Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

हरमन प्यारा

हरमन प्यारा

हर वक्त आत्ममुग्ध सा रहता है,
अपने को हरमन प्यारा कहता है।

शक्ति का केंद्रीयकरण कर दिया,
जनमानस नफ़रत से भर दिया।

ग्रहण लोकतंत्र की रूह को लग गया,
वो झूठ से जन-जन को ठग गया।

पदों की गरीमां ख़त्म कर दी,
संस्थानों की महिमां ख़त्म कर दी।

गाहें-बगाहे मन की बात तो करता है,
पर वो जनसंवाद से डरता है।

वो प्रतिनिधि है उसे याद नहीं,
दर पर बैठी जनता से संवाद नहीं।

अरदास, विवेक बख़्से उनको दसम गुरु,
ताकि हो सके वो सच्चाई से रूबरू।

1 Like · 311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all

You may also like these posts

अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम
gurudeenverma198
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
"आओ बचाएँ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षा दल
रक्षा दल
Khajan Singh Nain
खुद को भी अपना कुछ
खुद को भी अपना कुछ
Dr fauzia Naseem shad
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
चलने का नाम ज़िंदगी है
चलने का नाम ज़िंदगी है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कहा जाता है
कहा जाता है
हिमांशु Kulshrestha
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
Rj Anand Prajapati
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
3098.*पूर्णिका*
3098.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसको पीने का जब है नशा हो गया
उसको पीने का जब है नशा हो गया
आकाश महेशपुरी
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पृष्ठ पृष्ठ पलटानी है ।
पृष्ठ पृष्ठ पलटानी है ।
विवेक दुबे "निश्चल"
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
शीर्षक_ जिंदगी
शीर्षक_ जिंदगी
Writer Ch Bilal
एक अनु उतरित प्रश्न
एक अनु उतरित प्रश्न
पं अंजू पांडेय अश्रु
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
जय लगन कुमार हैप्पी
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहा पंचक. . . .  अपराध - कानून
दोहा पंचक. . . . अपराध - कानून
sushil sarna
चाय
चाय
Ahtesham Ahmad
कर्महीनता
कर्महीनता
Dr.Pratibha Prakash
श्रेष्ठ रचनाएं
श्रेष्ठ रचनाएं
*प्रणय प्रभात*
शंकर छंद
शंकर छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
छठि
छठि
श्रीहर्ष आचार्य
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
Loading...