Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2023 · 1 min read

गरम समोसा खा रहा , पूरा हिंदुस्तान(कुंडलिया)

गरम समोसा खा रहा , पूरा हिंदुस्तान(कुंडलिया)
————————————————-
गरम समोसा खा रहा , पूरा हिंदुस्तान
यूपी और बिहार हो ,या फिर राजस्थान
या फिर राजस्थान ,सभी के मन को भाता
आलू इसका प्राण ,भरा सुंदर – सा जाता
कहते रवि कविराय ,प्लेट में गया परोसा
दो खाकर मन तृप्त ,चाय से गरम समोसा
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
एक अदद इंसान हूं
एक अदद इंसान हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
Santosh Soni
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
Kishore Nigam
मोहब्बत
मोहब्बत
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
It's not about you have said anything wrong its about you ha
It's not about you have said anything wrong its about you ha
Nupur Pathak
क्या देखा
क्या देखा
Ajay Mishra
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
Kavita Chouhan
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
कौन कहता है आक्रोश को अभद्रता का हथियार चाहिए ? हम तो मौन रह
DrLakshman Jha Parimal
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
सीरत
सीरत
Shutisha Rajput
होंगे ही जीवन में संघर्ष विध्वंसक...!!!!
होंगे ही जीवन में संघर्ष विध्वंसक...!!!!
Jyoti Khari
कहाँ लिखता है
कहाँ लिखता है
Mahendra Narayan
उधेड़बुन
उधेड़बुन
मनोज कर्ण
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"तवा"
Dr. Kishan tandon kranti
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
Rajesh Kumar Arjun
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कबीर का पैगाम
कबीर का पैगाम
Shekhar Chandra Mitra
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
न्याय के लिए
न्याय के लिए
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
Loading...