Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2021 · 1 min read

बसंत

सर्दी का बस
अंत हो गया
आसमान का रंग सुनहरा और
धरती का रंग पीला
हो गया
सरसों के खेत में
पगडंडियों पर पीली परछाइयों सी
नाचने लगी पीले फूलों की
तितलियां
सबके लबों पे एक मुस्कान खिली
पतझड़ की शाम ढली
बसंत का पीले सितारों की
नारंगी चुनर की पतंग उड़ाता
हर दिशा
पीला प्रकाश फैलाता
मां सरस्वती की स्तुति गाता
सबकी मनोकामनायें पूर्ण करता
एक उज्जवल
सवेरा हो गया।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
हमको गैरों का जब सहारा है।
हमको गैरों का जब सहारा है।
सत्य कुमार प्रेमी
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
"खुश होने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
बनारस का घाट
बनारस का घाट
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आंखों देखा सच
आंखों देखा सच
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
भारत मां की पुकार
भारत मां की पुकार
Shriyansh Gupta
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
भगवान
भगवान
Anil chobisa
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
DrLakshman Jha Parimal
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
Dr fauzia Naseem shad
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ बदलता दौर, बदलती कहावतें।।
■ बदलता दौर, बदलती कहावतें।।
*प्रणय प्रभात*
International plastic bag free day
International plastic bag free day
Tushar Jagawat
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
दर्द
दर्द
Bodhisatva kastooriya
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
2892.*पूर्णिका*
2892.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
Loading...