Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

रिश्ते

रिश्ते”

रिश्ते अब स्वार्थ के आगे बिखरने लगे हैं,
सामाजिकता में मूल्य अब गिरने लगे हैं।

स्वार्थ अब सिर पर चढ़ कर बोल रहा है,
मानव रिश्तों को लाभ हानि में तोल रहा है।

कोरोना वाइरस सा व्याप्त है अज्ञात डर,
वसीयत लिखी जाने लगी है अब घर-घर।

सम्पर्क के संसाधन तो अब भरपूर हो गए,
विडंबना पर रिश्ते एक दूजे से दूर हो गए।

जन-जन में अवसाद के क़िस्से भी आम हो गए,
एकल जीवन, रिश्तों की टूटन ही अंजाम हो गए।

रिश्तों में बिखराव समाज का व्यापक रोग है,
शायद इसके मूल में स्वार्थ और लोभ है।

इंसान रिश्तों के मामले में आज बेईमान हो गया,
स्वार्थ व विश्वासघात ही जैसे उसका ईमान हो गया।

ये मानव की बदक़िस्मती है, सहूर नहीं है,
विनाश तो सिर पर खड़ा अब दूर नहीं है।

262 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all

You may also like these posts

मैं ढूंढता हूं जिसे
मैं ढूंढता हूं जिसे
Surinder blackpen
भीड़ तन्त्र
भीड़ तन्त्र
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन में बाधाएं होंगी
जीवन में बाधाएं होंगी
Suryakant Dwivedi
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
मिलने वाले कभी मिलेंगें
मिलने वाले कभी मिलेंगें
Shweta Soni
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
ललकार भारद्वाज
छन्दों की भाषा
छन्दों की भाषा
आचार्य ओम नीरव
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट
RAMESH SHARMA
अखबार में क्या आएगा
अखबार में क्या आएगा
दीपक बवेजा सरल
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
*स्वर्ग में सबको मिला तन, स्वस्थ और जवान है 【गीतिका】*
*स्वर्ग में सबको मिला तन, स्वस्थ और जवान है 【गीतिका】*
Ravi Prakash
हम दुख को भा गये ...
हम दुख को भा गये ...
Kshma Urmila
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
Lucky Number Seven!
Lucky Number Seven!
R. H. SRIDEVI
मुक्तक _ दिखावे को ....
मुक्तक _ दिखावे को ....
Neelofar Khan
जब चांदनी रातों में आहट उठाती है
जब चांदनी रातों में आहट उठाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
मुखौटा!
मुखौटा!
कविता झा ‘गीत’
नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
Swami Ganganiya
आगे बढ़ निरंतर
आगे बढ़ निरंतर
Chitra Bisht
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का
प्रेमदास वसु सुरेखा
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बहू बेटी है , बेटी नहीं पराई
बहू बेटी है , बेटी नहीं पराई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
संविधान के पहरेदार
संविधान के पहरेदार
Shekhar Chandra Mitra
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
पूर्वार्थ
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
बादलों पर घर बनाया है किसी ने...
बादलों पर घर बनाया है किसी ने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🙅बदलाव🙅
🙅बदलाव🙅
*प्रणय प्रभात*
Loading...