पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" Language: Hindi 206 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Sep 2024 · 2 min read हिंग्लिश में कविता (हिंदी) इंग्लिश वींग्लीश के चक्कर में, मेरा दिमाग झन्नाया है। लिखे थे जो हिंदी में कविता, वो हिंग्लिश में छपाया है।। बन तू- तू, मैं- मैं यु एंड आई, जब आप... Hindi · कविता 65 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 10 Aug 2024 · 5 min read दहलीज़ "माँ जी... ओ माँ जी...!" सपना बहु की आवाज सुन जैसे सावित्री अचानक नींद से जागी हो। अब तक जो अपनी नातिन सुरभि को अंगने में खेलते देख खो सी... Hindi · लघु कथा 1 49 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 6 Jul 2024 · 1 min read मैं अपना यौवन देता हूँ ! माँ यह जीवन बस मेरा है, लो अपना जीवन देता हूँ। पास नहीं कुछ भी देने को, मैं अपना यौवन देता हूँ।। खेल-कूद तेरे आँगन में, यह कद- काठी जो... Hindi · कविता 140 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 May 2024 · 1 min read सरपरस्त क्यों ताक-झांक कर रहे पड़ोसी, इसका मुझको पता नहीं। कब-कब पकी घर मेरे खिचड़ी, इसका मुझको पता नहीं।। हम क्या कहते और क्या सहते हैं, बात नहीं यह अपनें जानें।... Hindi · Humour · Memoir · Poem · कविता · ग़ज़ल 2 161 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 25 Apr 2024 · 1 min read तल्खियां चोट शब्दो के न सह पाते, जिनका स्वाभिमान होता है। वो घाव गहरी दे जाता है जो, शख्स बद्दजबान होता है।। किसी और कि क्या बिसात, ऐसे रिश्ते बिगाड़ दे... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 120 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 15 Apr 2024 · 1 min read उलझनें हर खुशफ़हमियों से अब हमें, मुँह मोड़ना होगा। मुझे वह बिंधते हैं ऐसे, कि बन्धन तोड़ना होगा।। ये रंगत रिश्तों कि जो मुझे, कल तक अज़ीज़ थे। लगाए शक्ल पर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 165 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 10 Apr 2024 · 2 min read मतदान करो और देश गढ़ों! राष्ट्र हेतु बन राष्ट्र हितैषी, हर एक फ़र्ज़ निभाना। कर मतदान तू अपने मन से, राष्ट्रप्रेम दिखलाना।। हैं अधिकार मिले जो साथी, इसे नही ठुकराना। अपना मत देने हेतु तुम,... Hindi · कविता · गीत 1 138 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2024 · 2 min read कैसा कोलाहल यह जारी है....? कोलाहल-कोलाहल कैसा? कोलाहल यह जारी है....। राम आएंगे कब कहाँ से कैसे, उनके आने की तैयारी है।। अरे राम गए थे कहाँ जहां से, वापसी की लाचारी है।। घट-घट वासी... Hindi · कविता 2 219 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Jan 2024 · 3 min read ऑफ्टर रिटायरमेंट चिड़ियों की चहचहाहट सुनकर उनींदी आंखों से जब घड़ी की तरफ देखा, तो धुंधली सी आकृति में छः सवा छः का समय दिखा। तुरंत उठकर तैयार होने वाशरूम की तरफ... Hindi · कहानी · लघु कथा · संस्मरण 2 352 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Jan 2024 · 1 min read मैं नशे में हूँ ! मापनी:- 1222-1222-1222-1222 बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन अभी उनसे हुई है बात मेरी, मैं नशे में हूँ। अभी मदहोश है हालात मेरी, मैं नशे में हूँ।। सभी... Hindi · ग़ज़ल 1 103 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Jan 2024 · 1 min read याद हो आया ! 2222-1222-1222-1222 जब देखे मर्ज वह मेरा, शिफाया याद हो आया। की दौर-ए- मुफ़लिसीयों में, बकाया याद हो आया।। हम उनसे प्यार करने में, खुदा को भूल बैठे थे। कांपी जब... Hindi · ग़ज़ल 1 138 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Jan 2024 · 1 min read रहने दें अभी। मापनी:- 2122-2122-2122-212 बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़ फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन जो कहो तो राज वो हम, राज रहने दें अभी। हर दिखावे का सभी को, नाज़ रहने दें अभी।। नाम... Hindi · ग़ज़ल 1 98 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 25 Dec 2023 · 1 min read सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि ! मैं यूँ तो खुद को, कवि नहीं कहता, बस तुकबंदी वाले, खाँकें बनाता हूँ। मेहनत कर शब्दों को, जोड़ तोड़, अनकहे भावों के, गीत सुनाता हूँ।। भूली बिसरी, कुछ एक... Hindi · कविता 1 115 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Dec 2023 · 2 min read हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... ! हिन्द के सैनिक प्यारे वतन के, निर्भीक पहरेदार हम। हैं जुझारू मुश्किलों वाली, करें चुनौती स्वीकार हम।। कठिनाई के आग पका, लिए कंचन काया धार हम। मातृभूमि की रक्षा खातिर,... Hindi · कविता 1 309 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Dec 2023 · 2 min read सैनिक के संग पूत भी हूँ ! हूँ परिवार का कर्ता-धर्ता, घरबार का बोझ उठाऊँगा। सैनिक के संग पूत भी हूँ, सो पुत्र का धर्म निभाऊँगा।। रूठें बगियाँ या छूटे अंगना, हर रिश्ते पर महकाऊँगा। मिलने वाली... Hindi · कविता 5 4 1k Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Dec 2023 · 1 min read विषय सूची अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें। हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।। कुछ मुक्तक कुछ छड़िकाएँ, कुछ हास्य-व्यंग्य के छीटे हैं।... Hindi · कविता · गीत 1 355 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Oct 2023 · 2 min read एक सलाह, नेक सलाह बेवजह परेशान हैं जो वो, खुद को पत्नी पीड़ित कहते हैं। जो खुद जीना चाहते पर, अपनी पत्नी संग नही जीते है।। वो खुल कर कह पाते नही, कि तू... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 214 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Sep 2023 · 1 min read रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।। रात स्वप्न का खुला झरोखा, भरा कौतुहल अजब अनोखा। कथनी और करनी में अंतर, जीवन भर का लेखा जोखा।। देख देख कर हम पछताये। न स्वप्न हमारा सच हो जाये।।... Hindi · कविता 2 334 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 5 Sep 2023 · 1 min read चंद्रयान-थ्री बचपन मे माँ कहती थी कि, यह चंदा मेरे मामा है। सोचा करता था मैं तब घर, कैसे इनके जाना है।। वहाँ सुनहली बालों वाली, नानी बैठी चरखा लेकर। लाड़... Hindi · कविता 1 236 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 4 Sep 2023 · 1 min read शिक्षक दिवस आज है हम एकत्र, कुछ कहने सुनने के लिए। हम कर रहें हैं मनन, कोई राह चुनने के लिए।। ज्ञान की धारा बहाने वाले, शिक्षको का दिवस। जिसने जीवन खपाया,... Hindi 1 486 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2023 · 1 min read निशान एक ही रहे... (पंचामर छंद) संयोजन :- जगण_ रगण_ जगण_ रगण_ जगण_ गुरु गणावली -: 121_ 212_ 121_ 212_ 121_ 2 निशान एक ही रहे त्रि रंग संविधान में। सचक्र है सहेजते व देख आसमान... Hindi · कविता 346 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Jan 2023 · 1 min read गुरु वंदना (अरसात सवैया) संयोजन -: भगण भगण भगण भगण भगण भगण भगण मगण। 7 भगण, 1 मगण, कुल -: 24 वर्ण! गणावली -: 211- 211- 211- 211- 211- 211- 211- 222। साधक हूँ... Hindi · कविता 190 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 2 min read एक होशियार पति! वाह! क्या कमाल कि आज भोजन बनाई है। लगता है बेगम मेरा प्यार से, कत्ल करने आयी है।। आई लव यू, बस इन सब में नमक थोड़ा ज्यादा है। लगता... Hindi · कविता · हास्य 2 333 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 2 min read हम स्वान नहीं इंसान हैं! वफ़ादारी की उपमा हो क्या? इसका होता कैसे सम्मान हैं। क्योंकि हम स्वान नहीं इंसान हैं।। आपदाओं विपदाओं से हम नहीं घबराते हैं, सेवा परमों धर्म जान अपना फर्ज निभाते... Hindi · कविता 2 2 209 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jan 2023 · 1 min read सिर्फ टी डी एस काट के! वह आईना ली थी बदल, कमजर्फ बरबस छाँट के। फिर भी रही बिगड़ी शकल, सिर्फ टी डी एस काट के।। चैन लूट गया सूद बन, दिखे मूल बहते आँसुओं में।... Hindi · कविता 1 208 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 21 Oct 2022 · 1 min read कैसा अलबेला इंसान हूँ मैं! माना घर का था मैं निगोड़ा वो माना बीबी से मुहँ मोड़ा बेच चाय सी सपने सबको मत पूछो कहाँ किसे मरोड़ा उन्नीस से न यूँ ही बीस बड़ा अब... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 215 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Sep 2022 · 2 min read वतन की बात आओ जरा बैठो तो सही, थोड़ी देर बतियाते हैं। तुम करो मन की बात, हम करें वतन की बात।। मिल जुल कर आओ सारे, उलझन सुलझाते हैं। आओ जरा बैठो... Hindi · कविता 5 2 395 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 13 Jul 2022 · 1 min read नव भारत न डरना है न सहना है, हमें नव भारत फिर से गढ़ना है। सब्र की बाँध है टूट गयी, अब तो हालातो से लड़ना है।। शान्ति के चक्कर मे हम,... Hindi · कविता 5 2 345 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 17 Jun 2022 · 1 min read अग्निवीर देशभक्ति का प्रमाण इन्हें, ऐसा अनचाहा परिवार न दो। अग्निवीर के नाम लुभावने, निहित वर्ष यह चार न दो।। दिल्ली बैठी खिल्ली उड़ाने, हर जवान के चाहत पर। राहत खातिर... Hindi · कविता 3 507 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 8 May 2022 · 1 min read हमारे पापा मेरी ताकत, मेरी शोहरत, मेरी शान हमारे पापा। मेरा जीवन, मेरा अर्पण, मेरी जान हमारे पापा।। सबसे पहले दुनियां का, जिसने ज्ञान दिलाया है। नतमस्तक मै उनके आगे, मेरी पहचान... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 451 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 12 Mar 2022 · 1 min read जंगल मे मतदान शहर की बदलती आबोहवा, जब जा पहुँची जंगल मे। देख भविष्य होता सफल, कई जीव उतर गए दंगल में।। गैंडे ने ले लिया था ज़िम्मा, मतदान सफल कराने की। और... Hindi · कविता 1 652 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 9 Mar 2022 · 1 min read तुम आना इस तरह तुम आना इस तरह से कि, मुझे मेरे होने का एहसास रहे। मेरे सपनों की तपती धरा पर, तेरी शीतलता का आभास रहे।। बहुत भुलाया खुद को मैंने, कितने दिशाहीन... Hindi · कविता 1 216 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 9 Mar 2022 · 1 min read सपनों के आगे कल्पना की उड़ान दृढ़ संकल्पित जन के राह में, बाधा कोई न जन पाए। अवरोधों को पार करे वही, लक्ष्य भेदने जो तन जाए।। तन दुर्बल तज हीन भावना, कायरता की छोड़ निशानी।... Hindi · कविता 1 207 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Mar 2022 · 1 min read मतदान किया ! आज मिला है मौका तो निज, अधिकारों का आह्वान किया। मतदान किया मतदान किया, मैंने स्वेक्षा से मतदान किया।। हाँ मैं जनता हूँ, मैं चुनता हूँ, न व्यर्थ किसी की... Hindi · कविता 1 251 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 5 Mar 2022 · 2 min read मैरी कॉम कभी राम सुना कभी श्याम सुना, कभी कोई बड़ा सा नाम सुना। पर छाती गर्व से फूल उठी तब, जब भारत की बेटी है मैरी कॉम सुना।। अपनी कमी छुपाने... Hindi · कविता 1 2 397 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Mar 2022 · 1 min read ज़िंदगी जीने का सलीका ज़िंदगी जीने का सलीका, शायद हमें आता नही, हम आज को आज ही, खुशहाल में जी लेते हैं। दिन हो चाहे रात हो, या धूप, सर्द, बरसात हो, हम मस्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2022 · 1 min read ठान लूं जो न आंक मुझे कम तर कम कर, जो चाहूं मैं वो कर जाऊं। नही आदम जात की हवा लगी, जो जात पात में बंट जाऊं।। माना कि मैं छोटी हूँ... Hindi · कविता 1 243 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Feb 2022 · 1 min read फाल्गुनी सवैया क्यों आज वासंती बेला में, ऋतूराज हृदय को सोहन आये। यूँ तो जो छलिया न हाथ लगे, ले हाथ गुलाल वो रोहन आये।। ज्यों अधरों की प्यास बढ़ी, भँवरा कलियन... Hindi · गीत 1 378 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Feb 2022 · 1 min read श्राप वैसे तो यह कविता भारतीय सेना की एक सत्य घटना पर आधारित है, परन्तु मैं यहाँ किसी व्यक्ति विशेष या उससे सम्बन्धित किसी स्थान का नाम नही लिखूंगा क्योंकि प्रस्तुत... Hindi · कविता 1 244 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 16 Feb 2022 · 1 min read ये क्या से क्या होती जा रही? इंसानियत न जाने कैसे यहाँ, दो टूक होती जा रही। धर्म पे चिल्लाती आडम्बरों पर, मूक होती जा रही।। घूंघट की आड़ में और कभी, कहीं कहीं हिजाब में। मर्यादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 14 Feb 2022 · 1 min read भूल जाता हूँ! यह गुज़रा वक़्त न होता मयस्सर भूल जाता हूँ! नहीं हो पास तुम मेरे यह अक्सर भूल जाता हूँ!! लो अब वह आदते अपनी सहेजना सीख ली हमने! कि जिसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 291 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 30 Dec 2021 · 1 min read वर्दी आशिष माँ भारती का, कवच से कम इसकी हस्ती नही। दे मोल कोई खरीद ले, यह मिलती इतनी भी सस्ती नही।। चाहते भरति सरफ़रोशी की, जो बलिदानिया रचती रही। अजी... Hindi · कविता 1 447 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 25 Nov 2021 · 1 min read आईना देख लगता है डर अब उजाले में मुझको, क्यों रोशनी मुझको खलने लगी है। आईना देख बेचैन हो जाता है मन, मुझे मेरी निगाहें ही खटकने लगी है।। चहकती फिरेगी कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 6 Jul 2021 · 1 min read तुझ बिन आराम नही होता! जब दर्द शगूफा लगता है, जब दवा से काम नही होता। तब एक सहारा जीने का, रब शुक्राना जाम वही होता।। वह दौर अलग था जब मेरे, आगे पीछे थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 636 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Jul 2021 · 6 min read आज़ादी! "बेटी है तो बेटी की तरह रहें, पढ़-लिख ली तो क्या अपनी मर्जी की करेगी? बेटियों को हमेशा पर्दे में रहना चाहिए, वो बेटा थोड़े ही न है जो बंदिश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 522 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Jul 2021 · 1 min read दे विदा ऐ ज़िंदगी!! तेरे हर पल पल के प्याले, ले घूंट घूंट कर पिया, कड़वाहट भरे स्वाद झूठे, चासनी से भर लिया। तीखे मीठे नोक झोंक में, देख थमी आवारगी, हो गया हो... Hindi · गीत 2 1 626 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 27 May 2021 · 1 min read बरसात पहली बरसात और इन, बूँदों की फ़रमाहिशें। कर रही कुछ ख्वाहिशें, हम सबसे ये बारिशें।। ये बादलों की साज़िशें, ये मस्तियां बरसात की। रह गयी अधूरी चाहते, दिल मे उठे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 679 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read एक पहेली अष्टावक्र ने सर्व लोक से, बस एक सवाल ये पूछ लिया, आठो पहर पढ़ सप्त ऋषियों ने, वेदों से क्या सिख लिया। सारे अजूबे कलयुग में, शून्य आकाश से कैसे... Hindi · मुक्तक 2 1 508 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read अग्निपरीक्षा आस करी थी प्यार की पर, वह विश्वास भी भली रही! हर युग, हर काल में केवल, क्यों ये नारी ही छली गयी!! मर्यादा की मर्यादित संगनी, अग्निपरीक्षा में जली... Hindi · कविता 2 2 276 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read हिंदी अपनी पहचान रहे सूट बूट टाई बेल्ट लगा, गिट पिट गिट पिट बोलने वाले। क्या जाने पगड़ी की मर्यादा, सबको धन से तोलने वाले।। सब भाषा थी एक समान पर, अंग्रेजी को दर्जा... Hindi · कविता 1 547 Share Page 1 Next