Comments (12)
23 Jul 2020 10:21 AM
सकारात्मक भावों युक्त सुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद !
शेख़ जाफ़र खान
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23 Jul 2020 04:15 PM
आदरणीय को धन्यवाद ,आपका स्नेह मिलता रहे ।
23 Jul 2020 08:13 AM
सकारात्मक प्रस्तुति ।
धन्यवाद!
शेख़ जाफ़र खान
Author
23 Jul 2020 04:13 PM
श्रेद्धय को नमन ।
23 Jul 2020 07:34 AM
आपको सादर अभिवादन। बहुत सुंदर।
शेख़ जाफ़र खान
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23 Jul 2020 04:11 PM
गुरुदेव प्रणाम , प्रोत्साहन के ह्रदय से धन्यवाद ।
23 Jul 2020 01:14 AM
अति सुरम्य एवं सौहार्दपूर्ण पंक्तियाँ आदरणीय!
शेख़ जाफ़र खान
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23 Jul 2020 04:08 PM
परम आदरणीय का ह्रदय से आभार ।
22 Jul 2020 11:54 PM
Vr nice sir
शेख़ जाफ़र खान
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23 Jul 2020 04:31 PM
आदरणीय का ह्रदय से आभार ।
अन्याय की बुनियाद पर हो रहा मंदिर का निर्माण. माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विरोधाभास से भरा है. वह बहुसंख्यकों के भय से दिया गया फैसला है क्योंकि देश के मौजूदा एक सशक्त नेता ने सबरीमाला के फैसले के दौरान लगभग धमकी भरे शब्दों में कहा था कि अदालतें ऐसे फैसले न दें जिन्हें लागू न किया जा सके. शहीद की गई बाबरी मस्जिद पर फैसला उसी धमकी का नतीजा है. मैं घर पर ही राम की अराधना करूंगा इस मंदिर में कभी नहीं जाऊंगा क्योंकि भगवान राम ने अपने छोटे भाई से कहा था-‘निर्मल मन जन सो मोहे पावा, मोहि कपट छल क्षुद्र न भावा.’ अर्थात ‘निर्मल मन के लोग ही मुङो पसंद हैं. मुङो छलकपट और क्षुद्रता पसंद नहीं है.’
आदरणीय को नमस्कार ।
रचना को स्नेह मिलता रहे । हृदय से आभार ।