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9 Mar 2020 · 1 min read

अपनो की गलतफहमियां

आज कुछ ऐसे ही बदल गये,
इल्जाम हमें दे गये,|

गलतियाँ अपनी छुपा रहे ,
बस हमरी ही बता गये,|

पूँछा नहीं हमें बस नाम को ,
बस अपनी ही चला रहे,|

गलतियों को माफ़ कर हम यूँ ही मुसकुरा रहे,
अपने आपको बहुत वो होसयार बता रहे,|

बहुत दी माफियाँ अब इच्छा हम बता रहे,
उस इच्छा को वो जिद ये बता रहे,|

घमण्ड आ गया हैं साहिद अब उनको,
इसलिए वो हमें नीचा दिखा रहे,|

ये बात दिल में चुभ रही हमारें ,
इसलिए हम बता रहे,|

गलतियाँ हमारी नहीं फिर,
क्यूँ गलत हमें बता रहे,|

औक़ात क्या हैं उनकी ये हम जानते हैं,
फिर भी हम उनकी इस बात को छुपा रहे,|

हमारें सामने ऐ सभी बड़ा जाते हैं,
फिर भी हम इस जिद को यूँ ही छुपा रहे,|

गलतियाँ सब उनकी हैं,
वो गलत हमें बता रहे,

इनको हम बताऐं इन्हें ,
हमें ही जिद्दी बता गये,|

आज कुछ ऐसे बदल गये,
इल्जाम हमें दे गये,|

गलतियाँ अपनी छुपा रहे,
बस अपनी ही बता रहे,||

लेखक — Jayvind singh Nagariya ji

Language: Hindi
210 Views
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