Khajan Singh Nain 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read वक्त यह भी गुजर जाएगा वक्त आया है बहुत बुरा, बेईमान हुआ है एक दूसरा। वक्त ये भी गुजर जाएगा, आपदा को भी चर जाएगा। विपदा से गुजरने का प्रबंध करो, आपस में लड़ना बंद... Poetry Writing Challenge-2 129 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read कोरोना आपदा कोरोना क़हर बन टूटा है, मानव का सर्वज्ञ होना झूठा है। चारों तरफ़ हाय हाय है, साधनसंपन्न देश भी असहाय हैं। दुनिया विपदा में पड़ी है, मानवता के लिए मुश्किल... Poetry Writing Challenge-2 192 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read राजनीति गर्त की ओर शर्म की बात जब गर्व बन जाये, मूल्यों की राजनीति गर्तों में दफन जाए तो समझो राजनीति गर्त की ओर अग्रसर है । लक्ष्य जब पलटने का कीर्तिमान बनाना हो... Poetry Writing Challenge-2 2 145 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 2 min read वस्तुस्थिति सच्चाई घटते घटते दम तोड़ने के हालत में है, झूठ और फरेब ईन्सान की बात बात में है. झूठ बोलने में कितना आत्मविश्वास है, धोखा धड़ी और फरेब के लिए... Poetry Writing Challenge-2 92 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read हड़ताल एवं बंद यही तो है हड़ताल एवं बंद की दृश्यावली, नाल वाले बूटों से कुचली कली. कणों में बिखरे फूल, आग, पत्थर,मिटटी और धूल. घायल एवं सिसकते तडपते ईन्सान, टूटते सीसे जलती... Poetry Writing Challenge-2 107 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read उलझन मम्मी, पापा और गुरु, मौका मिलते ही हो जाते हैं शुरू. छात्रों के हिस्से में शिक्षा ग्रहण करना है आता, राजनिती से नहीं उनका दूर का नाता. यदि पूरा ध्यान... Poetry Writing Challenge-2 128 Share Khajan Singh Nain 29 Jan 2024 · 1 min read भूल पति की दार्शनिक मुद्रा और पत्नी की कारण जानने की लगन, बोली – नाथ ! बुझे से बैठे हो चिंता मग्न. पति बोला – चिंता ही की तो बात है... Poetry Writing Challenge-2 129 Share Khajan Singh Nain 28 Jan 2024 · 1 min read विरोधाभाष आपके हमारे सबके आसपास, समझ के परे हैं जीवन के विरोधाभाष. जहाँ अभिव्यक्ति आवश्यक है वहाँ चुपी साध जाना, मौन की जगह बडबडाना. ख्याली दुनिया में नायकी का भूत सवार,... Poetry Writing Challenge-2 172 Share Khajan Singh Nain 28 Jan 2024 · 1 min read पाषाण और इंसान पत्थर ने मानव को कंदराओं में शरण दी है, मानव की प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा की है । कभी हथियार बन जंगली जानवरों से बचाया, साया बन गर्मी, सर्दी, धूप... Poetry Writing Challenge-2 131 Share Khajan Singh Nain 27 Jan 2024 · 1 min read प्राण प्रतिष्ठा जिस दौर में आत्मा मरती जा रही हो इंसान में, यह कैसा प्राण डालने का दावा है पाषाण में । पाषाण में जान और इंसान आज मुर्दा है, मानव तो... Poetry Writing Challenge-2 199 Share Khajan Singh Nain 25 Jan 2024 · 1 min read राजनैतिक स्वार्थ जनसेवा नहीं राजनीति व्यवसाय हो गई है, मूल्यों की राजनीति विलुप्त प्राय हो गई है । नैतिकता दूर दूर तक नहीं रही, स्वार्थपूर्ति ही एकमात्र ध्येय हो गई । अपने... Poetry Writing Challenge-2 124 Share Khajan Singh Nain 25 Jan 2024 · 1 min read समझदार मतदाता वोटर समझदार है कह कर फुसलाते हैं, बस ऐसे मतदान के दिन बेवकूफ बनाते हैं । कराते हैं एकदिन प्रलोभन और गर्व का एहसास, कि वोट के अधिकार की ताकत... Poetry Writing Challenge-2 158 Share Khajan Singh Nain 24 Jan 2024 · 1 min read समरसता दूसरों का चरित्र हनन और मान मर्दन मर्यादाहीन हो करने को विरोधी का दमन । कोई जब शब्दों को तोड़ता-मरोड़ता है शब्दों में कुछ जोड़ता और कुछ छोड़ता है ।... Poetry Writing Challenge-2 96 Share Khajan Singh Nain 24 Jan 2024 · 1 min read जब-जब परिस्थिति जब खड़ी विषम हो, और अन्याय के संग भीष्म हो । अधर्म संग द्रोण खड़े हों, धर्म अधर्म के बने धड़े हों । अधर्मियों की भीड़ खड़ी हो, हक... Poetry Writing Challenge-2 138 Share Khajan Singh Nain 24 Jan 2024 · 1 min read एक शख्सियत गुलिस्तां में हर शाख पर उल्लू नज़र आता है, जब विनाश को ही विकास बताया जाता है । जब जब मुंडेर पर बोल रही कोतरी होती है, तो हर क्षेत्र... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Khajan Singh Nain 24 Jan 2024 · 1 min read कानून अपना काम करेगा कि बात अपने तक ही रखना आगे मत कहना, आजकल हर बात में पड़ता है सावधान रहना। जब छुपा कर बात करनी होती हैं अक्सर, तो धीरे से कहा जाता... Poetry Writing Challenge-2 133 Share Khajan Singh Nain 24 Jan 2024 · 1 min read जुमले हर बार ऐसा शब्दजाल बिछाया है , एक ही शब्द हर बार नए रूप में आया है। अब तो सब लोग खुशियां मनाएंगे , क्योंकि हम हरहाल में अच्छे दिन... Poetry Writing Challenge-2 107 Share Khajan Singh Nain 23 Jan 2024 · 1 min read मणिपुर और सियासत शब्द भी डरने लगे हैं हालात बयां करने से, उन्हें फर्क कुछ पड़ता नहीं मानवता के मरने से । शर्म, हया, अनैतिकता के मायने खो गए अब, गिरावट की परिभाषा... Poetry Writing Challenge-2 209 Share Khajan Singh Nain 23 Jan 2024 · 1 min read मणिपुर की वेदना बेजार रो रहा है देश महसूस कर मणिपुर की वेदना, पर 'उनको' महसूस नहीं होता, खो चुके हैं संवेदना । बस्ती के साथ मानवता भी जल रही है, सत्ता की... Poetry Writing Challenge-2 129 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read बातचीत बातचीत सरकार का हर वक्त सार्थक बातचीत से पीठ मोड़ना, और हठधर्मिता का ठीकरा किसानों के सिर फोड़ना। चाहे कितने ही आंदोलनकारी जान से जाएँ ग़म नहीं, पर इनका एक... Poetry Writing Challenge 146 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read पल में ढलता पल पल में ढलता पल मात्र कुछ ही पलों का अंतर देखो कितना हो जाता है भावन्तर कल्पना करो साल का अंतिम दिन 31 दिसंबर जैसे शरीर हो जीवन बिन निढाल,... Poetry Writing Challenge 1 285 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read राजनैतिक गिरावट राजनैतिक गिरावट राजनीति आज बिलकुल बेशर्म हो गई, सत्ता प्राप्ति ही एकमात्र धर्म हो गई। देश सेवा तो बस नारों की ही बात है, हर क्षण धन कमाने की ही... Poetry Writing Challenge 2 333 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्ते” रिश्ते अब स्वार्थ के आगे बिखरने लगे हैं, सामाजिकता में मूल्य अब गिरने लगे हैं। स्वार्थ अब सिर पर चढ़ कर बोल रहा है, मानव रिश्तों को लाभ हानि... Poetry Writing Challenge 258 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read कोरोना और प्रदूषण कोरोना और प्रदूषण” कोरोना का एक लाभ हुआ पर्यावरण तो सुधर गया, प्रदूषण की मार से अब कुछ वातावरण भी उबर गया । करोड़ों के बजट से नहीं हुई वो... Poetry Writing Challenge 244 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read दोगलापन दोगलापन” जो संकटकाल को भी अवसर बना रहे हैं, वो दूसरों को डंके की चोट पर देशद्रोही बता रहे हैं। शहीदों की क़ुर्बानी भुलाई नहीं जाएगी, बस यह पंक्ति बार-बार... Poetry Writing Challenge 258 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read राष्ट्र बनाम व्यक्ति विशेष राष्ट्र बनाम व्यक्तिविशेष” आपदा में भी सहयोग की अपील शक के घेरे में, अब तो अविश्वास ही झलकता है उनके चेहरे में। अपनी साख जमाने को औरों की साख पर... Poetry Writing Challenge 137 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 2 min read ऑनलाइन काम ऑनलाइन काम” कोरोना लॉक डाउन में कार्यस्थल हो गए ख़ाली, covid 19 संकट में, है हर तरफ़ बदहाली। अब काम के लिए उत्तम जगह बस घर है, ऑनलाइन काम संकट... Poetry Writing Challenge 140 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read सबक सबक़” कहते हैं आपदा कभी अकेले नहीं आती है, अपने साथ संकटों का पूरा समूह लाती है। जिन्होंने शांति काल में दूरदृष्टि रखी वो झेल गए, संकटों के मुश्किल खेलों... Poetry Writing Challenge 124 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read आफ्टर इफ़ेक्ट आफ़्टर इफ़ेक्ट” कोरोना आपदा के आफ़्टर इफ़ेक्ट आने लगे हैं, हर तरफ़ से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आपदा के हालात आदमी के दिमाग़ में चढ़ गए हैं, तभी... Poetry Writing Challenge 181 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read स्वार्थ ‘स्वार्थ’ इंसान स्वार्थ में अंधा हो कर बेईमान हो गया है, आज की चकाचौंध में आदमी का ईमान खो गया है। स्वार्थ है तो फिर रिश्ते क्या होते हैं? रिश्तों... Poetry Writing Challenge 1 175 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read हत्या, आत्महत्या, सियासत हत्या,आत्महत्या,सियासत कहीं आत्महत्या भी रहती है सुर्ख़ियों में, और कहीं हत्या गुम हो जाती बेरुखियों में। सुविधा देखी जाती कि हत्या या आत्महत्या है, सियासत भी होती कि आत्महत्या नहीं... Poetry Writing Challenge 103 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read लड़ाई छल और हल की लड़ाई छल और हल की मसला किसान समस्याओं के हल का है, और मुक़ाबला ‘हल’ और ‘छल’ का है। ‘छल’ की सीधी कोई चाल नहीं होती, ‘छल’ की उम्र लम्बी... Poetry Writing Challenge 108 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read ऊंचे हौसले किसानों के ऊँचे हौसले किसानों के अंदोलन की स्थिति लहरों में नाव की सी होती है, कभी उन्नत कभी जोश में ठहराव जैसी होती है। पग-पग पर सरकारी ज़्यादतियों का क़हर है,... Poetry Writing Challenge 135 Share Khajan Singh Nain 26 May 2023 · 1 min read नमन अमर शहीदों को नमन अमर शहीदों को जिनके लिए लुटाई जानें मर्ज़ अभी वो बाक़ी है, शहीदों की क़ुर्बानी का, सिर क़र्ज़ अभी वो बाक़ी है। जमाने ने कोई कसर ना छोड़ी शहीदों... Poetry Writing Challenge 1 188 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read पद की गरिमा पद की गरिमा अपनी करतूतों से पीठ फेर कर मस्ती में सोते हैं, दूसरों की करतूतों का ही हर वक्त रोना रोते हैं। ऐसे व्यक्तित्व तो चिकने घड़े सरीखे होते... Poetry Writing Challenge 2 851 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read किसान आंदोलन किसान अंदोलन सूत्र राज का बाँटने और आपस में लड़ाने का, अपने राज को क़ायम कर आगे बढ़ाने का। शदियों से चल रहा यह एक सिलसिला है, हर दौर को... Poetry Writing Challenge 185 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read हरमन प्यारा हरमन प्यारा हर वक्त आत्ममुग्ध सा रहता है, अपने को हरमन प्यारा कहता है। शक्ति का केंद्रीयकरण कर दिया, जनमानस नफ़रत से भर दिया। ग्रहण लोकतंत्र की रूह को लग... Poetry Writing Challenge 1 306 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read कमल कमल देश भर में कमल खिलाना है ये उनका संकल्प है, तो क्या देश को कीचड़ बनाना ही एकमात्र विकल्प है? कमल कीचड़ में खिलता है कहते सुना था जमाने... Poetry Writing Challenge 1 370 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read हड़ताल और बंद हड़ताल एवं बंद यही तो है हड़ताल एवं बंद की दृश्यावली, नाल वाले बूटों से कुचली कली. कणों में बिखरे फूल, आग, पत्थर,मिटटी और धूल. घायल एवं सिसकते तडपते ईन्सान,... Poetry Writing Challenge 1 223 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read कोरोना आपदा ‘कोरोना आपदा’ कोरोना क़हर बन टूटा है, मानव का सर्वज्ञ होना झूठा है। चारों तरफ़ हाय हाय है, साधनसंपन्न देश भी असहाय हैं। दुनिया विपदा में पड़ी है, मानवता के... Poetry Writing Challenge 168 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read उलझन उलझन मम्मी, पापा और गुरु, मौका मिलते ही हो जाते हैं शुरू. छात्रों के हिस्से में शिक्षा ग्रहण करना है आता, राजनिती से नहीं उनका दूर का नाता. यदि पूरा... Poetry Writing Challenge 188 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read विकास विकास तकनीकी विकास हो रहा है नैतिकता की कीमत पर, दयाभाव उभरता है मानवता की किस्मत पर. मानवीय नैतिक मूल्य रसातल में जा रहे हैं, जो मशीन के लिए सही... Poetry Writing Challenge 193 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जो तुमने ठानी है उसे यों ही बीच में नहीं छोड़ सकते, अराजकता, अनैतिकता, भ्रष्टाचार, अमानवता के साथ संघर्ष से तुम मुंह नहीं मोड़ सकते. यह लड़ाई तब तक... Poetry Writing Challenge 156 Share Khajan Singh Nain 25 May 2023 · 1 min read सम्प्रेषण सम्प्रेषण मैंने जब साहब की अमुक सफलता पर मिस्टर ‘च’ को बधाई दी, तो बात मेरे दोस्त के गले नहीं उतरी. बोले सफलता तो साहब ने हासिल की, और बधाई... Poetry Writing Challenge 106 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read चलते-चलते चलते चलते देख सुन बड़ा कष्ट हो रहा है, संविधान पुर्ज़ा पुर्ज़ा नष्ट हो रहा है। सरकार चिकना घड़ा हो गई है, और विपक्ष मात्र एक धड़ा हो गई है।... Poetry Writing Challenge 94 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read जय जवान जय किसान जय जवान जय किसान बलि हमारे लालों की, लंबी सूची सवालों की । दुश्मन के नाम लगा दिया, भावनाओं को भड़का दिया। दुश्मन को सबक सिखाने को, सीने का साइज... Poetry Writing Challenge 201 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read दीपावली की दीपमाला दीपावली की दीपमाला दीवाली पर्व है जीवन को रोशनी से जगमगाने का, पर्व, जीवन के अंधेरों को रोशनी से मिटाने का । दीवाली प्रतीक है जीवन में प्रकाश के रंग... Poetry Writing Challenge 151 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद खुद के धमाके से अलग धमाके आखिर उसे क्यों डराते हैं, अन्य विद्रोह, पर खुद वाला सुरक्षा के लिए जरूरी बताते हैं । निज़ाम कितना अहंकार में डूबा... Poetry Writing Challenge 201 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read रक्षा दल रक्षा-दल गौ रक्षा के नाम पर, कुछ तत्व लगे हैं काम पर । कैसे हैं ये गौ रक्षक, बने हुए जो नर भक्षक । हो गया व्यापक यह रोग है,... Poetry Writing Challenge 227 Share Khajan Singh Nain 16 May 2023 · 1 min read नफरत की आग नफरत की आग नफरत की आग लगा हवा दे रहे हैं जो लोग, नहीं जानते कितना खतरनाक है यह प्रयोग । देश जल रहा है हर तरफ नफरत की आग... Poetry Writing Challenge 223 Share Previous Page 2 Next