VINOD CHAUHAN Tag: V9द चौहान 234 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 20 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहाँ प्रेम सद्भाव सबके... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 18 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है ख़ाक मुझको भी होना है............ मैं हिन्दू हूँ तूँ मुस्लिम है बता कहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 26 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सुना है हमने दुनिया एक मेला है सुना है हमने दुनिया एक मेला है तो हर आदमी दिखता क्यों अकेला है भला कैसे ये दुनिया एक मेला है--सुना है हमने लोग भीड़ में भी अकेले नजर आते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 24 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया बेरोजगारी ने शिक्षित को मजबूर बना दिया दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया सोचता हूँ आज क्यों दब गई आवाज रुठी कलम नाराज हमसे कायदा हुआ शिक्षित होना... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 19 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई राह मिली जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई चाह दिखी जब काँटो में फूल खिला देखा ना उगता बबूल मरूस्थल में तो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 18 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read परछाईयों की भी कद्र करता हूँ अरे अपनों की तो बात ही क्या मैं गैरों से मोहब्बत करता हूँ सच कहता हूँ इंसान तो क्या मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूँ जग से भी क्या... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 18 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं--लो फिर हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 21 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read आज बगिया में था सम्मेलन आज बगिया में था सम्मेलन फूलों का और कलियों का लिए शिकायत खड़े हुए थे सब अपनी मंडलियों का कमल सुने फूलों की दूविधा दूर खड़ा हो पानी में तितली... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 2 27 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मेघों का इंतजार है मेघों का इंतजार है हाँ मेघों का इंतजार है तपन भी है और जलन भी है मिलन की वही एक लगन भी है चाहत है दरकार है--मेघों का इंतजार है... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 28 Share VINOD CHAUHAN 2 May 2024 · 1 min read मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना ) मैं प्रगति पर हूँ आदम से आदमी बन गया हूँ प्राचीन से आधुनिक बन गया हूँ ना मानवता की फिक्र मुझे ना प्रकृति की फिक्र मुझे मैं मनमानी करता हूँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 1 2 36 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले सो सो बार रुलाते हैं आज मुझको हँसाने वाले नज़र बचा कर चलते है वो मुझको चाहने वाले दिल अगर रोता है हमारा तो वो मुस्कुराते हैं दिल बहलाना है... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 30 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है याद आती है तुम्हारी तो दिल भी मुस्कुराता है माना दूरियां हो चली हैं अ सनम तुमसे हर लम्हा तुम्हारा ही अह्सास... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 31 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 68 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहाँ प्रेम सद्भाव सबके... V9द चौहान · कविता 1 62 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है खुदा ने खूबसूरत है दुनिया बनाई मुबारक खुदा को ये उसकी खुदाई... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 38 Share VINOD CHAUHAN 27 Mar 2024 · 1 min read वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज) अरे! वो तेरा है ना तेरा था ना तेरा वो कभी होगा सवेरा है ये दो पल का अंधेरा भी कभी होगा भ्रम है ये जी रहा जिसमें छोड़ इस... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 56 Share VINOD CHAUHAN 24 Mar 2024 · 1 min read आई होली आई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली बच्चे भर-भर पिचकारी मारें बीच रास्ते सब गुब्बारे मारें मस्ती के पल... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 37 Share VINOD CHAUHAN 19 Mar 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज) जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाॅ॑ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 79 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है वो स्वर्ग कहाॅ॑ किसने देखा कहां इंद्रलोक है ज्ञात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 6 91 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज) जबसे मानव ने जन्म लिया देखो तबसे ही भटक रहा जीवन की विहंगम राहों में मिला नहीं सत्यसार मगर बचपन में खेला खूब सुनो सपने ही सपने थे ऑ॑खों में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 4 66 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से क्यों मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 43 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ कोई रास्ता दिखा, मेरे खुदा मैं क्या करूॅ॑ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत करूॅ॑ पूछता हूँ तुझी से अब, बता मैं क्या करूँ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 74 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए, मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 70 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read अब मेरी मजबूरी देखो मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............. जिनके काम किए हैं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 52 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है वो साथ है तो फिर मुझे क्या फिक्र है पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है पति मेरा मेरी जिंदगी का ............ लग्न हुआ तो उनके खयाल देखने लगी नव... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 61 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read उस रावण को मारो ना राम मिलेगा खुद के अंदर गुण हृदय में धारो ना जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना---जो ढूंढ रहे हो मंदिर मंदिर राम नाम की रटते... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 61 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ गम हो कोई तो भी गुनगुना के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस.......... जिंदगी में चाहे अनगिनत सवाल रखता हूॅ॑ कोई खफा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 68 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें रुक सी गई हैं काली घटाएं झुक सी गई हैं जबसे आए हो तुम जिंदगी में सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं-सागर की लहरें जाग उठी हैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 46 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर लोग किस्मत का मारा समझने लगे हमने औरों को मंजिल दिखाई मगर लोग हमको बंजारा समझने लगे--हमने किस्मत से दुनिया को था भ्रम टूट... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 44 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read जब दादा जी घर आते थे सबके ह्रदय खिल जाते थे जब दादा जी घर आते थे--जब दादा जी छाता लेकर घर से जाना थैला लेकर घर में आना हमें देखकर बस मुस्काते थे--जब दादा जी... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 66 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read दादी माॅ॑ बहुत याद आई सपने में दी आज दिखाई दादी माॅ॑ बहुत याद आई---दादी माॅ॑ सपनों में जब कभी आती है जैसे कि रूबरू हो जाती है बहुत देर वह बतियाती है फिर खो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 65 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन में थे सवा शेर बचपन में थे सवा शेर जो यौवन आते वो शेर हो गए सच्चाई इन शेरों की सुनिए शादी होते सब ढ़ेर हो गए---बचपन में जानें कैसा जीवन आया भूले अपना... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 62 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन याद बहुत आता है बचपन याद बहुत आता है आज भी मन में मुस्काता है बचपन याद जिद्द करना वो कसमें वायदे मचल आती बचपन की यादें बीता पल यूॅ॑ महक जाता है बचपन... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 64 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे न्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल जहाॅ॑ मिले ममता की छाया होता है वह माॅ॑ का ऑ॑चल--सबसे प्यारा हर दुविधा में माॅ॑ का ऑ॑चल हर पीड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 57 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read जिस नारी ने जन्म दिया जिस नारी ने जन्म दिया उसकी कोंख लजाते क्यों जिस ऑ॑चल में बचपन बीता उसी से मुॅ॑ह छिपाते क्यों जिस नारी ने जन्म दिया............... शर्म हया काफूर हुई सब लाज... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 53 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read हर तरफ खामोशी क्यों है दिल हैरान है हर तरफ खामोशी क्यों है लोग सहमें और चेहरों पर उदासी क्यों है------दिल बुझे-बुझे से लगते हैं खयालात सबके मेरे जैसे ही क्यों लगते हैं हालात सबके... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 82 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो पीछे कदम हटाना ना विकट समय में रख हौसला अपने होश गंवाना ना अच्छा माॅ॑झी नांव कभी भी बीच मंझधार नहीं छोड़े आंधी और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 108 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ अब नूर-ए-जिंदगी है हद हो चुकी है पार हया न शर्मिंदगी है रोज होते हैं उपवास और रोज़े यहां पर मगर न तो खुदा न खुदा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 68 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अरे कोई बताएगा-क्या कोई बताएगा कहीं महफ़िल तो कहीं ये तन्हाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑......... कौन किसका क्या ले जाता है झूठा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 68 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read यह नफरत बुरी है ना पालो इसे यह नफरत बुरी है ना पालो इसे दिलों में खलिश है निकालो इसे--यह नफरत न तेरा न मेरा न इसका न उसका है सबका वतन ये बचा लो इसे--यह नफरत... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 100 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read कोई भोली समझता है कोई भोली समझता है कोई कोमल समझता है कोई औरत को बस ममता की एक मूर्त समझता है जन्म जिसने दिया मुझको तुम्हें और इस सृष्टि को उसी देवी को... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 86 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी खिलखिला लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं.......... काम है बहुत से ये जिंदगी दो पल की पल... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 79 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ पवित्र पूजनीय प्रफुल्लित छायामयी हरित हर्षित मैं पीपल का पेड़ कितने ही युग हैं गए गुजर मैं जिंदा यूॅ॑ खड़ा अमर मैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 92 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read परिंदा खुश किस्मत आजाद परिंदा बेघर पर आबाद परिंदा आसमान में उड़ने वाला सबको आता याद परिंदा पिंजरे में कोई कैद ना करना करता है फरियाद परिंदा भोर का तारा ज्यों... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 138 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे मैं जो कहता हूॅ॑ खुदा कसम मान जाओगे ये जिंदगी है तुम्हारी सुनो एक अबुझ पहेली आसान दिखती है मगर नहीं आसान... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 103 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना मुरीद रखता हूॅ॑ ना मेहरबान रखता हूॅ॑ अगर कुछ रखता हूं-अगर कुछ रखता हूॅ॑ देखो अलग सोच है अलग पहचान रखता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 111 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं डूबता सूरज हूॅ॑ या कोई टूटा हुआ ख्वाब हूॅ॑ मैं बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूॅ॑ मैं महफिलों में हॅ॑सता रहा धड़कनों में बसता रहा लबलबाते जाम से... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 104 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते कौन कहता है कि इनके अरमाॅ॑ नहीं होते छुपा लेते हैं ओंश के रूप में ये ऑ॑सू दर्द दिल के इनके कभी भी बयाॅ॑... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 83 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read है नसीब अपना अपना-अपना किसको क्या मिले हैं नसीब अपना-अपना खुशियां मिले या गम है नसीब अपना-अपना राहें जुदा-जुदा हैं सुख-दुख की जिंदगी में मिले कौन सी डगर ये है नसीब अपना-अपना कोई पूजता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 79 Share Previous Page 2 Next