Pallavi Mishra 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pallavi Mishra 20 Feb 2024 · 1 min read *आज़ादी का अमृत महोत्सव* भारत माँ की शान तिरंगा, इस मिट्टी की आन तिरंगा, घर-घर में हम फहराएंगे सबका है अभिमान तिरंगा। वीरों का जयगान तिरंगा, तेरा मेरा मान तिरंगा, आज़ादी के इस उत्सव... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 75 Share Pallavi Mishra 19 Feb 2024 · 1 min read *राम का आगमन* नाचे मन का मोर मगन, झूमे धरती और गगन; अवधपुरी में होगा आज सियाराम का आगमन। वो भक्तजनों के प्यारे हैं, वो सभी देव में न्यारे हैं, केवट उनको पार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 48 Share Pallavi Mishra 19 Feb 2024 · 2 min read *राममंदिर का भूमिपूजन* अवधपुरी में रौनकें हैं रामलला का घर बनेगा - विश्व में जो अलौकिक होगा ऐसा भव्य मंदिर बनेगा - दीपों से धरती सजेगी तारों से अम्बर सजेगा - मंदिर तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 67 Share Pallavi Mishra 19 Feb 2024 · 1 min read *परिभाषाएँ* प्रेम -- एक छलावा है, स्व अहं की पुष्टि है, समर्पण का दिखावा है । भावना -- एक सुसुप्त सहचरी है, भौतिकता के निष्ठुर प्रहार से सहमी है, डरी-डरी है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 49 Share Pallavi Mishra 13 Feb 2024 · 1 min read *तजुर्बा* दिलों से ईर्ष्या, द्वेष, नफ़रत, हटा कर तो देखो - ज़िन्दगी का हर लम्हा खूबसूरत है, मेरे तजुर्बे को कभी आज़मा कर तो देखो - जियो तो ऐसे, जैसे -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 128 Share Pallavi Mishra 13 Feb 2024 · 1 min read *आख़िर कब तक?* जिस देश में पूजा होती है माँ शारदे, दुर्गे, लक्ष्मी की - उस देश की बालाएँ क्यूँ रहती सहमी सहमी सी - नन्हीं बालिका हो, किशोरी, नवयौवना हो या हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 62 Share Pallavi Mishra 13 Feb 2024 · 2 min read *यक्ष प्रश्न* दरिंदगी की हो गई है पराकाष्ठा - हर रोज़ हो रहा है, दिल दहला देने वाला कोई न कोई हादसा - इंसानों के वेश में नर-पिशाच हैं घूम रहे -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 58 Share Pallavi Mishra 13 Feb 2024 · 2 min read *दिल्ली* दिल्ली की रफ़्तार देख लो - इसकी सर्पिल सड़कों पर दौड़ती-फिरती मेट्रो, बाइक, कार देख लो - सबके सब यहाँ जल्दी में हैं, न जाने कहाँ है मंज़िल सबकी? -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 47 Share Pallavi Mishra 11 Feb 2024 · 1 min read *वक़्त का एहसान* क्या आपने कभी किसी की आँखों को बिना आँसुओं के रोते देखा है? किसी टूटे हुए दिल को बिना किसी उम्मीद के, उम्मीदों को ढोते देखा है? बाहर से शांत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Pallavi Mishra 11 Feb 2024 · 1 min read *चक्रव्यूह* जिंदगी में कितना कुछ अप्रत्याशित घट जाता है – शायद ही हम इंसानों को कुदरत द्वारा संचालित इन घटनाओं का कोई मतलब, कोई मकसद, समझ में आता है – कई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 100 Share Pallavi Mishra 11 Feb 2024 · 1 min read *निर्झर* कभी पर्वत की चोटी पर इकट्ठा हुआ जल का एक विशाल स्रोत था - जब तक था रुका हुआ ऊर्जा से ओतप्रोत था - फिर उसने बहाना शुरू किया और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 98 Share Pallavi Mishra 11 Feb 2024 · 1 min read *शिखर का सफर* मैं एक पहिया हूँ पथरीले सड़क को रौंदता हुआ - चला जा रहा हूँ उछलता हुआ, कूदता हुआ - रास्ते में हैं अवरोध भी - आसपास के लोगों का सह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 82 Share Pallavi Mishra 11 Feb 2024 · 2 min read *पितृ-दिवस* पिता होते हैं परिवार की धूरी - जिनके बिना रहती है बच्चों की दुनिया अधूरी - यह सच है मां अतुल्य कष्ट सहकर संतान को जन्म देती है लेकिन हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Pallavi Mishra 7 Feb 2024 · 2 min read *धरती माँ* हमारी प्यारी धरती माँ जिसने हमें दौड़ने को अपनी हथेली दी - जिसने हमारी हर तरह से परवरिश की - हमें पाला, पोसा, बड़ा किया - जीवन के झंझावातों को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 78 Share Pallavi Mishra 7 Feb 2024 · 1 min read *आत्ममंथन* यह कैसी वेदना है? - ह्रदय के अंतर्तम में प्रकृति के प्रहार से प्रभावित संपूर्ण मानव समुदाय के लिए एक अव्यक्त संवेदना है - मत कह इसे प्रकृति की निष्ठुरता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share Pallavi Mishra 7 Feb 2024 · 1 min read *विरोधाभास* जिसने जन-कल्याण किया, जिसने खुलकर दान दिया, वह अपना सबकुछ खो सकता है, कलियुग में यह भी हो सकता है। जिसने भूखे को खिलाया, जिसने नंगे को पहनाया, वह खुद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 46 Share Pallavi Mishra 7 Feb 2024 · 1 min read *दृष्टिकोण* माना मेरी ज़िन्दगी तुम्हारे बिन अधूरी है, मगर तुम्हारी भी हो, यह तो नहीं जरूरी है ; तुम पुरुष हो, अपने अस्तित्व की सार्थकता तलाश लेते हो समाज में –... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 72 Share Pallavi Mishra 6 Feb 2024 · 1 min read *विषमता* तुम आसमाँ के हो परिंदे, मैं रहगुज़र की धूल हूँ, उड़ना तो है दोनों की फ़ितरत - मगर कितनी है अलग दोनों की क़िस्मत – एक को सितारे तलक उड़ना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 47 Share Pallavi Mishra 6 Feb 2024 · 1 min read *ज़िन्दगी* ज़िन्दगी...! अनसुनी सी कोई दास्तान है – भरोसा नहीं कि कोई इसे आखिर तक सुना पाएगा या कैनवास पर उकेरा हुआ – चित्र है अधूरा सा – जिसे कोई कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 42 Share Pallavi Mishra 2 Feb 2024 · 1 min read *कालचक्र* अतीत ! जो गया है बीत - न खुद को दुहरा सकता है, न अपना अस्तित्व ही मिटा सकता है कुछ मीठे पलों की स्मृतियाँ - जीवनभर लुभाएँगी - कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Pallavi Mishra 2 Feb 2024 · 1 min read *कलियुग* सच्चाई की जीत और झूठ की हार - कलियुग में हो गयी है यह उक्ति बेकार - भलाई इसी में है कि हम सब कर लें अब इस तथ्य को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 184 Share Pallavi Mishra 1 Feb 2024 · 2 min read *विडंबना* उसे फूल तो पसंद है, बागवाँ पसंद नहीं; उसे खुशबू तो लुभाए है, बाद-ए-सबा पसंद नहीं । वो जो फूल है आज, कली थी कल – माली ने सींचा संभल-संभल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 84 Share Pallavi Mishra 1 Feb 2024 · 2 min read *अजन्मी बेटी की गुहार* जीने का अधिकार मुझे दे..... ओ मेरी मैया, सुन मेरी मैया, बस थोड़ा सा प्यार मुझे दे..... माटी से और रंगों से ईश्वर मुझको बना रहा है ; तू भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share Pallavi Mishra 31 Jan 2024 · 1 min read *बचपन* बचपन ....! था कितना निष्पाप, कितना निष्कलंक, कितना स्वतंत्र, न चिंता थी न फिक्र – बस किस्से राजकुमारी के और परियों का था जिक्र – कुछ रंग-बिरंगी सीपियाँ – कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 54 Share Pallavi Mishra 29 Jan 2024 · 1 min read *पहचान* अपनी पहचान ढूँढ रही हूँ मैं क्या आईने में जो प्रतिबिम्ब नजर आता है वही मेरी पहचान है ? या मेरे ह्रदय में जो उठ रहा भावनाओं का तूफान है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 78 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 25 इक ख़ुदा पर रख भरोसा पल्लवी दुख नहीं रहता हमेशा पल्लवी मानती हूँ ज़िन्दगी नाराज़ है छोड़ मत उसको मनाना पल्लवी ये निज़ाम-ए-हक़ है तू यह जान ले चाँद घट... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 1 304 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 24 बनके ख़ुशबू फूल की सब को लुभाती है ग़ज़ल मस्त भौंरे की तरह भी गुनगुनाती है ग़ज़ल ज़िन्दगी से रू-ब-रू हमको कराती है ग़ज़ल और हर जज़्बात से परदा उठाती... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 1 176 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 23 मेरी ग़ज़लों में आकर मुस्कुराती हैं तेरी यादें मुझे अंदर से दीवाना बनाती हैं तेरी यादें मेरे नग़मों में धीरे से जो आती हैं तेरी यादें मेरे साज़ों में छुपकर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 1 294 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 22 कभी सब छीन लेता हूँ कभी नेमत लुटाता हूँ मुझे सब वक़्त कहते हैं मैं उँगली पर नचाता हूँ कोई मुट्ठी में जकड़े तो फिसल जाऊँ मैं पारे सा ज़माने... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 2 373 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 21 नफ़रत की आग जलने लगी तेरे शहर में ये बात आज खलने लगी तेरे शहर में जो आश्ना थे कल मेंरे सब गुम कहाँ हुए हिजरत की चाह पलने लगी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 1 399 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 20 तय है सबका आना जाना दुनिया में रुक पाए कौन ख़ुद को ख़ुदा समझते हैं जो उनको यह समझाए कौन प्यार तुम्हारा दौड़ रहा है साथ लहू के रग रग... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 240 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 19 सोकर है जब उठता चाँद अर्श पे तब है उगता चाँद दुल्हन की बिंदिया जैसा अम्बर पे है सजता चाँद छोटे छोटे बच्चों को उनका मामा लगता चाँद इश्क़ में... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 207 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 18 होश आया था उम्र ढलते ही रह गये लोग हाथ मलते ही ज़िन्दगी तो फ़िसल गई यारों रह गया काम टलते टलते ही ये अनोखा निज़ाम-ए-आलम है रात आती है... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 322 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 17 जब आए अंत जीवन का ज़माना छूट जाता है जो पाई पाई जोड़ा था, ख़जाना छूट जाता है मिला जो है मुक़द्दर से उसी पर सब्र तुम करना नया पाने... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 279 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 16 नसीबों से यहाँ पायें मुहब्बत तो भूले से न ठुकरायें मुहब्बत दिया है आपको जो दिल किसी ने तो जाँ दे कर भी जतलायें मुहब्बत अना को घर पे ही... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 177 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 15 रब ने दुनिया बनाई सभी के लिए चाँद सूरज उगे रौशनी के लिए दश्त बादल बने हैं नदी के लिए और बाद-ए-सबा ताज़गी के लिए रब की नेमत है ये... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 236 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 14 कसम झूठी जो खाओगे, निभाना भूल जाओगे रुलाना मत, वगरना मुस्कुराना भूल जाओगे कोई अपना कभी तुझको चुभायेगा अगर नश्तर नमक दुश्मन के ज़ख़्मों पर लगाना भूल जाओगे हक़ीक़त आईना... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 1 212 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 13 उल्फ़त की, दोस्ती की, न शफ़क़त की बात है देखा यहां वहां तो अदावत की बात है गुजरे न रहगुज़र से वफाओं की वो कभी समझाऊं किस तरह ये मुहब्बत... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 185 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 12 क्यूँ तीरगी सी छाई चराग़ों के दरमियान क्या हुस्न छुप गया है नक़ाबों के दरमियान नासूर बन गया कई सालों के दरमियान इक जख़्म जाने कैसा है छालों के दरमियान... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 174 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 11 वो हैं साहिल पे मगर मौज से डर जाते हैं हम तो तूफ़ान के अंदर भी उतर जाते हैं जान दे देते हैं कुछ लोग ज़ुबाँ की ख़ातिर जिनकी आदत... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 255 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 10 साँस और मौत के हैं खाने दो तीर है एक और निशाने दो आपका दिल या आपकी आँखें मेरे दुनिया में हैं ठिकाने दो इक मुहब्बत है इक इबादत है... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 187 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 9 सब को इस बात से इंकार नहीं हो सकता भेड़िया दश्त का सरदार नहीं हो सकता तज़्रबा मेरा है बेकार नहीं हो सकता शक अगर हो तो कभी प्यार नहीं... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 251 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 8 वो धड़कनों में बस गए हैं जान की तरह जो दिल में आए थे कभी मेहमान की तरह जज़्बात की हमारी ज़रा क़द्र भी करें बस इस्तेमाल मत करें सामान... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 157 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 7 देख कर उनको गिरफ़्त-ए-ग़म में भी हँसता हुआ अपने आँसू पोंछ डाले हमने ये अच्छा हुआ तर-ब-तर था कल मेरा दिल आज ये सहरा हुआ तुम गए हो जब से... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 249 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 6 तुझे देखे बिना चाहूँ ये हैरानी नहीं जाती मेरे अंदर है मीरा सी जो दीवानी नहीं जाती पता लग जाए दुनिया को मैं तुझसे मिल के जब आऊँ चमक फिर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 171 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 5 ज़मीं पर आसमाँ से आ गिरा हूँ नदी में डूबता ही जा रहा हूँ बताए कोई तो ताबीर इनकी मैं ऐसे ख़्वाब अक्सर देखता हूँ मैं पहले था मैं आगे... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 322 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 4 मौत की नींद सो गईं आँखें अपनी हस्ती डुबो गईं आँखें उसने जब प्यार से मुझे देखा कितने सपने सँजो गईं आँखें रात फिर ख़्वाब में वो आया था मेरा... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 180 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 3 एक साँस भी जब तक साहिबान बाकी है ज़िंदगी के पर्चे का इम्तहान बाक़ी है कितनी सच है ये दुनिया कितनी सच है वो दुनिया बस इसी पहेली का तो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 310 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 2 कभी चमकते हैं मिस्ल-ए-गौहर, कभी सितारों से जल रहे हैं ये ख़्वाब आँखों से मोती बन कर हमारे गालों पे ढल रहे हैं गई जो दौलत तो दोस्त सारे नज़र... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 165 Share Pallavi Mishra 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल 1 कहीं पे सहरा में आब-ए-दरिया बहा रहा है वही ख़ुदा है जो दश्त में भी गुलों की चादर बिछा रहा है वही ख़ुदा है कमी नहीं है जहाँ में आकर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल · शायरी 247 Share Page 1 Next