Minal Aggarwal Language: Hindi 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Minal Aggarwal 17 Apr 2022 · 1 min read ऐसे थे मेरे पिता जिनके गुणों का वर्णन करने के लिए शब्द ही न मिलें ऐसे थे मेरे पिता मेरी दुनिया थे वह मेरे भगवान थे वह मां से बढ़कर भी जो प्यार करे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 11 12 473 Share Minal Aggarwal 16 May 2021 · 2 min read बरसात न हो कोई बंद कमरा हो तो उसमें हो कोई खिड़की खोल लो उसे उससे अच्छा है खुले में बाहर निकल आओ बरामदे में या गैलरी में कोई कुर्सी भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 6 388 Share Minal Aggarwal 4 Feb 2021 · 1 min read प्रेम की अनमोल पूंजी जिसके मन में प्रेम भरा हो और जो हो प्रेम का सागर उसे जीवन में प्रेम न मिले तो उसका हश्र क्या होगा वह कृष्ण की भक्ति में डूबा मीरा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 52 387 Share Minal Aggarwal 5 Jul 2021 · 2 min read बर्थडे गिफ्ट मैं हमेशा से ही अपने बर्थडे पर बड़ी उत्साहित रहती आई हूं और कोशिश करती हूं कि यह दिन अच्छे से मन जाये। यह उन दिनों की बात है जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 379 Share Minal Aggarwal 10 Feb 2021 · 1 min read नसीब उसके मिलने का अंदाज कुछ ऐसा था जैसे कि वह मुझ पर कुछ जरूरत से ज्यादा ही हक जता रहा हो चलिये यह भी नसीब है मेरा कि गैर भी... Hindi · कविता 3 2 254 Share Minal Aggarwal 12 Mar 2021 · 1 min read कांटो का जंगल बादलों बेमौसम ही सही पर बरस जाओ मुझे घुटन हो रही है खुली जगह पर भी सांस अब तो नहीं आती हवाओं के दायरों को भी बढ़ाओ जो जिस्म से... Hindi · कविता 3 515 Share Minal Aggarwal 27 May 2021 · 1 min read पूर्णिमा की रात का पूर्ण चांद चांद के न जाने कितने रंग हैं आकार हैं और रूप हैं लेकिन मुझे तो सबसे ज्यादा पसंद है लुभाता है मेरे दिल में उतर जाता है उसका पीला सुनहरी... Hindi · कविता 3 2 507 Share Minal Aggarwal 1 Jun 2021 · 1 min read तुम मेरे ही पेड़ हो एक जड़ एक तना एक टहनी एक फल एक फूल एक पत्ता एक घोंसला एक चिड़िया एक जमीन एक आसमान एक मिट्टी एक बादल एक रास्ता एक मंजिल एक शोर... Hindi · कविता 3 2 342 Share Minal Aggarwal 10 Jun 2021 · 1 min read इस दुख की घड़ी में जिन लोगों के हालात खुद ही इतने बिगड़े हुए हैं विचार हैं तंग और सोच है नकारात्मक वह भला इस दुख की घड़ी में मुझे क्या सम्भालेंगे जब भी मुंह... Hindi · कविता 3 1 298 Share Minal Aggarwal 17 Jun 2021 · 1 min read रिश्तों को तो रिश्तों को तो फूल सा खिला और महकता होना चाहिए किसी पत्ते सा सूखा और बेजान नहीं या फिर रिश्ता होना ही नहीं चाहिए रेगिस्तान की तरह बस चारों तरफ... Hindi · कविता 3 2 296 Share Minal Aggarwal 2 Jul 2021 · 4 min read हमारी सहाय आंटी सहाय आंटी हमारे पड़ोस में रहती थी। हम बच्चों के लिए तो वह आंटी क्या बल्कि हमारी दादी और नानी समान ही थी। दिखने में बेहद खूबसूरत और रोबीली। ठसके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 684 Share Minal Aggarwal 10 Jul 2021 · 1 min read दिल का पोखर दिल का पोखर यूं तो रहता है अक्सर शांत पर यह इंसान है कोई संत नहीं महात्मा नहीं परमात्मा नहीं लाख कोशिश कर ले फिर भी कोई अभद्र व्यवहार या... Hindi · कविता 3 251 Share Minal Aggarwal 13 Jul 2021 · 1 min read मिट्टी में ही मिलना था तो मिट्टी में ही मिलना था तो एक इंसान के रूप में जन्म क्यों लिया इस संसार में आकर किसी ने क्या पाया इस दुनिया को प्रभु ने क्या सोचकर बनाया... Hindi · कविता 3 330 Share Minal Aggarwal 15 Jul 2021 · 1 min read दुनिया में दुनिया दुनिया में दुनिया उस दुनिया में फिर एक और दुनिया जितने लोग उतनी दुनिया जितने जीव उतनी दुनिया जितने रिश्तों के उलझे भंवर उतनी दुनिया जितने मन में उठते भाव... Hindi · कविता 3 190 Share Minal Aggarwal 29 Aug 2021 · 1 min read आज हवा चली तो आज हवा चली तो पेड़ के पत्ते थोड़े से हिल गये थोड़े से यह भी हिले थोड़े से यह भी चले थोड़े से यह भी गये काम से कि खड़े... Hindi · कविता 3 228 Share Minal Aggarwal 5 Dec 2021 · 1 min read रिश्तों की डोर को कभी कसो कभी ढीला छोड़ो ज्यादा खिंचाव ज्यादा कसाव ज्यादा तनाव फिर अन्ततः रिश्तों की डोर को तोड़ ही देगा एक तरफा प्यार एक तरफा अच्छाई एक तरफा रिश्तों की... Hindi · कविता 3 1 191 Share Minal Aggarwal 27 Apr 2024 · 1 min read संवेदना का फूल संवेदना का फूल मेरी बगिया का खिलता हुआ बिखेरता अपनी सुगंध चहुं ओर संवेदना का तारा मेरे आकाश का टिमटिमाता हुआ फैलाता अपनी रोशनी इस छोर से उस छोर संवेदना... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 37 Share Minal Aggarwal 2 Feb 2021 · 1 min read बदकिस्मत वह मेरे घर आये और मुझे कहीं न पाकर ढूंढ ढांढकर वापिस चले गये मैं उनके सामने थी उन्हें देख पाई पर वह मुझे नहीं देख पाये कुछ लोग होते... Hindi · कविता 2 4 308 Share Minal Aggarwal 7 Feb 2021 · 1 min read मेरी वफा की राह में यह सुबह की ओस सी मासूम रंगत पर रात की काली स्याही का रंग मत चढ़ाओ यह दिन सुबह से शाम तक का सफर ठीक से बीत जाने दो मेरी... Hindi · कविता 2 1 214 Share Minal Aggarwal 11 Feb 2021 · 1 min read मेरा नहीं है न आने वाला कल मेरा है न यह आज मेरा है मेरा दिल भी अब तो मेरा नहीं है दिल से बंधी रिश्तों की डोर एक एक करके टूटती चली... Hindi · कविता 2 5 238 Share Minal Aggarwal 15 Feb 2021 · 1 min read किसी की याद को जिंदा को जिंदा नहीं रहने देते मरते को मारते हैं लोग दिल में किसी की याद को जिंदा रखना भी चाहे कोई तो उस जिंदा शख्स को उसकी किसी की... Hindi · कविता 2 416 Share Minal Aggarwal 15 Feb 2021 · 1 min read असमर्थता दुनिया के समक्ष देवता का रूप लेकिन घर में जल्लाद अब तो घर के श्रृंगार कक्ष में लगा बरसों पुराना आईना भी भ्रमित होकर अपनी असमर्थता जताते हुए कहे कि... Hindi · कविता 2 207 Share Minal Aggarwal 16 Feb 2021 · 1 min read बसंत सर्दी का बस अंत हो गया आसमान का रंग सुनहरा और धरती का रंग पीला हो गया सरसों के खेत में पगडंडियों पर पीली परछाइयों सी नाचने लगी पीले फूलों... Hindi · कविता 2 286 Share Minal Aggarwal 17 Feb 2021 · 1 min read यह घर न होता तो यह घर न होता तो हमारे बीच कोई दीवार भी नहीं होती पशुओं की ही तरह गर हम एक खुले मैदान में पहाड़ियों में खेतों में सड़क पर या जंगल... Hindi · कविता 2 223 Share Minal Aggarwal 17 Feb 2021 · 1 min read मेरी जिन्दगी का नशेमन जिन्दगी में कभी पल दो पल की राहत किसी के लिए दिल में चाहत और अपने लिए फुरसत मिलती है तो बस हाथ में एक चाय का कप पकड़कर खयालों... Hindi · कविता 2 2 333 Share Minal Aggarwal 25 Feb 2021 · 1 min read मेरी प्यास का दरिया मेरी प्यास का दरिया सूखता ही नहीं आसमान बरसता रहता है और यह लबालब गले तक भरता रहता है सावन सूख भी जाये पर यह नहीं सूखता है बादल न... Hindi · कविता 2 319 Share Minal Aggarwal 7 Mar 2021 · 1 min read समझाना नहीं है समझ बहुत कुछ आ रहा है लेकिन मुझे किसी को कुछ समझाना नहीं है जब आज तक मेरे घरवाले मुझे ही नहीं समझे तो मुझे दुनिया से उपजी समस्याओं का... Hindi · कविता 2 1 366 Share Minal Aggarwal 8 Mar 2021 · 1 min read शबनम के दलदल में शबनम के दलदल में रेशम के कीड़े से उपज रहे हैं मैं खुद के लिए एक अजनबी बनती जा रही हूं मेरी जिन्दगी के हालात मुझे किसी नाग से डस... Hindi · कविता 2 3 329 Share Minal Aggarwal 9 Mar 2021 · 1 min read रिश्ता निभाने की कला रिश्ता निभाने की कला अब समझ आई अपने को बिल्कुल पराया समझना है और बोलना ही नहीं है न हां करनी है न ना करनी है बस सिर झुकाकर हाथ... Hindi · कविता 2 462 Share Minal Aggarwal 26 May 2021 · 1 min read मैं कोई ताश का पत्ता नहीं मैं कोई ताश का पत्ता नहीं जो तुम उसे एक खेल समझो और जब चाहा उनसे खेलते रहो उन्हें अपने हाथों में लेकर जब तक तुम्हारा मन न भर जाये... Hindi · कविता 2 2 483 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read वज्रपात मैं सोच रही थी कि मौसम सुहावना रहेगा रिमझिम बारिश होगी हवाओं में ठंडक रहेगी लेकिन मेरी सोच के सब विपरीत हुआ धूप, गर्मी और उमस ने हाल बेहाल कर... Hindi · कविता 2 465 Share Minal Aggarwal 3 Jun 2021 · 1 min read ऐसे लोगों से कभी किसी के हाथ धोकर इतना पीछे पड़ना और कभी दिखना ही नहीं एकदम से जड़ से गायब हो जाना ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए यह अक्सर होते हैं... Hindi · कविता 2 2 392 Share Minal Aggarwal 4 Jun 2021 · 1 min read गम एक पहरेदार सा खुशियां जो मनाते हैं दूसरों को बर्बाद करके एक दिन गम फिर उनके दरवाजे पर आकर एक पहरेदार सा जमकर बैठ जाता है कभी न वापिस जाने के लिए। मीनल... Hindi · कविता 2 1 343 Share Minal Aggarwal 6 Jun 2021 · 1 min read इंसान नहीं राक्षस किसी की मौत का भी जो लोग उत्सव मनाते हैं एक पल को भी जो न शोक मनाते हैं वह इंसान नहीं राक्षस कहलाते हैं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार... Hindi · कविता 2 1 288 Share Minal Aggarwal 8 Jun 2021 · 1 min read कोयल सा मीठा जहर भरा हुआ मन में कोयल सा मीठा पर कूकती है दिन रात बांधकर गले में प्यार का झूठा फंदा वह पल पल मेरे मरने का इंतजार करती है। मीनल... Hindi · कविता 2 453 Share Minal Aggarwal 11 Jun 2021 · 1 min read प्यार की ज्योत जलाकर मुझे इंसानों से प्यार है उसे दुनियावी चीजों से उसमें भटकाव है मेरे में ठहराव मैं दिल में प्यार की ज्योत जलाकर जीती हूं वह दिल में बुरी प्रवृत्तियों के... Hindi · कविता 2 319 Share Minal Aggarwal 14 Jun 2021 · 1 min read दिल के घर में मैं तो अपने दिल के घर में रहती हूं दिल के घर में विचरती हूं दिल के घर की चारदीवारी के भीतर बंद हूं मुझे कोई क्या कैद करेगा इन... Hindi · कविता 2 2 461 Share Minal Aggarwal 15 Jun 2021 · 1 min read जीवन के प्रति दृष्टिकोण यह घर छोड़ो यह दुनिया छोड़ो ऐसे बीमार मानसिकता वाले लोगों तुम पहले अपना दिल फिर दिमाग फिर आत्मा फिर नजरिया फिर जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदलो। मीनल सुपुत्री श्री... Hindi · कविता 2 472 Share Minal Aggarwal 16 Jun 2021 · 1 min read यह आसमान का कंचई नीला रंग यह आसमान का कंचई नीला रंग एक शीशे की परत सा उतर आया मेरी आंखों की झील में काले पर्दे पर जैसे सफेद बादलों के परिन्दे से लहरा गये मुझे... Hindi · कविता 2 1 266 Share Minal Aggarwal 18 Jun 2021 · 1 min read फूलों की बातें कर लेते हैं फूलों की बातें कर लेते हैं जो फूलों के बाग में जा न सकें फूल से महबूब के फूलों से महकते ख्वाब सजा लेते हैं जो हकीकत में उसे पा... Hindi · कविता 2 263 Share Minal Aggarwal 3 Jul 2021 · 3 min read अंडा मैं बचपन से ही बहुत शरारती थी। घर में टिक कर नहीं बैठती थी। मौका पाते ही आंख बचाकर अड़ोस पड़ोस में खेलने के लिए भाग जाती थी। उस शाम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 617 Share Minal Aggarwal 3 Jul 2021 · 4 min read डर पर विजय कोरोना काल में मां के आकस्मिक निधन ने जैसे मुझे झकझोर के रख दिया था। यह समय चुनौतीपूर्ण था और उसपर यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन मृत्यु पर तो किसी का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 215 Share Minal Aggarwal 4 Jul 2021 · 4 min read फैक्ट्री का भूत शाम का समय था। मैं पापा के आफिस के बाहर अकेली खेल रही थी। पापा के आफिस से फैक्ट्री धुर अंदर तक दिखती थी। हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 697 Share Minal Aggarwal 5 Jul 2021 · 1 min read दिल के सागर में यह दिल के सागर में जो भंवर उठते रहते हैं उनका किनारा क्या है यह दुनिया के लोग या भगवान का सहारा यह लोग जीवन नैया पार लगायेंगे किसी मंजिल... Hindi · कविता 2 2 260 Share Minal Aggarwal 9 Jul 2021 · 1 min read मौत का सामान यह बारिश की बूंदों की बौछार नहीं अंगारों में लिपटे तीरों की बौछार है यह जो मीठी बोली है इसमें मिला है जहर यह जो प्रेम का इजहार है यह... Hindi · कविता 2 1 344 Share Minal Aggarwal 12 Jul 2021 · 1 min read झूठी सच से लग रहे झूठ को सच साबित करने की कतार में खड़ा एक गवाह और मारा गया कितना बड़ा बोझ उतरा एक झूठी के सिर से सच का आवरण... Hindi · कविता 2 275 Share Minal Aggarwal 13 Jul 2021 · 1 min read कर्मफल यह किस्मत की लकीर बन रही है या मिट रही है इस समय जो लग रहा है गलत क्या उसका भविष्य उज्जवल है वर्तमान में जो घटित हो रहा है... Hindi · कविता 2 325 Share Minal Aggarwal 14 Jul 2021 · 1 min read मुस्कुराहट की बहारों का दरिया कुछ तो सच में बहुत ही खास है जो एक नहीं तीन तीन देवियों के चेहरों पर फैला मुस्कुराहटों का जाल है और यह मुस्कुराहट की बहारों का दरिया तो... Hindi · कविता 2 436 Share Minal Aggarwal 15 Jul 2021 · 1 min read दिल से प्यार जिन्दा भी नहीं मुर्दा भी नहीं इस संसार में विचर रहे आदमी को फिर आखिरकार चाहिए क्या जिन्दा का दिल तोड़ते हैं जब वह मर जाये तो फिर दुनिया को... Hindi · कविता 2 417 Share Minal Aggarwal 16 Jul 2021 · 1 min read मेरे प्रभु जीवन के दरिया के दो किनारे सुख और दुख मेरे जीवन के एक तुम ही सहारे मेरे जन्मदाता मेरे पालनहार मेरी आवाज मेरी पुकार मेरा तन मेरा मन मेरी आत्मा... Hindi · कविता 2 280 Share Page 1 Next