शेख़ जाफ़र खान 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शेख़ जाफ़र खान 12 May 2022 · 1 min read श्रम पिता का समाया श्रम पिता का समाया -----------००---------- बाप के किरदार में देवता नजर आया रात तमाम काट के पंखा सेज हिलाया। उम्र भर लड़ता रहा गर्दिशो की आंधी से अश्रु पी लिए... Hindi · कविता 14 16 665 Share शेख़ जाफ़र खान 14 Aug 2020 · 1 min read शहीदों का यशगान घनाक्षरी छंद -------------------- सीमा में डटे जवान , हथेली में रखे जान। हिन्द के बलिहारो का, मान होना चाहिए । देश की बढायी शान , शहीदों का यशगान, वाणी में... Hindi · घनाक्षरी 13 10 604 Share शेख़ जाफ़र खान 6 Nov 2018 · 1 min read माँ की दुआ [घनाक्षरी छंद ] कृषक हरष जात खेत लहरातें देख , माँ हरष जात अपने पूत को निहार के । चातक हरष जात मिले जब स्वाति बूंद , माँ हरष जात निज पूत को... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 12 35 917 Share शेख़ जाफ़र खान 20 Jul 2020 · 1 min read गिरधर तुम आओ गिरधर तुम आओ ------------: :-------------- ज़ुल्म हो रहा है, सितम हो रहा है सड़क पर सुता का ,हरण हो रहा है । बेटी हो अपनी , अगर हो पराई समझों... Hindi · कविता 12 9 952 Share शेख़ जाफ़र खान 13 Sep 2020 · 1 min read भारत भाषा हिन्दी जन गण गान कहें , जन मन संग रहे , अबद्ध प्रीत डोर से , बांधती भाषा हिन्दी। जनमत तंत्र रचे , प्रेम से सम्बन्ध रुचे , सूरज से चन्दा... Hindi · घनाक्षरी 12 14 859 Share शेख़ जाफ़र खान 28 Apr 2022 · 1 min read रोटी संग मरते देखा रोटी संग मरते देखा ---------०------०------- बरसों बाद कल परसों देखा रोता मुख हंसता मुखड़ा देखा। जगत विपता चढ़ी शिखर नभ नगाड़े बजते घोर प्राण पवन में घुला जहर देव को... Hindi · कविता 11 6 594 Share शेख़ जाफ़र खान 13 Jul 2021 · 1 min read हिय बसाले सिया राम आराम चाहें जीवन , तज दे व्यर्थ काम । पढ़ें -लिखें पल नहिं खोय,करले बचपन नाम।। करले बचपन नाम , सजाले निज यौवन । मात पिता अरु गुरु , नित... Hindi · कुण्डलिया 11 9 695 Share शेख़ जाफ़र खान 11 Aug 2020 · 1 min read मोर के मुकुट वारो मोर के मुकुट वारो ,सांवले वरन वारो , पांव पैजनिया वारो , जग उजियारों है । ग्वाल को सखा दुलारो, मुरली अधर धारो, संकट हरन वारो , यशोदा को प्यारो... Hindi · घनाक्षरी 10 10 644 Share शेख़ जाफ़र खान 17 May 2022 · 1 min read मन मन -------- मन की ही मन करे , मन सोचा कब होय , मन मानो मनो दबा ,मन खोदा नहीं कोय । दिखाए दांत हाथी के , भोजन के कछु... Hindi · घनाक्षरी 10 6 505 Share शेख़ जाफ़र खान 22 Jul 2020 · 1 min read राम घोष गूंजें नभ में राग -द्वेष की न बात हो अपनों से नहीं घात हो राम घोष गूंजें नभ में और अवनि में अंजान हो। मुल्क में अमन का वास हो साथी सबका... Hindi · कविता 10 12 579 Share शेख़ जाफ़र खान 8 Sep 2020 · 1 min read सच में ताला सारे जग में मचा है हल्ला गांव नगर के बंद मोहल्ला पंडित पूजे न मनाएं मुल्ला घूमें नहीं कोई खुल्लमखुल्ला पेट की फिकर पहाड़ बड़ी , संकट की घड़ी माथे... Hindi · कविता 10 14 431 Share शेख़ जाफ़र खान 19 Aug 2020 · 1 min read चिराग जलाए नहीं ll मुक्तक ll मिलके साथ चलों तो कुछ बात बने , सुर नहीं सजे तो कैसे तान बने । काली रात में चिराग जलाए नहीं , उजाला दिखाकर तुम तो... Hindi · मुक्तक 10 6 496 Share शेख़ जाफ़र खान 8 Nov 2018 · 1 min read नया उजयारा जले दीप जल जाय हिन्द के दुश्मन दंश , नेह प्रीत का बंधन आँगन ओटा मिले । प्रेम जोत तेरी फैले भारत मन मंदिर , विषधर सीमा बैठे खोजत नहि... Hindi · कविता 9 12 327 Share शेख़ जाफ़र खान 17 Aug 2020 · 1 min read बदल जायेगा मुक्तक कल कुछ काम करेगा भरोसा था मुझे , ज़िन्दगी नाम करेगा दिलासा था मुझे । पता नहीं था की तू भी बदल जायेगा , बेसुमार दुआओं से नवाजा था... Hindi · कविता 9 6 742 Share शेख़ जाफ़र खान 3 Sep 2018 · 1 min read वाक्य से पोथी पढ़ शिशु की अंगुलि थामे , पिता शाला लाएं । हिय के बसत दुलारे , गुरु पग छाड़ि आएं ।। कर जोड़ कर कि नमन , तुम ही ज्ञान दाता। बनाना... Hindi · कविता 9 5 996 Share शेख़ जाफ़र खान 24 Aug 2020 · 1 min read मजबूर ! मजदूर उतरती है बंदिशें मैं ही पिसता हूं मजबूर ! मजदूर उस सीमा से आता हूं । टूटकर बिखरता नहीं नीड़ को लौटता तिनकों को जोड़ने , उम्मीद का दीप जलाएं... Hindi · कविता 9 10 684 Share शेख़ जाफ़र खान 10 Apr 2019 · 1 min read गीत प्रेम जब ह्दय होता है , तो दिल गाफिल होता है। न दिखता कोई अपना , इश्क जब नाजिल होता है। लहरें होश खोती है , समंदर ज़ोश भरता है... Hindi · गीत 8 6 423 Share शेख़ जाफ़र खान 22 Sep 2019 · 1 min read घनाक्षरी छंद वो बुतकशी में रोता, होंठों पे बेवसीहैं , खुशियों का शामियाना,दौर मुफलिसी हैं । दूर जाती हैं मंजिल ,राहें कठिन बड़ी है , तमाशा दिखाएं बंदा , फिर भी बंदगी... Hindi · कविता 8 4 447 Share शेख़ जाफ़र खान 28 Jul 2020 · 1 min read दुनिया घरों में दुबकी कुण्डलिया कोरोना का आगमन ,बिन बुलाय महमान । बालक वृद्ध जवान के ,छींन रहा है प्रान ।। छींन रहा है प्रान , हालत बिगाड़ी सब की। खास आम हैरान ,... Hindi · कुण्डलिया 8 12 505 Share शेख़ जाफ़र खान 9 Aug 2020 · 1 min read सुनलो कृपा निधान काम गया रोटी रुठी , आफत में है जान । बिन ब्याही सुता बैठी ,सुनलो कृपा निधान।। दुःखो के कूप गहरे , दूजे लगे पहरे । झांके नहिं अन्धे बहरे,... Hindi · दोहा 8 12 513 Share शेख़ जाफ़र खान 5 Aug 2018 · 1 min read जुद़ा किनारे हो गये वेपर्द़ा नशी गलियों के पर्द़ा हो गये , मतलब की गरज़ से हमारे हो गये । जग यार बने यारी की दम दे गये , वक्त पर नदी के किनारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 4 474 Share शेख़ जाफ़र खान 10 Sep 2018 · 1 min read कवित्य [ प्रीत न करने थी ] जब से रिझाया दिल इश्क ने फसाया यार । ऐसी चाहत तुझे कभी नहीं भुलाने थी ।। कर दी कुर्बान जान मेरी ऐ जवान... Hindi · मुक्तक 8 4 432 Share शेख़ जाफ़र खान 2 Jul 2018 · 1 min read इंसानियत दम तोड़ती हक़ बोल कलम हलक में चुभती है अंधेरा चीरती एक किरण दिखती है, राज करती है अमीरी आज महलों में गरीबी पत्थर तोड़ती सड़क में दिखती है, महफूज़ हाथों सौप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 10 414 Share शेख़ जाफ़र खान 24 May 2022 · 1 min read घनाक्षरी छन्द साथी संग तुम आओ -----------००----------- झूठ खड़ा है छांव में , नगर मेरे गांव में , मूक है चेतन बैठे , जड़ता फैली राह में । हो रहें दृश्य धुंधले... Hindi · घनाक्षरी 8 10 369 Share शेख़ जाफ़र खान 13 Jun 2022 · 1 min read बेचारी ये जनता बेचारी ये जनता ---------००------- गौतम गांधी के आंगना में बिन नुपुर नाचे अराजकता , अराजकता के चक्रवात में जनमन रोपित वैमनस्यता। खून खराबा फसाद ये दंगे दिन रात क्षरण हो... Hindi · कविता 8 14 657 Share शेख़ जाफ़र खान 22 Oct 2022 · 1 min read दिवाली है दिवाली है ------------ बढ़ते रहना जीवन में ,सुख दुःख से यारी है गरीब का आटा गीला , बढ़ती अनंत दुश्वारी है। दिन में अंधेरा छा रहा हाथ भी मेरे खाली... Hindi 8 8 333 Share शेख़ जाफ़र खान 9 Nov 2018 · 1 min read गाँव से शहर पूरब की धरा में पल्वित , पश्चिम का पनपा ये कन्द । गाँव से शहर तक पसरा , मान मर्यादा कर रहा मन्द । प्राचीन प्रथा बिसरा रहा , कागा... Hindi · कविता 7 6 508 Share शेख़ जाफ़र खान 27 Jul 2021 · 1 min read कमर तोड़ता करधन कुण्डलिया [ करधन ] """""""""""""" करधन में कमर कसके , करम किये निजाम । चिंतित है अम्मा चूल्हा , चकित खास ए आम।। चकित खास ए आम , दुःख में... Hindi · कुण्डलिया 7 8 625 Share शेख़ जाफ़र खान 24 Jun 2018 · 1 min read नागफनी बो रहे लोग नागफनी बो रहे लोग =============== नई सुबह के नव सपने संजो रहे लोग , गुलाब की जगह नागफनी बो रहे लोग। पश्चिमी फिजाओ का छाया क्या नशा , बिन मद्यपान... Hindi · कविता 7 4 1k Share शेख़ जाफ़र खान 7 Jun 2018 · 1 min read गीत प्रेम का एहसास --------------------- प्रेम एक एहसास है उमंगो के उत्सव का, अंबर को छूने का अवनि पर मिटने का, बर्फ सा पिघलने का खुशबू सा महकने का, वायु में... Hindi · गीत 7 4 1k Share शेख़ जाफ़र खान 30 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक सच-झूठ का आईना तू रख कांटों के बीच कलम तू रख , अंधेरा चीर दस दिशाओं का सुबह की नींव का पत्थर तू रख। ------------------------------------- शेख जाफर खान Hindi · मुक्तक 6 6 326 Share शेख़ जाफ़र खान 8 Aug 2018 · 1 min read प्रीत पगे पावन बंधन उमड़ आएं कारे बदरा दामिनी चमक जात , बरसत धरा पे मेघा मानहुं अम्बर फट जात । व्याकुल विहग वृंद विभोर होत प्रणय गीत गात , आधीर अवनि को बूंदे... Hindi · कविता 6 4 463 Share शेख़ जाफ़र खान 30 Jun 2018 · 1 min read कुण्डलियाँ विचार सोचकर बोलिए , अति बोलन बकवास । मोल रहे नहि बोल की , बनि जाबे उपहास ।। बनि जाबे उपहास , नहि श्रोता के हिय भाय । कम बोल... Hindi · कुण्डलिया 6 6 539 Share शेख़ जाफ़र खान 2 Aug 2020 · 1 min read सावन ही जाने कविता ------------------ ननद के बहाने सासू के ताने विरहन की पीर कोई क्या जाने । बाबुल का आंगन मन भाए सावन माता की प्रीत मिलें वहीं जाने । बाग में... Hindi · कविता 5 12 701 Share शेख़ जाफ़र खान 23 Dec 2018 · 1 min read हरिगीतिका पुलक परिन्दे नभ जाय ================ मीठी तान सुना दे मितवा , जे मन मगन हो जाय , मन के मैल मिटाए मानवां, मन उजयार हो जाय, मन भेद से महल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 501 Share शेख़ जाफ़र खान 4 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक [ संवेदना छल है ] निज हित पूरन करने के जतन , दंगा रचाकर बेच रहे कफ़न , शव सफ़र की संवेदना छल है, खुद की दुकान रोशन के यतन... Hindi · मुक्तक 5 2 335 Share शेख़ जाफ़र खान 2 Jun 2018 · 1 min read साथ चलेगे रंग उडे़ उमंगे रीती दुनियां की कैसी प्रीती, हम दोनो साथ चलेगे वह मौसम कब आयेगा । यूं तो जीवन बीत रहा धूप-छाँव शाम ए राते , बिन बुलाए आती-जाती... Hindi · कविता 5 3 373 Share शेख़ जाफ़र खान 4 Jun 2018 · 1 min read [ कुण्डलिया] नजर द्वार पर जा लगी , आए कंत की पतियां । विरहन के संग में जगी ,हिय हिलोरे बतियां ।। हिय हिलोरे बतियां , श्रंगार तन का सूना । पीला... Hindi · कुण्डलिया 5 4 658 Share शेख़ जाफ़र खान 29 Jun 2021 · 1 min read घनाक्षरी छंद आई बरसात है ========== अंग में उमंग भरे , हृदय में नेह झरे । धरती की गोद भरे , आई बरसात है।। ताल भरे कूप भरे , नदी नव रुप... Hindi · घनाक्षरी 5 12 494 Share शेख़ जाफ़र खान 26 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक चलता जा राही थम नहीं, गर मंजिल को पाना है । पथ की बधाएँँ रोकेगी, पग से उनको दलना है ।। काल से करले करजोरी, सिर नहीं झुकाना है ।... Hindi · मुक्तक 5 3 441 Share शेख़ जाफ़र खान 18 Jun 2018 · 1 min read खमोशी है जिसका गहना खमोशी है जिसका गहना सदा शांत और सीधे चलना वसुधा का हम सबसे कहना वरबादी है नव कुछ करना । कहते कल्प सब फलों- फूलों अवनि की बाँहो में नित... Hindi · कविता 5 2 577 Share शेख़ जाफ़र खान 23 Jan 2022 · 1 min read वायरस बैरी आया कुण्डलिया ------------- बदला है देश मेरा , बदले अब इंसान । वायरस बैरी आया, कांप रहे है प्रान ।। कांप रहे है प्रान ,संकट कठिन है भारी। रहें नहीं अंजान... Hindi · कुण्डलिया 5 4 459 Share शेख़ जाफ़र खान 1 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक [जल से जीवन ] जल सूनो वारि बिन दल बिन पेड़ सूनो , कानन सूनो पेड़ बिन, शशि बिन रात है । कूप सूनो जल बिन,नृप बिन राज सूनो, बाग... Hindi · मुक्तक 4 463 Share शेख़ जाफ़र खान 4 Jun 2018 · 1 min read [ कुण्डलिया] लियत देत को दोष नहिं ,ये सब लोकाचार । अवनि-अंबर चहुँ दिश , बिखरा जहाँ आपार ।। बिखरा जहाँ आपार , सियार को स्वांग धरके । मांस नोच हड्डी खाये... Hindi · कुण्डलिया 4 2 301 Share शेख़ जाफ़र खान 7 Jun 2018 · 1 min read कविता सूखी नदी ======= सूखी नदी के किनारों ने पूछा ? सखी ! तुम क्यों सूख रही हो । प्रश्न सुन व्याकुल हो गई , जी भर रोई ! नीर गिरे... Hindi · कविता 4 2 579 Share शेख़ जाफ़र खान 7 Jan 2022 · 1 min read कुण्डलिया मौसम ----------- कोहरा धुंध ले आया ,अवनि धरे नव रुप । सूरज चढ़ा मुड़ेर में , नखरे करती धूप ।। नखरे करती धूप ,ओस धुलती तृण दल। शीत लहर बल... Hindi · कुण्डलिया 4 2 650 Share शेख़ जाफ़र खान 1 Jul 2021 · 3 min read घर आंगन घर आंगन ०००००० तबादला होने के बाद रामबाबू नये नगर में रहने लगे । परिवार में में दो बेटियां एक बेटा था । पत्नी सरिता व्यवहार - कुशल और धर्मपारायण... Hindi · कहानी 4 6 1k Share शेख़ जाफ़र खान 10 Jul 2018 · 1 min read आओ अब यशोदा के नन्द [आओ अब यशोदा के नन्द ] पूरब की धरा में पल्लवित , पश्चिम का पनपा ये कन्द । नगरों से गाँव तक पसरा , मान -मर्यादा कर रहा मन्द ।... Hindi · कविता 4 1 464 Share शेख़ जाफ़र खान 23 Jul 2018 · 1 min read सपने हो गये चकनाचूर |कविता ! पहले म्हारै गाँव पधारे कहते जी हजूर । कर जोड़कर की वंदगी जिताना हमें जरूर ।। जीते जी सेवा करूँगा वादे सारे है मंजूर । प्रण लेता हूँ... Hindi · कविता 4 4 472 Share शेख़ जाफ़र खान 27 Jun 2021 · 1 min read कुण्डलिया कुण्डलिया -------------- कोरोना की वेक्सीन , लगे अठ्ठारह पार । शहर नगर गांव मकान , खबर देर सरकार।। खबर देय सरकार , अवसर न चूको भाई । किया अधिक नुकसान... Hindi · कुण्डलिया 3 4 436 Share Page 1 Next