Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2024 · 2 min read

*यक्ष प्रश्न*

दरिंदगी की हो गई है पराकाष्ठा –
हर रोज़ हो रहा है,
दिल दहला देने वाला
कोई न कोई हादसा –
इंसानों के वेश में नर-पिशाच हैं घूम रहे –
अब ऐसे माहौल में कैसे
बहन-बेटी महफूज़ रहे? –
एक निर्भया कांड ने जब
सात वर्ष पूर्व
इस देश की आत्मा को झकझोरा था –
तब सत्ता के ठेकेदारों ने
कानून-व्यवस्था सुधारने का
पीटा ख़ूब ढिंढोरा था –
फिर उस बेटी का मुज़रिम
आज तलक क्यों ज़िंदा है? –
क्या इसपर हमारा अंधा कानून
थोड़ा भी शर्मिंदा है? –
और तो और, अब आए दिन
दुष्कर्म और हत्या की घटना
जघन्य से जघन्यतम होती जा रही है –
बिना किसी अपराध के नारी,
नारी के रूप में जन्म लेने की
सज़ा बख़ूबी पा रही है –

मंत्री हो, नेता हो या पुलिस अधिकारी –
कोई नहीं स्वीकार है करता
अपनी अकर्मण्यता,
अपनी ज़िम्मेदारी –
संवेदनहीनता की मिसाल देखिए-
सब एक दूसरे पर आरोपों के
बर्छी-भाले फेंक रहे हैं –
और इन नाज़ुक मौकों पर भी
स्वार्थ से तपते तवे पर
राजनीति की रोटी सेंक रहे हैं –
लम्बी लचर न्याय व्यवस्था से
जब कोई उम्मीद नहीं है –
तब तुरंत सज़ा देने की ख़ातिर
एनकाउंटर क्या नहीं सही है? –
हर बच्ची, किशोरी, हर महिला को
डर डरकर कबतक जीना होगा? –
अपमान और यातना का हलाहल
इस देश में कब तक पीना होगा? –

इतना ही नहीं
जब जनता इन सबके विरोध में
धरना, प्रदर्शन करती है
तो पुलिस बर्बरता से उनपर ही
लाठियाँ बरसाती है –
पानी की बौछार और आँसू गैस चलाती है –
आज़ादी के सात दशक के बाद भी
आधी आबादी को न्याय नहीं मिल पाता है –
ऐसे में क्या शासन तंत्र
हमारे संविधान की
धज्जियाँ नहीं उड़ाता है? –
मनुस्मृति में कहा गया था-
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ –
और उसी नारी का इस युग में
मान-सम्मान है लापता –

वोट लिया है सबसे तूने
तो संरक्षण देगा कौन? –
स्वर्ग से आती चीखें सुनकर
कबतक तू बैठेगा मौन?

Language: Hindi
1 Like · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pallavi Mishra
View all
You may also like:
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
गीत
गीत
Mahendra Narayan
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
VINOD CHAUHAN
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नियम
नियम
Ajay Mishra
2475.पूर्णिका
2475.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
■ जंगल में मंगल...
■ जंगल में मंगल...
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Aman Kumar Holy
हक़ीक़त ने
हक़ीक़त ने
Dr fauzia Naseem shad
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*मेरे पापा*
*मेरे पापा*
Shashi kala vyas
ये दुनिया घूम कर देखी
ये दुनिया घूम कर देखी
Phool gufran
*दो दिन फूल खिला डाली पर, मुस्काकर मुरझाया (गीत)*
*दो दिन फूल खिला डाली पर, मुस्काकर मुरझाया (गीत)*
Ravi Prakash
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
Avinash
Avinash
Vipin Singh
ये मौन अगर.......! ! !
ये मौन अगर.......! ! !
Prakash Chandra
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...