Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2021 · 1 min read

मुँह पे मुखोटा

हमने पहनी वर्दी,ले भारत माँ का नाम
सुंदर छवि आँखों में शोभित अभिराम

उस गुलशन का उगता सूरज हूँ मैँ तो
कहलाती वीरों की है जो पावन धाम

वीर योद्धा हम कोरोना के कहलायेंगे
घर मे रहों सुरक्षित देते है यही पैगाम

मुँह पे मुखोटा कुछ भी लगा लेना तूम
हाथ धोने की ठान लो सुबह औ शाम

धरती भी हरी चुनर पहन लगी नई नई
लोकडाउन के पालन ने धोये जब घाम

अपना के समाजिक दूरी को ले शपथ
छोड़ा मयखाना तो तोडें हाथों से जाम

काट कर नफ़रत के शज़र तुम सुन लो
माँ बाप के चरणों में है ठहरें चार धाम

एक वर्दी वाले के मन की बात

1 Comment · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
Taj Mohammad
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
Ranjeet kumar patre
■ 100% यक़ीन मानिए।
■ 100% यक़ीन मानिए।
*Author प्रणय प्रभात*
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
"सुगर"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
Shweta Soni
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
Shubham Pandey (S P)
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
कुछ करो ऐसा के अब प्यार सम्भाला जाये
shabina. Naaz
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
तेरा बना दिया है मुझे
तेरा बना दिया है मुझे
gurudeenverma198
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
Radhakishan R. Mundhra
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
गरम समोसा खा रहा , पूरा हिंदुस्तान(कुंडलिया)
गरम समोसा खा रहा , पूरा हिंदुस्तान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Pratibha Pandey
दूसरी दुनिया का कोई
दूसरी दुनिया का कोई
Dr fauzia Naseem shad
Loading...