Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
152 posts
एक ही नारा
एक ही नारा
kumar ashok3
शीश महल तू और खण्डर मैं
शीश महल तू और खण्डर मैं
kumar ashok3
कागज़ की क़लम से
कागज़ की क़लम से
kumar ashok3
मुझसे तुम यूँ
मुझसे तुम यूँ
kumar ashok3
गर देश में मेरे रहने होगा
गर देश में मेरे रहने होगा
kumar ashok3
ऐसी चोट खाई दिल ने
ऐसी चोट खाई दिल ने
kumar ashok3
वो तेरी गुफ्तगू
वो तेरी गुफ्तगू
kumar ashok3
मेरी तो जिंदगी भी
मेरी तो जिंदगी भी
kumar ashok3
मजबूर है पर बेवफ़ा नहीं हम
मजबूर है पर बेवफ़ा नहीं हम
kumar ashok3
तुम हँस दो गर
तुम हँस दो गर
kumar ashok3
कितने लगे घाव क़लम से
कितने लगे घाव क़लम से
kumar ashok3
मैं आज किसी और को
मैं आज किसी और को
kumar ashok3
अब क्या लिखूं तुझपर
अब क्या लिखूं तुझपर
kumar ashok3
कब तक याद रखें हम प्रेमचंद, महादेवी वर्मा को
कब तक याद रखें हम प्रेमचंद, महादेवी वर्मा को
kumar ashok3
मासूम ही तो है
मासूम ही तो है
kumar ashok3
वंदे मातरम के सँग सबको नचाये
वंदे मातरम के सँग सबको नचाये
kumar ashok3
जिंदगी कब तक तू
जिंदगी कब तक तू
kumar ashok3
गांव से आया था
गांव से आया था
kumar ashok3
लगा डालूं फेक्ट्री गीत गज़लों की
लगा डालूं फेक्ट्री गीत गज़लों की
kumar ashok3
अशोक तो मां बाप को भगवान रूप में
अशोक तो मां बाप को भगवान रूप में
kumar ashok3
मेरे कांच के घरों में
मेरे कांच के घरों में
kumar ashok3
टूटकर बिखर गया आईना
टूटकर बिखर गया आईना
kumar ashok3
चाँद छत से आकर
चाँद छत से आकर
kumar ashok3
क्यों खाती तू मुझे देखकर
क्यों खाती तू मुझे देखकर
kumar ashok3
नागिन बन विष फैलाती यहां ममता
नागिन बन विष फैलाती यहां ममता
kumar ashok3
मां बाप के बिन ख़ुशी अधुरी
मां बाप के बिन ख़ुशी अधुरी
kumar ashok3
क्या मुद्दा मुद्धाहीन को मिल गया उपहार
क्या मुद्दा मुद्धाहीन को मिल गया उपहार
kumar ashok3
यहाँ सड़के भी हो क़ातिलों के नाम पर
यहाँ सड़के भी हो क़ातिलों के नाम पर
kumar ashok3
मार डाला ज़मीर
मार डाला ज़मीर
kumar ashok3
किसका कन्धा पकड़े जाकर हम
किसका कन्धा पकड़े जाकर हम
kumar ashok3
मिलाकर थोड़े खुबसूरत ख़्वाब
मिलाकर थोड़े खुबसूरत ख़्वाब
kumar ashok3
टूटकर भी सच कंभी कहता नहीं
टूटकर भी सच कंभी कहता नहीं
kumar ashok3
यह मेरे भी कुछ ख़त मोह्हबत क़े नाम
यह मेरे भी कुछ ख़त मोह्हबत क़े नाम
kumar ashok3
जो देख रहे है मेरा काँच
जो देख रहे है मेरा काँच
kumar ashok3
आज उसकी आँखों मे देखा
आज उसकी आँखों मे देखा
kumar ashok3
आज बनकर आये है फ़िर से
आज बनकर आये है फ़िर से
kumar ashok3
कोतवाली में आशिक
कोतवाली में आशिक
kumar ashok3
हमारी पद्मा रानी मां पर
हमारी पद्मा रानी मां पर
kumar ashok3
क्यो खाती देखकर मुझको तू
क्यो खाती देखकर मुझको तू
kumar ashok3
हम खाकी वाले है
हम खाकी वाले है
kumar ashok3
जनाजा शराफ़त का न
जनाजा शराफ़त का न
kumar ashok3
हमारे अनन्त प्रेम का साक्षी
हमारे अनन्त प्रेम का साक्षी
kumar ashok3
किसी और के दिल की पारिजात
किसी और के दिल की पारिजात
kumar ashok3
मुँह पे मुखोटा
मुँह पे मुखोटा
kumar ashok3
आज पानी पर हाथों से
आज पानी पर हाथों से
kumar ashok3
हादसों के शहर में
हादसों के शहर में
kumar ashok3
हम सब भारत माता की
हम सब भारत माता की
kumar ashok3
आओ हिन्दवासियो
आओ हिन्दवासियो
kumar ashok3
कौन से शहर में जाये
कौन से शहर में जाये
kumar ashok3
कठपुतली का शहर बना
कठपुतली का शहर बना
kumar ashok3
Page 1
Loading...