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15 Jul 2021 · 1 min read

दुनिया में दुनिया

दुनिया में
दुनिया
उस दुनिया में
फिर एक और दुनिया
जितने लोग
उतनी दुनिया
जितने जीव
उतनी दुनिया
जितने रिश्तों के उलझे भंवर
उतनी दुनिया
जितने मन में उठते भाव
उतनी दुनिया
दो हाथों में पकड़ी
बुनाई की सलाइयों पर
एक स्वेटर सी ही
कभी बुनती तो
कभी उधड़ती दुनिया
एक लम्बी सुरंग सी
अंधेरे से भरी दुनिया
एक खाने के बाद
दूसरा खाना
दूसरे के बाद तीसरा
एक जिन्दगी के सफर सी ही
बहुत लम्बी
चौड़ी
फैली हुई
विस्तृत यह सुरंग सी
दुनिया
किसी सिरे पर जाकर रुकती नहीं
कहीं से एक परत भी खुलती नहीं
एक प्रकाश की किरण के
दर्शन की अभिलाषी
एक पपीहे की ही प्यास सी
एक बारिश की बूंद को
तरसती यह दुनिया।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
3 Likes · 188 Views
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