Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

बगुले तटिनी तीर से,

बगुले तटिनी तीर से,
छुप – छुप देखे मीन ।
मौका मिलते प्राण को,
छद्मी लेते छीन ।।

सुशील सरना / 7-2-24

68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
महसूस होता है जमाने ने ,
महसूस होता है जमाने ने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*ताना कंटक सा लगता है*
*ताना कंटक सा लगता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
मेरे रहबर मेरे मालिक
मेरे रहबर मेरे मालिक
gurudeenverma198
जीवन रंगों से रंगा रहे
जीवन रंगों से रंगा रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ए'लान - ए - जंग
ए'लान - ए - जंग
Shyam Sundar Subramanian
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"When the storms of life come crashing down, we cannot contr
Manisha Manjari
"दोस्ती का मतलब"
Radhakishan R. Mundhra
“मंच पर निस्तब्धता,
“मंच पर निस्तब्धता,
*Author प्रणय प्रभात*
विरह
विरह
Neelam Sharma
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Just try
Just try
पूर्वार्थ
हे चाणक्य चले आओ
हे चाणक्य चले आओ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
श्रेष्ठता
श्रेष्ठता
Paras Nath Jha
एक मुट्ठी राख
एक मुट्ठी राख
Shekhar Chandra Mitra
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विरह वेदना फूल तितली
विरह वेदना फूल तितली
SATPAL CHAUHAN
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
Dr Manju Saini
निशाना
निशाना
अखिलेश 'अखिल'
वो भी तन्हा रहता है
वो भी तन्हा रहता है
'अशांत' शेखर
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
Loading...