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5 Dec 2021 · 1 min read

रिश्तों की डोर को

कभी कसो
कभी ढीला छोड़ो
ज्यादा खिंचाव
ज्यादा कसाव
ज्यादा तनाव
फिर अन्ततः रिश्तों की डोर को
तोड़ ही देगा
एक तरफा प्यार
एक तरफा अच्छाई
एक तरफा रिश्तों की दरकार से
रिश्ते नहीं चलते
दूसरी तरफ से भी
थोड़ी सी कोशिश
थोड़ी सी चाहत
थोड़ी सी वार्तालाप
आवश्यक है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 191 Views
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