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Comments (6)

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6 Jul 2022 07:50 AM

बहुत सुंदर रचना। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर ।

बहुत खूब आदरणीय शानदार अभिव्यक्ति कृपया मेरी रचना प्रेम के खत का अवलोकन कर अपना मत अवश्य व्यक्त करें ।

प्रणाम गुरु चरणों में।
आपकी रचनाएं बहुत खूब सूरत है।

29 Nov 2018 06:20 PM

अति उत्तम सर जी?

कृपा ‘ यह कुण्डलियाँ ‘ के बारे में बताएं, इसके क्या नियम है

नमस्कार जी,
कुणडिया एक दोहा और एक रोला छंद से बनती है । मात्रा भार 24 होता है ,जिस शब्द से प्रारंभ करते हैं अंत उसी शब्द से होता है ।

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