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1 Jun 2021 · 1 min read

तुम मेरे ही पेड़ हो

एक जड़
एक तना
एक टहनी
एक फल
एक फूल
एक पत्ता
एक घोंसला
एक चिड़िया
एक जमीन
एक आसमान
एक मिट्टी
एक बादल
एक रास्ता
एक मंजिल
एक शोर
एक खामोशी
एक खुशबू
एक रंग
अपनी बाहें
चारों दिशाओं में
फैलाये
इन सब जिम्मेदारियों को
अपनी कमर से बांधे
मेरे घर के आंगन में
खड़े
तुम मेरे ही द्वारा रोपित
बीज से बने
पेड़ ही हो ना
तुमने मुझे पहचाना नहीं
तो मैंने यह सवाल
कर लिया
तुमने मुझे पहचान लिया
ना
अपना सिर थोड़ा सा
हिला दो
हां कहने के लिए
तनिक
तिनके भर
झुका दो
मैं समझ जाऊंगी
आसमान से टूटकर
गिर रही पतंग को
अपनी शाखाओं में
फंसा लो
किसी उड़ते हुए पंछी को
अपने आशियाने में
पनाह दो
किसी राहगीर को
अपनी छांव दो
किसी बादल को
अपने ऊपर मंडराने की
जगह दो
किसी प्रेमी युगल को
अपने घने पत्तों में
छिपाकर
इश्क फरमाने की
गुफा दो
किसी कोयल को
अपना राग सबको
सुनाने की
इजाजत दो
किसी को फल
किसी को फूल
किसी को पत्ते
किसी को अपनी लकड़ी
दो
बस बस इतना सब
काफी है
यह थोड़े से इशारे
मेरे लिए पर्याप्त हैं कि
तुम मेरे ही पेड़ हो
मेरी छाया स्वरूप
मेरी कोख से
जन्मे हुए
बिल्कुल मेरे जैसे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 338 Views
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