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4 Jun 2023 · 1 min read

एक अदद इंसान हूं

हां मैं यूनिक हूं, एक अदद इंसान हूं
८४ लाख जीव में, मैं ही तो महान हूं
आदमी को ईश्वर ने अलग ही गढ़ा है
सभी चलते हैं पेट के बल, आदमी केवल खड़ा है
सभी जीव धारियों में,खाने पीने निद्रा मैथुन का ही ज्ञान है
आदमी ही है जिसमें,नया करने का ज्ञान है
ज्ञान और बुद्धि से,कई सभ्यताएं गढ़ी हैं
इंसानियत की ऊंचाईयां, नित नई खड़ी हैं
हर जीव से अलग, बुद्धि और विवेक है
८४ लाख जीव में,यूनिक इंसान एक है
इंसान के हाथ, सर्वे श्रेष्ठ लीवर हैं
ज्ञान और विज्ञान के, नए नए कलेवर हैं
शिल्प साहित्य कला, अदभुत निखारी है
आदमी ही तो है,जो सभी पर भारी है
बंधु मैं हूं आदमी, ईश्वर की अनुपम देन हूं
नायाव हूं नाचीज़ हूं, मैं भी उसी का बीज हूं
सबसे यूनिक सबसे अलग, इंसान मैं नाचीज़ हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 463 Views
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