छुअन, जगा दिया तुमने स्पंदन क्यों किया तुमने ऐसा, चुभा दिया कांटा हो जैसा क्यों जानी मेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 4 327 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read प्राप्ति मिला है वो जिसकी थी तलाश सदियों से या कई जन्मों से वो वोधि ज्ञान या कैवल्य तत्व ज्ञान या अध्यात्म पा लिया मैंने सर सृष्टि का पा लिया एहसास... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 2 156 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read एक साँझ ढलता सूर्य तो आती साँझ, कुछ कथ्य कहे अनकहे सत्य समझाए निशा है आये होगी दीप्तिमान प्रतीक्षा, कुछ अपूर्ण इच्छा महत्ता निशा की ज्ञान अंधकार का एक प्रयासित प्रयोग है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 116 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 2 min read हे मनुज श्रेष्ठ मैं सूक्ष्म अति मैं ही विराट मुझसे ही विशाल हिम ललाट । मुझमें सारा सकल सृजन, सुशोभित मुझसे ये धरा गगन । मैं ही जल अग्नि व्योम समीर , मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 3 429 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read बोध उम्र बीत गई झुर्रियां आ गईं काश ये तब समझ लिया होता ......... समय का वहाव है सब अपनों के ही दिए घाव हैं सब ......... सत्य तो बस सनातन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 141 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read खिन्न हृदय हृदय बड़ा खिन्न सा है, दृष्टि गोचर भिन्न सा है हर तरफ स्वार्थ लिप्सित, रिश्ते नाते सब भाव रिक्त कहें को सब अपने हैं, देखो तो सब सपने हैं विचरण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 144 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read अनंत का आलिंगन न जाने किसकी आँखों से बरस रहा सावन बिन सावन बूंदे अति शीतल हैं फिर भी छलनी सीना होता क्यों साजन न जाने किसकी आँखों से.................... झर-झर झर-झर बरसे नैना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 246 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read इक तेरे सिवा तुमसे हटकर सोचूं भी क्या, इक तेरे सिवा जगत रखा क्या पंचतत्व में तुम ही समाये , तुमसे सुन्दर जगत में और क्या ......... ये तारे, नज़ारे सब तुम्हारे इशारे,सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 10 2 161 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read मेरे कलाधर श्यामल शस्य भू नीला अम्बर , शोभित मध्य मेरे कलाधर शास्वत सत्य डारि बाघम्बर, गुंजित बम-बम और हर-हर स्वर शोभित मध्य मेरे कलाधर ................ अजानुबाहु आशीष को देते, मन निर्मल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 148 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read प्रीत की चादर बदली ने ओढ़ प्रीत की चादर , भू को आज भिगोया है और धरा ने फैला बाहें, बूंदों को सीने में पिरोया है .............. नाचे मोर पपीहा गाए,झूम झूम सावन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 9 117 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला सायंकाल फिर मिलन की वेला, तेरी राह निहारेगी मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी ............ लाज से भरे तेरे नैनन में, प्रेम रिक्त रह जाएगा अपने हाथों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 9 172 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read व्याकुल तू प्रिये क्यों होती है व्याकुल तू, प्रिये मैं तेरे हृदय में रहता हूँ, तू यहाँ वहां क्यों खोज रही, तेरे अंतर्मन में रहता हूँ ..................... तेरे केशों की काली घटा में,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 139 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read युग बीत गया एक युग बीत गया हो जैसे, तेरी चितवन को पाए नैन भए पत्थर हों जैसे, तेरी राह में पलक बिछाए... सुन स्वामी अंतर्यामी है तू ,सर्वज्ञ सर्व व्यापी है तू... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 99 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read किसी से मत कहना किसी से मत कहना किसी से मत कहना ............... कांधे पर सिर रखकर हमने, जो पल तेरे साथ बिताए तेरी धड़कन जो गीत गाए, गीतों का अदभुत वह राग अधरों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 105 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read ये पीढ कैसी ; ये पीढ कैसी ये प्रीत कैसी, ये रीत कैसी ये प्रीत कैसी शूल चुभाए पवन ये कैसी, सुलगे हृदय में ये अगन कैसी ।। हे री सखी कह; ये राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 108 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला घटा घनघोर छाई , संदेश पिया का लैके आई लगे मिलन की वेला , अब आई- अब आई ............. बदरा भये अब कारे-कारे, जैसे नैन तेरे कजरारे मेघ झुके तो... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 10 84 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read हे नाथ कहो हे नाथ कहो ………….. कोई शब्द जो मेरे मन में आता; क्या तुमसे मिलकर आता है ? जो भाव उठा मेरे उर में, क्या तुम तक स्वामी जाता है ?... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 132 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read योग न ऐसो कर्म हमारा मन चाहे तुझमें खो जाऊं, योग न ऐसो कर्म हमारा ज्ञान न एतो तुमको पा लूँ ,ताहि रटूं मैं नाम तिहारा हर पल तेरा दर्शन मांगू ,मैं तेरी हूँ इतना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 101 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read प्रार्थना प्रर्थना शब्दों से ऊपर ही रहती, हृदय भाव की ये भाषा प्रार्थना मात्र भाव हृदय के, नहीं कोई ये परिभाषा ।। प्रभु ये उपवन देन तुम्हारी, मात पिता संग हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 93 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 2 min read अध्यात्म का शंखनाद ज्ञान ज्ञान ज्ञान बोल कर मांगते सम्मान हैं ज्ञान हैं जहां नहीं कह रहे पहचान है | साम दाम दण्ड से, छल हेर फेर फंद से वीर-पीर कह रहे, हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 2 190 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुझमें : मैं लोक में त्रिलोक में, मैं ही धरा आलोक में प्रसन्नता पर्याय मैं ही, मैं ही कारण शोक में पूजा दया और दान में, मैं करुणा के सार में समस्त विकारों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 274 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read अध्यात्म का अभिसार आदि अनादि अनन्त वो, महाकाल और प्रचंड है बहुरूपणी सर्वरूपणी, अगोचर अगम अखण्ड है देव-दैत्य. गंधर्व-यक्ष, भगवानों का भगवान है नाम रूप मुक्त वो,नहीं रिक्त कोई स्थान है।। सत्य का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 288 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read एक नया अध्याय लिखूं एक नया अध्याय लिखूं ,तेरा तुझसा पर्याय लिखूं। मिलन विरह से ऊपर उठ, मुक्त छंद दो चार लिखूं ।। स्तुतियों में जिसका वर्णन है, श्लोकों में जिसका वंदन है ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 3 453 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 13 1 588 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read बुला लो जन्म जन्म की मैं हूँ प्यासी सदा रहूँ दर्शन अभिलाषी अपने स्नेह से किया सवेरा जैसे मिटा हो जन्मों का फेरा मन मन्दिर में किरण जगाई जीवन जीने की आस... Hindi · कविता 10 123 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Jan 2024 · 1 min read पुनर्जागरण काल ये पावन पुनीत अमृत वेला है जो पी रहा रस हो अलवेला है हर तरफ एक ही गूंज गूंज रही जय जय हो बस यही धूम रही महक रहा अध्यात्म... Hindi · कविता 10 100 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Oct 2023 · 1 min read https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX लाइक शेयर और सब्सक्राइब प्लीज Quote Writer 8 2 92 Share Dr.Pratibha Prakash 9 Aug 2023 · 1 min read आधुनिक हो गये हैं हम आधुनिक हो गये हैं हम अपनों को भूल गये हैं हम संस्कार की भाषा, प्यार की परिभाषा अपना इतिहास, भूगोल भूल गये हैं हम अपना गाँव नीम और पीपल की... Poetry Writing Challenge · कविता 14 4 271 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Aug 2023 · 1 min read चेतावनी हिमालय की वर्षों से पुकार लगा रहा हूं वेदना सबको बता रहा हूं लेकिन मानव तू वधिर हो गया अश्रु निरंतर मैं वहा रहा हूं।। तब जाकर प्रतिकार किया मैं हिमालय बतला... Hindi · कविता 15 2 378 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत अजीब इल्म की रिवायतें बदली इन्सान की फितरत बदल गई न पूजा न इवादत न कोई रिश्ता बचा सजदा भी अब सौदे की बात बन गई न खौफ खुदा का... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 13 896 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत क्या थी आदमी की फितरत कभी अब देखो क्या हो गई है इन्सान में थी इंसानियत जो आज जाने कहाँ खो गई है पहले पड़ोस खास होता था और... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गजल 16 8 901 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jun 2023 · 1 min read कहती गौरैया क्यों भूल गए मोहे मेरे भैया मैं तो तेरे आंगन की गौरैया बच्चों का मन बहलाती इधर उधर फुर्र हो जाती बनाओ इमारत चाहे ऊंची खिड़की एक रखो तो छोटी... Hindi · गीतिका 15 5 667 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read दर्द कितना रोकूँ मैं स्वयं को दर्द झलक ही जाता है दिल इतना कमजोर है जो फफक ही जाता है।। इस कदर हावी है जुदाई और हाकिम की वेरुखी देखूँ पल... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 22 12 251 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read वन्दे मातरम गूँजे कण कण भारत भू का वन्दे मातरम महक उठे वन उपवन मिलके वन्देमातरम शस्य श्यामला भू हरियाली परम्परा समृद्धिशाली राष्ट्र प्रेम की गाथा गाते हर मधुवन की हरेक डाली... Poetry Writing Challenge · कविता 22 9 434 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read ये कौन है?..............पहचान नींद में था तभी सुनी मैंने आवाज वही जो यदा कदा पहले भी आई क्या .....मैं हूँ वही एकमात्र सत्य है जो मानव ने मुझे समझा नहीं रचयिता उसका हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता 23 22 497 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read मिथक lL........ मिथक जगत के स्वार्थ मिथक मत सोच तुझे जाना है किधर लक्ष्य है क्या तेरा जन्म है क्या जीवन का तेरे उद्देश्य है क्या कर्म है क्या करना है... Poetry Writing Challenge · कविता 20 6 270 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read सजदा तेरे सजदे में सर झुका तो सुकूँ आया तेरी चौखट पे मैंने अपना जहाँ पाया तू ही मालिक इस सारी कायनात का तुझसे हटकर न मैने कोई वजूद पाया।। नूरानी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 18 5 182 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read स्वप्न या सत्य आज मुझे मालूम हुआ तेरी की लगन की मगन में वो कैसे फ़ना हो गए प्यार का अर्थ और गहराई में अंत तक वो खो गए काश वहां तक जाकर... Poetry Writing Challenge · कविता 20 6 515 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read मिलन चाह लिये मिलन की तुमसे करती रोज निहार जब भी दूँ सन्देश तुम्हें मिलता जाए इनकार मिल जाए इनकार व्यथित तब मन हो जाता पल भर तो कुछ समझ न... Poetry Writing Challenge · गीत 20 3 137 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read प्यास रिक्त मेरा अन्तस अति क्यों न जाने कैसी प्यास है भरी दशों दिशाएं लेकिन मन अतिरिक्त उदास है गहराए क्यों अकेलापन जब तेरा एहसास है चुभन बड़ी अंतर्मन मेरे विरह... Poetry Writing Challenge · कविता 21 8 149 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read दूरी अगर तू जनता है दर्द मेरा तो वेरुखी सी क्यूँ है तू जानता है तो मेरी ज़िंदगी फिर रूठी सी क्यूँ है? मेरी जन्नत की खुशी तू ही मेरा ख्वाब... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 21 3 112 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read कठोर सत्य सत्य को परखती दृष्टि अविरल अविचल कठोर सत्य का अनुभव नियत कर्म आत्मिक द्वन्द विश्वास की परीक्षा स्वार्थ की पूर्ति आस्था की पराकाष्ठा मानव की श्रेष्ठता रिश्तों की लोलुपता झुठ्ठा... Poetry Writing Challenge · कविता 20 3 135 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read वेरुखी हर हर्फ मेरे दिल के अरमान की स्याही से लिखा याखुदा तुमने इस कदर उसे मज़ाक में उड़ा दिया ऐसा नहीं वक़्त ही न मयस्सर हो तेरे पहलू में मेरी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 17 3 90 Share Previous Page 2 Next