Comments (4)
2 Feb 2021 04:48 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Minal Aggarwal
Author
5 Feb 2021 06:27 PM
धन्यवाद।
ये नज़र और नज़रिए का फर्क होता है ,
सामने हीरा पड़ा होता है जिसे इंसां ठोकर मार कर गुजर जाता है ,
पारखी का नज़रिया उसी हीरे को तराश़ कर अपनी किस्मत सँवार लेता है ,
श़ुक्रिया !
जी।