Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 7 May 2020 · 1 min read लोगों को जो कहना है , ?????? (गज़ल) हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,। जब हम थे अकेले तुम आये मैरे पास,। मायूंसी को समझा तुमनें,और दिल में उतर गये,।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 6 May 2020 · 1 min read अब मन रोया (अब मन रोया) मैं भारत का वासी हूं, मन मैरा ग़ुलाब हुआ, देश विचारा महामारी से ग्रसित, देश का बुरा अब हाल हुआ, देख व्यवस्था नेताओं की, मन मैरा बेहाल... Hindi · कविता 3 2 240 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 23 Apr 2020 · 1 min read गीत गीत ऐसी देश में होय अचरज, कि शिक्षा पाई बाबा साहेब,। कलम उठाई हाथ बढ़ाया, शिक्षा में कोई पछाड़ न पाया,। गुरु विरोधी जितने हो गये फैन, ऐ कहां इतनी... Hindi · कविता 2 400 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 23 Apr 2020 · 1 min read बाबा साहेब के बिचारी, (बाबा साहेब के बिचार) दोहा, विनय सुनो हम तुम्हें बतलाये, बाबा साहेब की कीर्ति सुनाये,। जीवन यापन ऐ इन्हने कीन्हा, न कोई अब हम भ्रिम से जीना,। जो कछू होगा... Hindi · दोहा 1 345 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 22 Apr 2020 · 1 min read देश की विडंबना (देश की विडंबना) आज पता चल रहा हैं , देश हमारा बदल रहा हैं,। झूठों की टोलियों से, पढ़ा लिखा फिसल रहा हैं,। कोई दान दें रहा हैं, कोई आटा... Hindi · कविता 2 2 427 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 19 Apr 2020 · 1 min read ऐसी देश में भयी अचरज गीत ऐसी देश में होय अचरज, कि शिक्षा पाई बाबा साहेब,। कलम उठाई हाथ बढ़ाया, शिक्षा में कोई पछाड़ न पाया,। गुरु विरोधी जितने हो गये फैन, ऐ कहां इतनी... Hindi · गीत 1 473 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 15 Apr 2020 · 1 min read अपने बदल गये, अपने बदल गये, हम को लोग भूल गये हैं, पाये दानों की तरह, हम उनके काम आया करते थे, पूराने महलों की दीवारों की तरह, एक दिन कामयाबी पा ली... Hindi · मुक्तक 1 282 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 12 Apr 2020 · 1 min read भीम जन्म दिन आया, जय जय जय जय भीम, Bhim song जियारा मन में अब हमरा खुशियाबे , भीतर मन हमरा बहुत ही गुदगुदाबें, जन्म दिन जब भीम का आबे, दिलों जब ऐ तब... Hindi · गीत 277 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 1 Apr 2020 · 1 min read लाॅकडाॅउन से आम जन परेशान लाॅकडाॅउन की इस महा मारी में, मैं बैठा हूं इस सोच विचारी में, क्या होगा उन मजदूरों का, जो घर से निकला था मजबूरी में, अचानक घर पर चलना पड़... Hindi · हाइकु 1 235 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 Mar 2020 · 1 min read कोरेना का कहर ऐसा अकाल आया हैं देश में, देश विचारा रोया, किसान रोया फ़सल खेत में, हाय अब क्या होया, बादल छाये बीमारी भी इतनी आयी, खेत हमारे तैयार खड़े हैं, कैसे... Hindi · गीत 381 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Mar 2020 · 1 min read अब ऐसी दोस्ती किताबें बदल दी, साल बदल गयी, लोगों के सोचने की स्टाईल बदल गयी, पहले दोस्ती हो जाती थी , बैर मकौरे खाने में, अब होटलों की फर माईस चल गयी,... Hindi · कविता 252 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 9 Mar 2020 · 1 min read अपनो की गलतफहमियां आज कुछ ऐसे ही बदल गये, इल्जाम हमें दे गये,| गलतियाँ अपनी छुपा रहे , बस हमरी ही बता गये,| पूँछा नहीं हमें बस नाम को , बस अपनी ही... Hindi · कविता 209 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 7 Mar 2020 · 1 min read क्या खूब जमाना ( गज़ल ) जिदंगी के वो लम्हे याद आते हैं, गूजर रहा था समय खुशियो में, वो रात दिaन याद आते हैं, क्या वो दिन थे जिन्हें हम याद कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 Feb 2020 · 2 min read दोहा ( दोहा ) ऐसी अजब गजब ये रीत ,इस में मानव की न कोई प्रीत,| काम दाम सब रीति में बाटे ,मानव धर्म को कुटिलता चाटे,|| न कोई मानव धर्म... Hindi · दोहा 2 452 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 20 Feb 2020 · 1 min read कितनी प्यारी यादें, ??? गज़ल??? ऐ मौसम कितना सुहाना ये जो आया हैं, सभी हो एक साथ उन्होंने बुलाया हैं, हम सब खुश होते जब ,मौसम जग मगाया हैं, करते एक दूसरे की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 17 Feb 2020 · 1 min read दर्द न समझ कोई, आज मुझे वो सक्श मिला हैं जिसने अपना हाल बताया हैं दर्द उसके अंदर कितना हैं ऐ उसने रो रो कर बतलाया हैं, मयूँसी चेहरे पर छलक रही थी वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 284 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 14 Feb 2020 · 1 min read राजनीति का हल्लावोल, पापा चिल्लाये जोर जोर से काम हमारा बहुत बड़ा हैं, मम्मी चिल्लाई सोर सोर से हमसे बड़ा कोई और नहीं हैं, भाई कहे हम 48 पार हैं हमसे बड़ा न... Hindi · कविता 2 350 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 11 Feb 2020 · 1 min read क्या बचपन था, कविता ( क्या बचपन था ) कहाँ गये वो बचपन के दिन, जिन गलियों में हम खेले थे, जाते कहीं हम गली गली में सोर मचाते खेले थे, पाठ शाला... Hindi · कविता 2 394 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 10 Feb 2020 · 1 min read अब पहले जैसा बचपन कहाँ, कविता, अब कहाँ पहले जैसा बचपन, कहाँ आ गये समझदारी के इस दौर में, क्या खूबसूरत वो बचपन हमारा था,| लड़ाई हो जाती थी दोस्तों से खेल में, स्कूल में... Hindi · कविता 4 262 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 6 Feb 2020 · 1 min read मैरी बड़ी अजब कहानी है, आत्म कथा मैं एक बो इंशान हूँ,जिसने जो भी कार्य किया हैं वो कार्य लोगों को गलत लगा क्यूँ कि मैं सिर्फ अपने मन में गलत भाव नहीं रखता था,... Hindi · लघु कथा 1 259 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Feb 2020 · 1 min read अब हैं चुनाव आये जागरूक हो अब हैं चुनाव में पंचयातो की बारी, दारू मुर्गा पैसा और छोड़ दो सारी, अब नहीं हो इस बार तेरा मैरा , अब होगी केवल विकाश की बारी, बूढे़ अनपढ़... Hindi · कविता 1 252 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 30 Jan 2020 · 1 min read एक महा नायक आया, कविता एक महा नायक आया इस देश में एक महा नायक आया, जिसने नाम भीमराव पाया ,| मात पिता का लाड़ला जे आया, चउँदा वा रतन जन्म ये पाया,| बड़े... Hindi · कविता 2 2 281 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 26 Jan 2020 · 2 min read हम भी आर्मी में हो, कविता हम भी आर्मी के हो, हर युवा के मन उठती यही उमँग हैं, मैं जाओं फौज में तिरंगा मैरे संग हो,| शीना चौड़ा हो जाता हैं जब देखा जवान... Hindi · कविता 1 3 390 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 20 Jan 2020 · 1 min read आया हूँ मैं तुम्हारें शहर में, गजल मैं तुम्हारें शहर में आया हूँ ओ शहर वालों, तुम ही मैरा साथ निभालों, अपनी दुनिया से दूर आया हूँ, ओ शहर वालों, तुम ही मैरी बाँहों को सभालों,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 345 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Jan 2020 · 1 min read भींगत हैं आँगन मारों लोकगीत आ जाओं हम तुम खुशियों का कर हैं न्यौता प्यारों, भींगत हैं आँगन मारों,ओ भावी जी सुन लो बात हमारों,| तुम आ गई सो, हो गयो उजयारों, ओ भावी... Hindi · गीत 1 209 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Jan 2020 · 1 min read एक हरषित परिवार ( एक हर्षित परिवार ) हमारी उन्नति देख शीना चौड़ा हुआ, पिता,| खुआँब पूरा देख रो पड़ी वो देवी रहे देखें खडी़, माँ,| बुलंद हो गया जिसका रौब वो हमारें... Hindi · मुक्तक 1 2 394 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 1 min read लडुआयन के दिन ( लडुआन के दिना ) आज बन हैं लडुआ, और कल हम खायें, और मजा उडा़ये, कछु कुर कुरायें, और कछु चररायें, सबरें मजा उडा़यें, घर घर में जे बन... Hindi · कविता · बाल कविता 2 454 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 2 min read नयी जगह नयी पहचान, कविता ( नयी जगह नयी पहचान) आज चुपके से मुझे वो अलवेली मिली थी, उसकी आँखों में नमी चेहरे पर माँसूमियत ढली थी,| समय के इस भँवर में वो ही... Hindi · कविता 1 2 261 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 5 Jan 2020 · 1 min read रिम झिम रिम झिम बूँद गिरि सावन आया कविता ???????? रिम -झिम रिम -झिम बूँद गिरि सावन आया, हरियाली पेड़ो पर छाई सावन आया, आसमान में घनी घटायें ,☁?☁ ??? शा म को अंधेरी बाहें, खुश हैं पंक्षी... Hindi · कविता 1 470 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 4 Jan 2020 · 1 min read हम जीते हैं शान से, कविता हम जीते हैं (सौंक ) शान से, हमें कुछ काम आ गया, कल तक जो देर से आया करता था, आज वक्त पर वो काम आ गया, कुछ तेरा... Hindi · कविता 1 368 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read चोट लगे हमको तो दर्द बहुत होता हैं, कविता चोट लगे हमको दर्द बहुत होता हैं,| लगे हमें तो इसका यहशास बुरा होता हैं,|| आवाज़ निकले मुँह से,दर्द बहुत होता हैं, आँखों में देखो तो दरिया सा बहता... Hindi · कविता 3 2 399 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read याद मुझे उनकी भी आती है, कविता याद मुझे उनकी भी आती हैं, जो दिल में ही समा जाती हैं,| क्या खूँब आता हैं वो वक्त, सुबह शाम यूँ ही गूजर जाती हैं,| चहल पहल रहती... Hindi · कविता 2 2 413 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read मन का मचलना कविता दिन तो सूरज के प्रकाश से होता हैं चाँद तो वे बजह जलता है सुकूँन तो पेड़ की छाँव से मिलता हैं फिर आदमी न जाने क्यूँ धूप निकलता... Hindi · कविता 2 2 263 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read वीरों अपना धर्म निभाओं ??कविता?? बीरों अपना धर्म निभाओं, धरती माँ की लाज बचाओं,| इस धरती ने दिया जीवन, इसकी तुम ही शान बनाओं, अपनी धरती माँ के दुश्मनों से टकराओं धरती माँ को... Hindi · कविता 2 1 228 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 2 min read अपने हैं उदास ??कविता?? आसमान को रोते हुये देखा हैं,| धरती को सोते हुये देखा हैं,|| सूरज को अपनी आग में जलते हुये देखा हैं,| आखिर बदल गया हैं, कितना इंशान,| मैंने पर्वतों... Hindi · कविता 2 1 301 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read अपने ही तो हैं ??कविता?? अपने ही तो हैं हम बरगद बनके, अपनों को छाँव बाँटते रहें,| थोड़ा -थोड़ा करके हमे, अपने ही काटते रहें,| फूल बनके खुशबू का, अपनों को खुशबू बाँटते रहें,|... Hindi · कविता 1 1 171 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read मैरी अभिलाषा ???कविता??? प्यार हम करते हैं उनसे, उनका इंतहान अभी बाँकी हैं,| जीवन की शतरंज में , खैल अभी बाँकी हैं, रो रहा हैं दिल आँसूओं की बहार अभी बाँकी हैं,|... Hindi · कविता 1 2 396 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read बचपन ??बचपन?? जिदंगी का एक राज हैं,बचपन| सोचों इसे तो एक याद हैं,बचपन,| ☄☄☄☄☄☄ सोचों इसे तो एक खुआँब हैं,बचपन,| तोतली मीठीं बातो का संसार हैं,बचपन,| फूलों और भौंरो का याद... Hindi · कविता 1 2 570 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 2 min read अब तो हद हो गई कविता अब तो हद हो गई एक नाम हैं अब ये आया, झूँठ में जिसका बवबाल मचाया,| अधिक हैं उसमें चतुराई छाई, झूँठ झूँठ से उल्लू बन आई,| तरह तरह... Hindi · कविता 1 2 476 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read बदला मौसम बदले लोग कविता ??बदला मौसम बदले लोग?? बदल गयी दुनियाँ ,दिल बेताव सा हैं,| बदल गये लोग पर,दिन आज कुछ खाक सा हैं,| टूट गयी घड़ियाँ ,समय बैकार सा हैं,| रूठ गये... Hindi · कविता 1 797 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read दर्द का यहशास ( कविता ) बिन जख्मों के तोड़ गया कोई आँसू दिलो में छोड़ गया कोई हम रोते नहीं थे तलबारों के जख्मों से ऐसा खज्ज़र मारा हमारें दिल पर आँसू... Hindi · कविता 1 483 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read माँ के लिऐ (कविता) अब तो सभलजाओं .बेबकूव हैं लोग जो मिट्टी के लिये पैसै खर्च करते हैं और हवन पूजन करबाते हैं, और समितियां बनाते हैं मिट्टी की मूरत के लिये कहते... Hindi · कविता 1 2 292 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read उदासीन ह्रदय ( उदासीन हृदय) कविता अजब हैं जो बोल गया, हृदय हमारा ढोल गया,| साँसे हमारी अटक गयी, आज काल को घोल गया,| बुना गया था,वक्त हमारा, जिसे कोई बोल गया,|... Hindi · कविता 1 223 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read मैरी प्यारी भाभी मैरी प्यारी भावी सामने सबके जो टाँग खींचती हैं, उसके पास होने पर जो प्यार सींचती हैं,| जाना हो कहीं पर तो हाँथ खींचती हैं, नहीं जाऊं मैं तो बात... Hindi · कविता 1 642 Share Previous Page 2