Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 Tag: कविता 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 29 Apr 2022 · 1 min read पिता आसमान से ऊंचा सिर हैं, जिसकी दौलत अपना घर हैं, रात को जागे और यही सोंचे, बच्चों का कल कैसा होगा, आज करूं मैं कल दिख जाए, मैरे बच्चे नाम... Hindi · कविता 1 165 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 28 Mar 2022 · 1 min read लिख दिया मेरा नाम | बाबा साहेब को आये जन्म दिन मनाये हम सव मिल के जो दिन , ई से होजे सब को मन खुश | १४ अप्रेल रत्तन ज्योति दिन बाबा साहेब को... Hindi · कविता 277 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Feb 2021 · 1 min read क्यूं न समझें वो, आंखों से निकले आंसू , दिल मैरा बेहाल हुआं,। चलने को तो था मैं मंज़ूर, रस्ता देख बेहाल हुआं,। मंज़िल तेरी मैरी एक थी, चलने को तेरे साथ हुआं,। तेरी... Hindi · कविता 4 412 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 1 Feb 2021 · 1 min read वक्त के झोंकें ग़ज़ल, वक्त के झोंकें, काटी मैंने दिन और रातें गूजरी हुई शाम से, आई मुझे जब तेरी याद निकली तूं आरा़म से, लिखता रहा मैं भी ख़त बस तेरे ही... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 48 412 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 14 Jan 2021 · 1 min read कोराना का कहर ऐसा अकाल आया हैं देश में, देश विचारा रोया, किसान रोया फ़सल खेत में, हाय अब क्या होया, बादल छाये बीमारी भी इतनी आयी, खेत हमारे तैयार खड़े हैं, कैसे... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 20 371 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jun 2020 · 1 min read इस समय का हीरों, (इस समय का हीरों) आज भी इंसानियत जिन्दा हैं, सोनू सूद के आगे बहुतों शर्मिंदा हैं,। कुछ दे गये पैसा पीएम फंड में, उसमें देने का भी उनका कुछ धंधा... Hindi · कविता 2 2 395 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jun 2020 · 1 min read हमें समझ नहीं आया, (हमें समझ नहीं आया) ऐ मैरे भारत वासियों, तुम सोच के तो बतलाना,। ऐ देश में कैसे आया कोराना, इसे कोन हैं लाया हमकों बताना,। ऐ देश हमारा क्यूं नहीं... Hindi · कविता 468 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 25 May 2020 · 1 min read छात्रावास में अपना वास (छात्रावास में अपना वास) गया जब मैं शहर में , एडमिशन मैरा नया था,। रहने को मिला छात्रावास, मैरा वहां नया निवास था,। मिलें वहां पर मुझे कुछ अनजाने, वहीं... Hindi · कविता 2 4 402 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 24 May 2020 · 1 min read गांव जैसा शहर कहां, (गांव जैसा शहर कहां) गांव की गलियों में जाओं, शहर की सड़कें फीकीं पढ़ जाएगी,। गांव के लोग खाने पीने को पूछेंगे आपसे, शहर के लोगों को मीटिंग याद आयेगी,।... Hindi · कविता 3 2 395 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 10 May 2020 · 1 min read मातृ दिवस मां बेटा बेटी सोच मन आसा, बहुत मुस्कुरा जाती हैं मां,। देती जन्म जब बालक को , सुन्दरता को त्यागी हैं मां,। नौ माह जब उसने कोख में धारा, सारे... Hindi · कविता 3 4 423 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 9 May 2020 · 1 min read हादसा ( हादसा) देख हादसा हुआ जहां , मन मैरा घबरा गया,। क्या हालत हुई होगी गरीब की, मैरी आंखों में पानी आ गया,। भूखें प्यासे चल दिए, और पांव छाले... Hindi · कविता 1 325 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 8 May 2020 · 1 min read ( अब हैं आफ़त आई) ( अब हैं आफ़त आई) मैं जिन्दा हूं मुझे जिन्दा ही रहने दो, न करों मुझे शर्मिंदा अभिमान से जिन्दा रहने दो,। महामारी की इस मार ने मारा, जान बचने... Hindi · कविता 1 222 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 6 May 2020 · 1 min read अब मन रोया (अब मन रोया) मैं भारत का वासी हूं, मन मैरा ग़ुलाब हुआ, देश विचारा महामारी से ग्रसित, देश का बुरा अब हाल हुआ, देख व्यवस्था नेताओं की, मन मैरा बेहाल... Hindi · कविता 3 2 242 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 23 Apr 2020 · 1 min read गीत गीत ऐसी देश में होय अचरज, कि शिक्षा पाई बाबा साहेब,। कलम उठाई हाथ बढ़ाया, शिक्षा में कोई पछाड़ न पाया,। गुरु विरोधी जितने हो गये फैन, ऐ कहां इतनी... Hindi · कविता 2 406 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 22 Apr 2020 · 1 min read देश की विडंबना (देश की विडंबना) आज पता चल रहा हैं , देश हमारा बदल रहा हैं,। झूठों की टोलियों से, पढ़ा लिखा फिसल रहा हैं,। कोई दान दें रहा हैं, कोई आटा... Hindi · कविता 2 2 430 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Mar 2020 · 1 min read अब ऐसी दोस्ती किताबें बदल दी, साल बदल गयी, लोगों के सोचने की स्टाईल बदल गयी, पहले दोस्ती हो जाती थी , बैर मकौरे खाने में, अब होटलों की फर माईस चल गयी,... Hindi · कविता 255 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 9 Mar 2020 · 1 min read अपनो की गलतफहमियां आज कुछ ऐसे ही बदल गये, इल्जाम हमें दे गये,| गलतियाँ अपनी छुपा रहे , बस हमरी ही बता गये,| पूँछा नहीं हमें बस नाम को , बस अपनी ही... Hindi · कविता 210 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 14 Feb 2020 · 1 min read राजनीति का हल्लावोल, पापा चिल्लाये जोर जोर से काम हमारा बहुत बड़ा हैं, मम्मी चिल्लाई सोर सोर से हमसे बड़ा कोई और नहीं हैं, भाई कहे हम 48 पार हैं हमसे बड़ा न... Hindi · कविता 2 354 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 11 Feb 2020 · 1 min read क्या बचपन था, कविता ( क्या बचपन था ) कहाँ गये वो बचपन के दिन, जिन गलियों में हम खेले थे, जाते कहीं हम गली गली में सोर मचाते खेले थे, पाठ शाला... Hindi · कविता 2 397 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 10 Feb 2020 · 1 min read अब पहले जैसा बचपन कहाँ, कविता, अब कहाँ पहले जैसा बचपन, कहाँ आ गये समझदारी के इस दौर में, क्या खूबसूरत वो बचपन हमारा था,| लड़ाई हो जाती थी दोस्तों से खेल में, स्कूल में... Hindi · कविता 4 268 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Feb 2020 · 1 min read अब हैं चुनाव आये जागरूक हो अब हैं चुनाव में पंचयातो की बारी, दारू मुर्गा पैसा और छोड़ दो सारी, अब नहीं हो इस बार तेरा मैरा , अब होगी केवल विकाश की बारी, बूढे़ अनपढ़... Hindi · कविता 1 253 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 30 Jan 2020 · 1 min read एक महा नायक आया, कविता एक महा नायक आया इस देश में एक महा नायक आया, जिसने नाम भीमराव पाया ,| मात पिता का लाड़ला जे आया, चउँदा वा रतन जन्म ये पाया,| बड़े... Hindi · कविता 2 2 286 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 26 Jan 2020 · 2 min read हम भी आर्मी में हो, कविता हम भी आर्मी के हो, हर युवा के मन उठती यही उमँग हैं, मैं जाओं फौज में तिरंगा मैरे संग हो,| शीना चौड़ा हो जाता हैं जब देखा जवान... Hindi · कविता 1 3 390 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 1 min read लडुआयन के दिन ( लडुआन के दिना ) आज बन हैं लडुआ, और कल हम खायें, और मजा उडा़ये, कछु कुर कुरायें, और कछु चररायें, सबरें मजा उडा़यें, घर घर में जे बन... Hindi · कविता · बाल कविता 2 457 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 2 min read नयी जगह नयी पहचान, कविता ( नयी जगह नयी पहचान) आज चुपके से मुझे वो अलवेली मिली थी, उसकी आँखों में नमी चेहरे पर माँसूमियत ढली थी,| समय के इस भँवर में वो ही... Hindi · कविता 1 2 263 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 5 Jan 2020 · 1 min read रिम झिम रिम झिम बूँद गिरि सावन आया कविता ???????? रिम -झिम रिम -झिम बूँद गिरि सावन आया, हरियाली पेड़ो पर छाई सावन आया, आसमान में घनी घटायें ,☁?☁ ??? शा म को अंधेरी बाहें, खुश हैं पंक्षी... Hindi · कविता 1 484 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 4 Jan 2020 · 1 min read हम जीते हैं शान से, कविता हम जीते हैं (सौंक ) शान से, हमें कुछ काम आ गया, कल तक जो देर से आया करता था, आज वक्त पर वो काम आ गया, कुछ तेरा... Hindi · कविता 1 369 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read चोट लगे हमको तो दर्द बहुत होता हैं, कविता चोट लगे हमको दर्द बहुत होता हैं,| लगे हमें तो इसका यहशास बुरा होता हैं,|| आवाज़ निकले मुँह से,दर्द बहुत होता हैं, आँखों में देखो तो दरिया सा बहता... Hindi · कविता 3 2 404 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read याद मुझे उनकी भी आती है, कविता याद मुझे उनकी भी आती हैं, जो दिल में ही समा जाती हैं,| क्या खूँब आता हैं वो वक्त, सुबह शाम यूँ ही गूजर जाती हैं,| चहल पहल रहती... Hindi · कविता 2 2 420 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read मन का मचलना कविता दिन तो सूरज के प्रकाश से होता हैं चाँद तो वे बजह जलता है सुकूँन तो पेड़ की छाँव से मिलता हैं फिर आदमी न जाने क्यूँ धूप निकलता... Hindi · कविता 2 2 264 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read वीरों अपना धर्म निभाओं ??कविता?? बीरों अपना धर्म निभाओं, धरती माँ की लाज बचाओं,| इस धरती ने दिया जीवन, इसकी तुम ही शान बनाओं, अपनी धरती माँ के दुश्मनों से टकराओं धरती माँ को... Hindi · कविता 2 1 229 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 2 min read अपने हैं उदास ??कविता?? आसमान को रोते हुये देखा हैं,| धरती को सोते हुये देखा हैं,|| सूरज को अपनी आग में जलते हुये देखा हैं,| आखिर बदल गया हैं, कितना इंशान,| मैंने पर्वतों... Hindi · कविता 2 1 304 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read अपने ही तो हैं ??कविता?? अपने ही तो हैं हम बरगद बनके, अपनों को छाँव बाँटते रहें,| थोड़ा -थोड़ा करके हमे, अपने ही काटते रहें,| फूल बनके खुशबू का, अपनों को खुशबू बाँटते रहें,|... Hindi · कविता 1 1 174 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read मैरी अभिलाषा ???कविता??? प्यार हम करते हैं उनसे, उनका इंतहान अभी बाँकी हैं,| जीवन की शतरंज में , खैल अभी बाँकी हैं, रो रहा हैं दिल आँसूओं की बहार अभी बाँकी हैं,|... Hindi · कविता 1 2 400 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read बचपन ??बचपन?? जिदंगी का एक राज हैं,बचपन| सोचों इसे तो एक याद हैं,बचपन,| ☄☄☄☄☄☄ सोचों इसे तो एक खुआँब हैं,बचपन,| तोतली मीठीं बातो का संसार हैं,बचपन,| फूलों और भौंरो का याद... Hindi · कविता 1 2 574 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 2 min read अब तो हद हो गई कविता अब तो हद हो गई एक नाम हैं अब ये आया, झूँठ में जिसका बवबाल मचाया,| अधिक हैं उसमें चतुराई छाई, झूँठ झूँठ से उल्लू बन आई,| तरह तरह... Hindi · कविता 1 2 483 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read बदला मौसम बदले लोग कविता ??बदला मौसम बदले लोग?? बदल गयी दुनियाँ ,दिल बेताव सा हैं,| बदल गये लोग पर,दिन आज कुछ खाक सा हैं,| टूट गयी घड़ियाँ ,समय बैकार सा हैं,| रूठ गये... Hindi · कविता 1 801 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read दर्द का यहशास ( कविता ) बिन जख्मों के तोड़ गया कोई आँसू दिलो में छोड़ गया कोई हम रोते नहीं थे तलबारों के जख्मों से ऐसा खज्ज़र मारा हमारें दिल पर आँसू... Hindi · कविता 2 504 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read माँ के लिऐ (कविता) अब तो सभलजाओं .बेबकूव हैं लोग जो मिट्टी के लिये पैसै खर्च करते हैं और हवन पूजन करबाते हैं, और समितियां बनाते हैं मिट्टी की मूरत के लिये कहते... Hindi · कविता 1 2 294 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read उदासीन ह्रदय ( उदासीन हृदय) कविता अजब हैं जो बोल गया, हृदय हमारा ढोल गया,| साँसे हमारी अटक गयी, आज काल को घोल गया,| बुना गया था,वक्त हमारा, जिसे कोई बोल गया,|... Hindi · कविता 1 226 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read मैरी प्यारी भाभी मैरी प्यारी भावी सामने सबके जो टाँग खींचती हैं, उसके पास होने पर जो प्यार सींचती हैं,| जाना हो कहीं पर तो हाँथ खींचती हैं, नहीं जाऊं मैं तो बात... Hindi · कविता 1 661 Share