पंकज कुमार कर्ण 251 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज कुमार कर्ण 14 Jul 2021 · 1 min read "चापलूस" "चापलूस" ********* इसकी पूछो मत, कोई हाल; ये मनुष्य होता, बड़ा कमाल। इसका खास होता नही,नाम; बस होता वह थोड़ा बदनाम। काम करता, जिसके खातिर; वो भी होता, बड़ा ही... Hindi · कविता 7 2k Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jul 2021 · 7 min read "लड़की हुई है" "लड़की हुई है" ^^^^^^^^^^^^^ """"""""""”""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" मेरे एक घनिष्ट मित्र रवि जो एक निजी कंपनी में काम करता था। रवि की आय ज्यादा नही थी, किसी प्रकार अपने परिवार का भरण-पोषण... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 15 2k Share पंकज कुमार कर्ण 24 Oct 2021 · 1 min read "बेटा-बेटी" "बेटा-बेटी" °°°°°°°°°° चाहे 'बेटा' हो या 'बेटी' दोनों , 'माता-पिता' के; 'आंखों' की है, 'ज्योति' 'बेटा', कुल का दीपक; तो बेटी, घर की रौनक; 'बेटी' अगर, 'ममता' है; 'बेटा' मारक... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 2 min read "अष्टांग योग" "अष्टांग योग" योगी बनिये अपने जीवन में सदा, योग ही है, आधार अब जीवन का, जहां योग है , नही वहां कोई रोग है, ये भारत से ही निकला, एक... Hindi · कविता 10 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 10 Oct 2021 · 1 min read 🙏माँ कूष्मांडा🙏 "माँ कूष्मांडा" ****🙏*** जय जय मां 'दुर्गे', जय माता 'जगदम्बा'; चौथी नवरात्रि बनी, तू ही मां 'कूष्मांडा'; चारों ओर ही पसरा था जब , घोर 'तम'; माता तब तूमने ही... Hindi · कविता 6 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jun 2021 · 1 min read पावस की बूंदें ************** पावस की बूंदें ************** घटा जब छाये घनघोर, टर्र-टर्र और क्रेऊं क्रेऊँ, करते मेढक और मोर। ये रिमझिम- रिमझिम , ज्योहिं होती ऐसी वर्षा, भींगने को हर प्राणी का, सदा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 17 1k Share पंकज कुमार कर्ण 10 Oct 2021 · 1 min read 🙏स्कंदमाता🙏 'स्कंदमाता' ****🙏**** 'नवदुर्गा' के पंचमरूपी , हे 'देवमाता'; कहलाती हो तुम ही , मां 'स्कंदमाता'; हे जन्मदात्री, तुम तो अच्छी माता हो; शक्तिशाली सुपुत्र,श्री स्कंदकुमार की; आदर्श बनी है तू... Hindi · कविता 6 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कालरात्रि🙏 "मॉं कालरात्रि" ****🙏**** जय जय महामाया, स्याहवर्ण है तेरी काया; तू माता जगतप्यारी,तेरी शक्ति है चमत्कारी; सदैव शुभ फल देनेवाली , माता 'शुभंकारी' भक्त-जन पूजे तुमको, सदा दिन और रात्रि;... Hindi · कविता 5 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jun 2021 · 1 min read "फिर से चिपको" फिर से "चिपको" ************** धरती की अब यही पुकार, पेड़ पौधे सहित पर्यावरण का मिले प्यार। नही तो ये धरा बिखर जायेगी, फिर सब पर अपना कहर बरपाएगी।। इस धरा... Hindi · कविता 10 6 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता शैलपुत्री🙏 माता शैलपुत्री *****🙏***** मां नवदुर्गे की,तू ही है पहली रूप; करे तेरी आराधना,रंक हो या भूप। तू है, सारे जग की माता महारानी; बने तू सदा, भोले शंकर की रानी।... Hindi · कविता 9 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read 'ताश का पत्ता" 'ताश का पत्ता" मानव, 'ताश' के जैसा है; हर चरित्र, 'ताश-पत्ता' है; कोई , नहले पर दहला है; तो कोई , सत्ते पे सत्ता है; कोई इक्का बन , बैठा... Hindi · कविता 5 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कात्यायनी🙏 "मॉं कात्यायनी" *****🙏***** जय जय जगकल्याणी , जय जय नारायणी; तू है , नवदुर्गा की षष्ठी रूप मां 'कात्यायनी'; महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया तूने, मां; भगवती रूप धारण... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Oct 2021 · 1 min read 🙏महागौरी🙏 "महागौरी" ***🙏*** जय जय माॅं , 'अम्बे गौरी'; ध्यान दे, 'भक्तों' पर थोड़ी, 'मॉं' तू देवी है, 'सौंदर्य' की; 'नारी-शक्ति' व 'ऐश्वर्य' की; नवदुर्गा में,'मॉं' तू अष्टम् है; 'महाष्टमी', होती... Hindi · कविता 4 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Oct 2021 · 1 min read 🙏देवी चंद्रघंटा🙏 "देवी चंद्रघंटा" ****🙏**** हे माता 'जगदम्बे', हे 'चित्तरूपा'; तू है,मां दुर्गा की तीसरी स्वरूपा; माथे पर तेरे, अर्द्धचंद्र सुशोभित; दैत्य,दानव तूझसे रहे विक्षोभित; तू ही कहलाती मां, देवी चंद्रघंटा; हर... Hindi · कविता 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jun 2021 · 2 min read "पिता" (एक सच्चाई)***** "पिता" (एक सच्चाई)*** @@@@@@@@@ पिता हर-घर की शान-बान है, हर बच्चे की वही पहचान है। हर पिता भी तो, एक पुत्र है; वो परिवार का जीवन-सूत्र है। मां होती अगर... Hindi · कविता 8 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Oct 2021 · 1 min read 🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏 मॉं सिद्धिदात्री .......🙏...... हे जगदम्बे , 'नवदुर्गा' की नौवीं रूप; 'भक्तों' को भाये, तेरा 'सिद्धिस्वरूप' 'माता' तू ही , जग की 'अधिष्ठात्री' है; हर 'सिद्धि की देवी', "सिद्धिदात्री" है; तू... Hindi · कविता 7 14 1k Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 2 min read "बेरोजगारी" बेरोजगारी "बेरोजगारी" आज कुछ नही, यह तो है, बस एक विचार। युवाओं के अपने सपने पर, यह तो है, बस एक प्रहार।। सरकारी के चक्कर में सदा, पूरा निजी मत... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jun 2021 · 2 min read "मैं क्षमता हूॅं" "मैं क्षमता हूॅं" ??? मैं हूॅं, अपने देश, नही कोई मुझमें द्वेष, मैं एक सेवक हूॅं, मैं ही खेवक हूॅं। "मैं क्षमता हूॅं"। मुझमें ना लोभ है, ना है, कोई... Hindi · कविता 12 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 17 Dec 2021 · 1 min read "बदलते भारत की तस्वीर" "बदलते भारत की तस्वीर" ०००००००००००००००० निज भारत की , सुनो दास्तान; ये छुए, नित्य ही नई आसमान; सर उठा , हम ही आगे चल रहे; देख , सारे दुश्मन हाथ... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read संस्कारी पत्नी संस्कारी पत्नी ========= संस्कारी पत्नी अब कहीं नहीं दिखते हैं , बस कविता में ही कोई कोई ऐसी लालसा लिखतें है। ये पत्नी तो अब लुप्त प्राणी है, ये सोचना... Hindi · कविता 9 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "महाभारत" (एक राजनीति).... "कौरव" कर रहा सेना तैयार, युधिष्ठिर को हराने को। दुर्योधन गया है, देखो; कर्ण को मनाने को।। कर्ण भी वचनबद्ध है, अपने दोस्ती निभाने को। दुःशासन भी है,साथ सदा; कुछ... Hindi · कविता 14 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read हे प्रभु ! (प्रार्थना) हे प्रभु! (प्रार्थना गीत) ????? हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान..... जिससे, आ सके हम देश के काम; हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो; हमारे लिए, सच्चाई की... Hindi · गीत 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jul 2021 · 1 min read संस्कृतम् संस्कृतम् ********* संस्कार की जननी "संस्कृत", भाषाओं में पावनी "संस्कृत"। भाषा यह, भावों से अलंकृत; युगों-युगों से है, ये पुरस्कृत। संस्कृत है, हर भाषा का आधार; इसकी वाणी से गूंजे,... Hindi · कविता 8 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 8 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता ब्रह्मचारिणी🙏 🌷माता ब्रह्मचारिणी🌷 ********🙏******** जय जय जगजननी , जय जगधारिणी; तू मां दुर्गा की द्वि स्वरूपा ब्रह्मचारिणी। तुम तपस्विनी, नहीं तेरी कोई सवारी है; तुम तो माता, सारे जग को ही... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read भगवान चित्रगुप्त भगवान चित्रगुप्त _____?_____ ब्रह्मा के काया का,तुम आकार हो; तुम ही तो , 'यम'के सलाहकार हो; हर जीवन-मरण के, रचनाकार हो; हे 'चित्रगुप्त',तेरी जय जयकार हो; तुम ही हो,एकमात्र लेखक... Hindi · कविता 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jul 2021 · 1 min read 'लोभ'और 'लालच' 'लोभ'और 'लालच' ०००००००००००० लोभ-लालच है ,'भाई सौतेला', एक की 'मम्मी' है , 'अहंकारी'; और दूसरे की भी है, 'दुराचारी'; दोनों ही है,' सौतन' अत्याचारी; इसके 'पापा' भी हैं , भ्रष्टाचारी;... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "कविता" बरसाती..... "कविता"बरसाती*** @@@@@@@@ ये 2021 की नई बरसात है, वर्षा ऋतु की ये सौगात है। हो रही कविताओं की बारिश, इसमें कई कवियों का हाथ है। ये बरसात ऐसे हो रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ (हिंदी दिवस पर विशेष) *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार; वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार; हिंदी ही सदा , राष्ट्र में... Hindi · कविता 7 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Apr 2022 · 1 min read बदलते रिश्ते "बदलते रिश्ते" ~~~~~~~~ मैं किस रिश्तों की, बात करूं; हर रिश्ते ही, अब तो सस्ते है। जहां कोई भी, नुकसान दिखे; नफा हेतु ही, बदलते रिश्ते हैं। रिश्तों में अब,... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jun 2021 · 1 min read "ऐ पथिक तू संभल जरा" "ऐ पथिक संभल जरा" ?????? ऐ पथिक तू संभल जरा, तू सोचता क्या,खड़ा-खड़ा; उधर भी जरा नजर दौड़ा, की कौन कहां, कैसे मरा। ऐ पथिक तू संभल जरा..... मत बन,... Hindi · कविता 7 978 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "साहित्यिक विधा की महिमा" " साहित्यिक विधा की महिमा" ••••••••••••••••••••••••••••••• किसी पर 'कविता' का असर है , किसी पर असर है 'कहानी' का। कहीं, किसी 'छंद' का असर है; तो कहीं, असर अंतर- द्वंद... Hindi · कविता 7 2 991 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Oct 2021 · 1 min read 🙏विजयादशमी🙏 "विजयादशमी" °°°°°🙏°°°°° विजया दशमी की, बेला आयी; देवी मां ने ही , दुर्गा रूप बनाई; आज बनी मां , दस भुजा धारी; सिंह को बनाया, अपनी सवारी; माता की, नौ... Hindi · कविता 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 948 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read कुछ तो है कुछ तो है, जो सेवक को लेखक बना दिया। एक गूंगे को गायक बना दिया।। कुछ तो है , जो बुद्धू को बुद्धिमान बना दिया। शक्तिहीन को शक्तिमान बना दिया।।... Hindi · कविता 16 9 943 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jan 2022 · 2 min read "यादों के झरोखे से".. "यादों के झरोखे से".. °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "यादों के झरोखे से", मैं क्या-क्या बताऊॅं, क्या-क्या याद करूॅं और क्या भूल जाऊॅं। अपना बचपन था,जैसे समुंदर की हों लहरें; मस्ती थी, सस्ती; बगीचों... Hindi · कविता 6 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jul 2021 · 1 min read "एक और दंगल" "एक और दंगल" ??________?? एक अमीर , दो को कर, गरीब; पता नही अब , वो जायेगा, किसके करीब। हम दोष दें, किसको आखिर, जब सामने हो, बड़ा शातिर। देख... Hindi · कविता 6 2 965 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read "प्यारे मोहन" "प्यारे मोहन" °′°°°°°°°°°°° 'प्यारे मोहन' तूने ये क्या कर डाला, क्यों तुमने, तभी ऐसी बीन बजाई; 'धरा' आधा ले गया , जिन्न हरजाई; फिर कोई, ऐसा चक्र चलाया होता; अखंड... Hindi · कविता 2 996 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 948 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "बीते सावन" बीते सावन (मुक्तक) °°°°°°°°°′°°°°°°°°° बीते सावन , हरबार 'राखी' से। रवि ढले, घर लौटते 'पाखी' से। नियम निराला है ये 'सांसारिक', जीतता न जंग कोई 'साखी' से। ________________________ ....✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 3 875 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Nov 2021 · 1 min read "छठ की बात" "छठ की बात" 🙏🌄🙏 अब जानो सब ही, 'छठ की बात'; कद्दूभात से हो , पर्व की शुरुआत; अगले दिन आए , खरना की रात; व्रती रहते, इन दिनों पूरा... Hindi · कविता 7 4 923 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read "श्री अनंत चतुर्दशी" *श्री अनंत चतुर्दशी* **************** भाद्र मास , शुक्ल-पक्ष, और तिथि चतुर्दशी; करो पूजा श्री अनंत की, जीवन में हो खुशी। हर संकट से सदा, भगवान श्री अनंत निवारे; ये ही... Hindi · कविता 5 8 926 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 871 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर) रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' *********************** रोती 'हिंदी', बिलखती 'भाषा'; टूट रही अब, जन-मन की आशा; कौन बचाएगा, अपने 'हिंदुस्तान' को, सोए हुए देश-भक्ति के, अरमान को।... Hindi · कविता 4 874 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jun 2021 · 1 min read "काव्य-संदेश" "काव्य-संदेश" ✍️✍️✍️✍️ काव्य को अगर रस ने भिंगाई , तो कई भाव हैं, इसके स्थायी; समझना चाहिए सब कवि को, जिसने कोई भी कविता बनाई। जब भाव ही नहीं रहेगा,... Hindi · कविता 9 5 884 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jul 2021 · 1 min read आधी रात को...... आधी रात को.... ⭐⭐⭐⭐ इन नासमझों में, एक समझदार दिखते बस, आप तो... जैसे, अंधेरी रातों में भी; चांद चमके , आधी रात को; हम अगर कुछ कह भी दें,... Hindi · गीत 8 2 917 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read **दहेज** "दहेज" ****** विवाह सिर्फ संस्कार है, इसे करे जो भाय। यदि मांगता वो दहेज, धन ही उसे लुभाय।। धन ही उसे लुभाय, उसको यह समझाइये। शिकायत फिर जरूर, थाना में... Hindi · कुण्डलिया 7 2 883 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jun 2021 · 1 min read "कविताई" "कविताई" *********** "कविताई" करना इतना आसान नहीं; लिखने का, मुझे भी कोई ज्ञान नही। लिखता हूं,बस कुछ सच्चाई बताने को; आज के अदृश्य परिवेश को समझाने को।। आप इस लेखन... Hindi · कविता 5 5 898 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Oct 2021 · 1 min read सुख-दुःख सुख-दुःख °°°°°°°°°° 'सुख-दु:ख' तो आती , साथ में, सबकी किस्मत लिखी, हाथ में, मत घबराओ , किसी हालत में; धैर्य धरे, जब 'कली' भी रात में; पुष्प बनने के, अथक... Hindi · कविता 7 846 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read "सब कुछ रेडिमेड है" *सब कुछ रेडिमेड है* ****************** जहां सूट, पैंट व बनता था कुर्ता, उस टेलर में ही लगा अब शेड है; दर्जी को, अब सीने से परहेज है; सब पहनता सब... Hindi · कविता 6 6 835 Share Page 1 Next